धार्मिक हिंसा है हमारे भारत में सन 1947 से ही चली आ रही! उदयपुर में दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद सांप्रदायिक तनाव की स्थिति है। जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवा 24 घंटे के लिए बंद कर दी है। इससे पहले 10 मई को भीलवाड़ा में 20 साल के युवक की हत्या के बाद भी तनाव की स्थिति पैदा हुई थी। राजस्थान के उदयपुर में दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद सांप्रदायिक तनाव की स्थिति है। जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को 24 घंटे के लिए बंद कर दिया है। बीते तीन महीने के अंदर राज्य में इस तरह की ये चौथी घटना है। इससे पहले दो अप्रैल को करौली में हिंसा भड़की थी। दो मई को जोधपुर में हिंसा हुई। वहीं, 10 मई को भीलवाड़ा में 20 साल के युवक की हत्या के बाद भी सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हुई थी।
टोंक में जुलूस पर पथराव के बाद भड़की हिंसा : मामला 08 अक्टूबर 2019 का है। टोंक जिले में दशहरा का जुलूस निकाला जा रहा था। कुछ उपद्रवियों ने मालपुरा कस्बे में जुलूस में शामिल लोगों पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। हालात काबू में करने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बंद कर कर्फ्यू लगाया। साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए टोंक और जयपुर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर शहर में तैनात किया गया।
बारां में दो युवकों की हत्या के बाद भड़की हिंसा : घटना 11 अप्रैल 2021 की है। बारां जिले में दो युवकों की हत्या हुई। इसका आरोप दूसरे समुदाय के लोगों पर लगा। इसके बाद हिंसा भड़क गई। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने इंटरनेट बंद कर कर्फ्यू लगा दिया। हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
युवाओं के विवाद में जल उठा झालावाड़ : मामला 19 जुलाई 2021 का है। झालावाड़ में दो समुदाय के युवाओं के बीच किसी बात पर विवाद हो गया। इसके कुछ देर बाद यहां हिंसा भड़क गई। घरों, दुकानों और बाइकों में आगजनी और तोड़फोड़ की जाने लगी। बल प्रयोग कर पुलिस ने लोगों को काबू किया। अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने कुछ इलाकों में तीन दिन के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी। इस दौरान हिंसा भड़काने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
करौली में बाइक रैली पर पथराव, हिंसक भीड़ ने दुकानों और मकानों में लगा दी आग: इसी साल दो अप्रैल को करौली में हिंदू नव वर्ष पर युवकों ने बाइक रैली निकाली। रैली पर पथराव के बाद हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने 35 से ज्यादा दुकानों, मकानों और बाइकों को आग के हवाले कर दिया। हालात काबू में करने के लिए प्रशासन ने जिले में कर्फ्यू लगाया और फिर इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी। हिंसा में पुलिसकर्मियों सहित 43 से ज्यादा लोग घायल हुए। इस हिंसा के बाद लगे कर्फ्यू के कारण शहर के लोग करीब 15 दिन तक घरों में कैद रहे थे।
जोधपुर में धार्मिक झंडा को लेकर दो समुदाय आमने-सामने आए: दो मई 2022 को जोधपुर में परशुराम जयंती पर रैली निकाली गई थी। इस दौरान जालोरी गेट चौराहे पर झंडे लगाए गए। देर रात ईद को लेकर समाज के लोगों ने इसी चौराहे पर झंडे लगाने की कोशिश की। इस दौरान दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर कर हालात काबू में किए। पथराव में डीसीपी, एसएचओ सहित चार पुलिसकर्मी और कुछ मीडियाकर्मी भी घायल हो गए। तीन दिन तक पूरे शहर में कर्फ्यू लगा रहा।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक पिछले आठ साल (2013-2020) के दौरान सूबे में 3,342 दंगे हुए। इस दौरान 2013 में सबसे ज्यादा 542 दंगे हुए। 2014 में 536 तो 2015 में 424 दंगे हुए। बीते आठ वर्षों में सबसे कम 269 दंगे 2016 में हुए। 2021 के सांप्रदायिक दंगों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। इन आठ वर्षों में हुए दंगों में 3,547 लोग पीड़ित हुए हैं। हिंसक भीड़ ने दुकानों और मकानों में लगा दी आग: इसी साल दो अप्रैल को करौली में हिंदू नव वर्ष पर युवकों ने बाइक रैली निकाली। रैली पर पथराव के बाद हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने 35 से ज्यादा दुकानों, मकानों और बाइकों को आग के हवाले कर दिया। हालात काबू में करने के लिए प्रशासन ने जिले में कर्फ्यू लगाया और फिर इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी। हिंसा में पुलिसकर्मियों सहित 43 से ज्यादा लोग घायल हुए। इस हिंसा के बाद लगे कर्फ्यू के कारण शहर के लोग करीब 15 दिन तक घरों में कैद रहे थे।
जोधपुर में धार्मिक झंडा को लेकर दो समुदाय आमने-सामने आए: दो मई 2022 को जोधपुर में परशुराम जयंती पर रैली निकाली गई थी। इस दौरान जालोरी गेट चौराहे पर झंडे लगाए गए। देर रात ईद को लेकर समाज के लोगों ने इसी चौराहे पर झंडे लगाने की कोशिश की। इस दौरान दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई।