जानिए राजस्थान के आभूषणों की महत्वपूर्ण जानकारी!

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पूरे देश में राजस्थान के आभूषण सबसे ज्यादा खूबसूरत माने जाते हैं! राजस्थान की समृद्ध संस्कृति में जितना महत्व राजसी किलों और शाही महलों का है, उतना ही पहनावे और रहन सहन का भी है। यहां पुरुषों की पगड़ी से लेकर महिलाओं के आभूषण तक का अंदाज हर किसी को भाता है। इन दिनों राजस्थान सहित हरियाणा ,गुजरात और महाराष्ट्र के ग्रामीण अंचलों में महिलाएं की ओर से पैरों में पहने जाने वाले कड़े आभूषण चर्चा में हैं। जयपुर में हुई इससे जुड़ी एक घटना ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया है। दरअसल राजस्थान में ग्रामीण महिलाएं अपने दोनों पैरों में आभूषण के रूप में चांदी के कड़े पहनती हैं, मगर अब कड़े उनके लिए जानलेवा भी साबित हो रहे हैं।अपराधी यहां महिलाओं के कड़े लूटने के लिए पैर काटकर लूट की घटना को अंजाम दे रहे हैं, जिससे उनकी मौत तक हो रही है। ताजा मामला जयपुर का है। जयपुर में हाल ही 108 वर्षीय बुजुर्ग महिला के पैरों में पहने चांदी के कड़े लूटने के लिए उनके किराएदार ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया। कर्ज में डूबी किराएदार ने बुजुर्ग महिला के चांदी के कड़े लेने के लिए उनके दोनों पैर काट दिए। इसके बाद दो दिन के असहनीय दर्द के बाद बुजुर्ग जमुना देवी ने दम तोड़ दिया।

कुछ समय पूर्व भीलवाड़ा के उपनगरपुर में इसी प्रकार पैर काट महिला के चांदी के कड़े लूट लिए थे। भीलवाड़ा के अलावा चित्तौड़गढ़ ,डूंगरपुर ,बांसवाड़ा ,उदयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न जिलों में इस तरह की घटनाएं अमूमन सामने आती रही है। बीते साल भी अक्टूबर में ही जयपुर के खेतहपुरा गांव में दिनदहाड़े एक विवाहिता के दोनों पैर कुल्हाड़ी से काट दिए गए थे। चांदी कड़े लूटने की इस घटना ने भी पूरे प्रदेश को हिला दिया था। एक बार फिर जयपुर में चांदी के कड़े लूटने की घटना ने लोगों को चौंका दिया है।

महिलाओं के पैरों में पहने जाने वाले चांदी के भारी कडो के इतिहास के बारे में मेवाड़ के प्रमुख इतिहासकार प्रोफेसर डॉक्टर जे के ओझा बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के पैरों में चांदी के भारी कड़े पहनने के पीछे सौंदर्य वृद्धि ,वैभव प्रदर्शन और अभिरूचि तो है ही, किंतु इसके पीछे आयुर्वेद शास्त्र गहरा राज भी है। ओझा के अनुसार छेदना ,वेदना और आभूषण धारण कर नस विशेष पर दबाव डालकर स्वस्थ रहने की प्रक्रिया भी होती है जिसे हम एक्यूप्रेशर के रूप में समझ सकते हैं।

प्रोफेसर ओझा आगे कहते हैं कि बदलते परिवेश में शहरी क्षेत्रों में पैरों में चांदी के भारी कड़े पहनने की परंपरा के स्थान पायजेब और तात्या ने ले लिया है। मगर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पैरों में चांदी के भारी कड़े ही पहनती है। महिलाओं के आभूषण सिर से पैरों की उंगलियों तक आयुर्वेदिक के अनुसार स्वास्थ्य से संबंध रखता है।मारवाड़ में तो यह कहावत काफी प्रचलित है कि गैणो आभूषण भूखा रो भोजन अर धाया तृप्त रो सिणगार श्रृंग़ार। राजस्थान की इस कहावत के अनुसार आभूषण भूखे व्यक्ति के लिए तो भोजन की तरह है जो तृप्त संतुष्ट के लिए श्रृंगार है।

भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर के प्रमुख आभूषण निर्माता और विक्रेता बनवारी लाल सोनी कहते हैं भीलवाड़ा जिले में अमूमन यह पैरों के कड़े एक से डेढ़ किलो चांदी के बनाए जाते हैं, जबकि टोंक और सवाई माधोपुर जिलों में यह कड़े 2 किलो चांदी के बनाए जाते हैं । गले में पहनने वाली खुंगाली तो 5 किलो चांदी की तक बनाई जाती है ।

बनवारी सोनी आगे कहते हैं जब-जब चांदी का भाव कम होता है तब तब महिलाएं यह कड़े खूब बनवाती है। यह कुंवारी कन्या नहीं पहनती है जब उसकी सगाई हो जाती है तब उसे कड़े पहनाए जाते हैं। एक तरह से यह महिलाओं का स्त्री धन भी है। गांव में भी अब यह कड़े 50 साल से ऊपर की महिलाओं के पैरों में अधिक देखने को मिलते हैं। 50 वर्ष से नीचे की महिलाएं आजकल चांदी के भारी कडो के स्थान पर पांव में पायजेब और पायल पहनने लगी है।

चांदी के कड़े पहनने का ज्योतिष महत्व भी है। ज्योतिषाचार्य पंडित बालमुकुंद शर्मा कहते हैं कि इनका ज्योतिष के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है । इससे जटिल रोग नहीं लगते हैं। पंडित बालमुकुंद शर्मा कहते हैं पुरुषों के दाएं हाथ में और महिलाओं के दोनों पैरों में चांदी धारण करने से राहु केतु का दोष नहीं रहता है। चंद्रमा और गुरु बलवान होता है और ऊर्जा का संचार होता है। कमजोर मन की महिलाओं को यह मजबूत बनाती है। साथ ही चांदी का गुण ठंडाई वाला शीतलता प्रदान करता है। आयुर्वेद के धातु विज्ञान ने भी चांदी का यही गुण बताया है । जहां तक हो सके शुद्ध चांदी के कम डिजाइन के भारी कड़े पैरों में पहनना चाहिए।

यह कड़े मन और वाणी पर भी अच्छा काम करती है। नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त करती है। चांदी सर्दी जुखाम से भी बचाती है साथ ही विचारों में क्रोध नहीं आने देती है। चांदी से जातक का चंद्रमा बुध राहु और केतु नियंत्रण में रहते हैं और धार्मिक सेहत भी अच्छी रहती है।चांदी के भाव में वृद्धि के कारण अब यह कड़े काफी महंगे हो गए हैं, जिसके कारण अपराधी महिलाओं के पैर काट उनकी हत्या कर कड़े लूटने में भी संकोच नहीं करते हैं।