जानिए ताजमहल की डायना बेंच के बारे में सब कुछ!

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आज हम आपको ताजमहल की डायना बेंच के बारे में जानकारी देने वाले हैं! दुनिया के 7 अजूबों में शामिल ताजमहल को देखने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी लोग आते हैं। यहां आए लोगों के दो ही सपने होते हैं। एक तो ताजमहल की चोटी पकड़ते हुए फोटो क्लिक करवाना और दूसरा ताजमहल के सामने बनी बेंच पर बैठकर तस्वीर क्लिक करवाना। अगर आप भी कभी ताजमहल का दीदार करने गए होंगे तो इन दो पोज में तस्वीर जरूर क्लिक करवाई होगी। आज हम उसी बेंच की कहानी बताने वाले हैं कि एक बेंच टूरिस्ट की इतनी पसंदीदा क्यों हो गई। ताजमहल की तरह ये बेंच भी सफेद संगमरमर से बनी हुई है। ऐसे में हर कोई यही सोचता है कि इस बेंच को भी शाहजहां ने ताजमहल के साथ बनवाया होगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। इस डायना बेंच को 1902 में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन आगरा आए थे। उन्होंने ही अपने कार्यकाल में इसे बनवाया था। दरअसल उन्होंने अपने कार्यकाल में ताजमहल में कई बदलाव किए थे। जिसमें लंबे- लंबे पेड़ों की कटाई की गई थी। उसी दौरान 1907-1908 में संगमरमर की चार बेंच लगाई गई थी। जिसमें से एक बेंच ये भी है।

अगर आप ताजमहल देखने गए होंगे तो आपने भी ये बेंच जरूर देखी होगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बेंच का एक नाम भी है। आपके पल को यादगार बनाने वाली इस बेंच को ‘डायना बेंच’ कहते हैं। चलिए फिर आपको इस बेंच के नाम के पीछे की कहानी बताते हैं। दरअसल 1992 में प्रिंसेस डायना ताजमहल का दीदार करने भारत आई हुई थीं। उस दौरान उन्होंने इस बेंच पर बैठकर अकेले तस्वीर क्लिक करवाई। उनकी उस तस्वीर को पूरी दुनिया ने पसंद किया था। जिसके बाद से ही ताजमहल की ये बेंच डायना बेंच के नाम से फेमस हो गई।

ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने 1632 से 1648 के बीच करवाया था। बता दें कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज की मृत्यु के बाद बेगम की याद में बनवाया था। ताजमहल एक मकबरा और प्यार की निशानी है। जिसे देखने के लिए विदेशों से लोग आते हैं। माना जा रहा है कि अब राम मंदिर की वजह से अयोध्या क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे। बीते कुछ साल में लखनऊ में भी पर्यटक बढ़े हैं। यहां साल 2022 में करीब 57.55 लाख पर्यटक आए थे। इनमें 3401 विदेशी थे। वहीं, साल 2023 में सितंबर तक करीब 42.14 लाख पर्यटक आए। वाराणसी आने वाले पर्यटक बड़ी संख्या में लखनऊ भी आ रहे हैं।ब्रिटेन की प्रिंसेस डायना हो या अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप हो हर किसी ने इस बेंच पर बैठकर तस्वीर क्लिक कराई है। इसकी लोकप्रियता बढ़ने की एक बड़ी वजह तो ये भी है कि ये बेंच ताजमहल के बिल्कुल सीध में कुछ दूरी पर है। जिसके कारण इस बेंच पर बैठने के बाद पीछे फ्रेम में पूरा ताजमहल आ जाता है। जिसे कैमरे से क्लिक करके उस पल को हमेशा के लिए टूरिस्ट तस्वीर में कैद कर लेते हैं।

अमेरिकी कंपनी जेफ्फेरिज इक्विटी रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, मक्का में हर साल करीब दो करोड़ और वेटिकन सिटी में 90 लाख तीर्थयात्री आते हैं। इनके मुकाबले अयोध्या में हर साल पांच से दस लाख तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक ताजमहल के कारण आगरा रीजन में आते हैं। माना जा रहा है कि अब राम मंदिर की वजह से अयोध्या क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे। बीते कुछ साल में लखनऊ में भी पर्यटक बढ़े हैं। यहां साल 2022 में करीब 57.55 लाख पर्यटक आए थे। इनमें 3401 विदेशी थे। वहीं, साल 2023 में सितंबर तक करीब 42.14 लाख पर्यटक आए। वाराणसी आने वाले पर्यटक बड़ी संख्या में लखनऊ भी आ रहे हैं।

यूपी के धार्मिक स्थलों के लिए पर्यटन विभाग जल्द ही टूर पैकेज लॉन्च करने की तैयारी में है। बता दें कि आपके पल को यादगार बनाने वाली इस बेंच को ‘डायना बेंच’ कहते हैं। चलिए फिर आपको इस बेंच के नाम के पीछे की कहानी बताते हैं। दरअसल 1992 में प्रिंसेस डायना ताजमहल का दीदार करने भारत आई हुई थीं। उस दौरान उन्होंने इस बेंच पर बैठकर अकेले तस्वीर क्लिक करवाई। उनकी उस तस्वीर को पूरी दुनिया ने पसंद किया था। जिसके बाद से ही ताजमहल की ये बेंच डायना बेंच के नाम से फेमस हो गई। इसी तरह आईआरसीटीसी भी नई योजना बना रहा है। आईआरसीटीसी दक्षिण भारत के कई धार्मिक टूर पैकेज लॉन्च कर चुका है। अब यूपी के कई धार्मिक शहरों का संयुक्त टूर पैकेज लॉन्च हो सकता है।