नासा के जेम्स वेब अंतरिक्ष टेलिस्कोप ने दुनिया को हिला कर रख दिया है! दुनियाभर के अंतरिक्षप्रेमियों को जिसका इंतजार था, वह घड़ी आ गई। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की ब्रह्मांड की ली हुई पहली रंगीन तस्वीर दुनिया के सामने आ गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ब्रह्मांड की सबसे गहराई तक ली गई तस्वीर को जारी किया। नासा ने कहा कि इस तस्वीर ने उन आकाशगंगाओं को इंसानों को दिखाया है जो अभी दुनिया के लिए अदृश्य बनी हुई थीं। दुनिया के सबसे शक्तिशाली और सबसे लंबे इस जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने अनंत अंतरिक्ष के इस रहस्य से पर्दा उठाया है।
नासा ने जिस तस्वीर को जारी किया है, यह आकाशगंगा क्लस्टर SMACS 0723 की है। नासा ने कहा कि इस एक रंगीन तस्वीर में ही हजारों की तादाद में आकाशगंगा मौजूद हैं। इस टेलिस्कोप ने एक तरह से टाइम ट्रेवेल कराया। नासा ने कहा कि यह तस्वीर 4.6 अरब साल पहले आकाशगंगा क्लस्टर SMACS 0723 कैसा था, इसे दिखाता है। इस गैलक्सी क्लस्टर का संयुक्त मास (द्रव्यमान) एक गुरुत्वीय लेंस का काम करता है। इसके पीछे कई और ज्यादा आकाशगंगाएं मौजूद हैं जो इस लेंस की वजह से दिखाई देती हैं। नासा का यह जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप शुरुआती आकाशगंगाओं की जांच कर रहा है जिससे शोधकर्ताओं को उनके मास (द्रव्यमान), आयु, इतिहास और बनावट के बारे में जानने का रास्ता खुलेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि जेम्स वेब टेलिस्कोप की पहली तस्वीर विज्ञान और तकनीक, खगोलविज्ञान, अंतरिक्ष की खोज, अमेरिका और पूरी मानवता के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। बाइडन ने कहा कि ये तस्वीरें दुनिया को यह याद दिलाती हैं कि अमेरिका बड़ी चीजें कर सकता है और अमेरिकी जनता खासकर बच्चों को यह बताती हैं कि कुछ भी हमारी क्षमता के बाहर नहीं है। हम उन संभावनाओं को देख सकते हैं जिसे अब तक कभी नहीं देखा गया था। हम उन जगहों पर जा सकते हैं, जहां पहले कभी नहीं जाया जा सका था।
नासा के जेम्स वेब टेलिस्कोप ने इन्फ्रारेड ब्रह्मांड के सबसे अधिक रेजोल्यूशन वाली तस्वीरों को जारी किया है जिसे नियर इन्फ्रारेड कैमरा ने खींचा है। इससे उन कभी नहीं देखे गए छोटे, मुरझाए ढांचे, सितारों के क्लस्टर पर वैज्ञानिकों का ध्यान गया है। जेम्स वेब की पहली रंगीन तस्वीर नहीं है बल्कि यह अब तक की सुदूर ब्रह्मांड की यह सबसे गहरी इन्फ्रारेड तस्वीर है। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि इस तस्वीर में एक मुट्ठी के बराबर अंतरिक्ष के हिस्से को समेटा गया है। यह अनंत ब्रह्मांड का एक बहुत छोटा सा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह मिशन इंसान की सूझबूझ के कारण संभव हुआ है। यह अभी केवल उसकी शुरुआत है जिसे हम भविष्य में हासिल कर सकते हैं।
इस तस्वीर को विभिन्न तस्वीरों को मिलाकर बनाया गया है जिसमें कई सप्ताह का समय लगा। इस तस्वीर को नासा के हब्बल टेलिस्कोप से अब तक खींचा नहीं जा सका था। जेम्स वेब प्रॉजेक्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक जॉन माथेर ने इस टेलिस्कोप को आकाश में गोल्डेन आई करार दिया। यह तस्वीर जेम्स वेब से खींची गई कई रंगीन तस्वीरों में से एक है। नासा अभी जेम्स वेब की कई और तस्वीरों को जारी करेगी। नासा ने इस टेलिस्कोप को 10 हजार वैज्ञानिकों की फौज से मिलकर बनाया है। नासा के नए टेलिस्कोप में एक गोल्डेन मिरर लगा हुआ है। इसकी चौड़ाई करीब 21.32 फीट है। यह मिरर बेरिलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है। हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है। इसे बनाने में 10 अरब डॉलर खर्च हुए हैं।
नासा के जेम्स वेब टेलिस्कोप ने इन्फ्रारेड ब्रह्मांड के सबसे अधिक रेजोल्यूशन वाली तस्वीरों को जारी किया है जिसे नियर इन्फ्रारेड कैमरा ने खींचा है। इससे उन कभी नहीं देखे गए छोटे, मुरझाए ढांचे, सितारों के क्लस्टर पर वैज्ञानिकों का ध्यान गया है। जेम्स वेब की पहली रंगीन तस्वीर नहीं है बल्कि यह अब तक की सुदूर ब्रह्मांड की यह सबसे गहरी इन्फ्रारेड तस्वीर है। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि इस तस्वीर में एक मुट्ठी के बराबर अंतरिक्ष के हिस्से को समेटा गया है। यह अनंत ब्रह्मांड का एक बहुत छोटा सा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह मिशन इंसान की सूझबूझ के कारण संभव हुआ है। यह अभी केवल उसकी शुरुआत है जिसे हम भविष्य में हासिल कर सकते हैं।
इस तस्वीर को विभिन्न तस्वीरों को मिलाकर बनाया गया है जिसमें कई सप्ताह का समय लगा। इस तस्वीर को नासा के हब्बल टेलिस्कोप से अब तक खींचा नहीं जा सका था। जेम्स वेब प्रॉजेक्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक जॉन माथेर ने इस टेलिस्कोप को आकाश में गोल्डेन आई करार दिया। यह तस्वीर जेम्स वेब से खींची गई कई रंगीन तस्वीरों में से एक है। नासा अभी जेम्स वेब की कई और तस्वीरों को जारी करेगी। नासा ने इस टेलिस्कोप को 10 हजार वैज्ञानिकों की फौज से मिलकर बनाया है। नासा के नए टेलिस्कोप में एक गोल्डेन मिरर लगा हुआ है। इसकी चौड़ाई करीब 21.32 फीट है। यह मिरर बेरिलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है। हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है। इसे बनाने में 10 अरब डॉलर खर्च हुए हैं।