Sunday, December 22, 2024
HomeIndian Newsजानिए अजीत डोभाल के अद्भुत कारनामे!

जानिए अजीत डोभाल के अद्भुत कारनामे!

आज हम आपको अजीत डोभाल के कारनामों के बारे में बताने वाले हैं! भारत का जेम्‍स बॉन्‍ड। यही उनकी पहचान है। अजीत पहले आईपीएस ऑफिसर बने जिन्‍हें कीर्ति चक्र से सम्‍मानित किया गया। बॉर्डर पर भारत की एग्रेसिव अप्रोच के पीछे वही हैं। उन्‍हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद देश का सबसे शक्तिशाली व्‍यक्ति कहा जाता है। पाकिस्‍तान उनके नाम से खौफ खाता है। ऐसी शख्‍सीयत के कारण ही उन्‍हें प्रधानमंत्री का राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बनाया गया। रॉ एजेंट से लेकर एनएसए तक का उनका सफर सनसनीखेज था। कदम-कदम पर मौत खड़ी थी। सर्जिकल स्‍ट्राइक के मास्‍टर माइंड वही थे। देश के इस लाल ने 7 साल तक पाकिस्‍तान में मुसलमान बनकर बिताए। लेक‍िन, किसी को इसकी भनक भी नहीं लगने दी। उत्‍तराखंड के साधारण गढ़वाली परिवार में जन्‍मे अजीत की बहादुरी असाधारण रही है। उनकी देशभक्ति युवाओं को कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करती है। जासूसी के उनके किस्‍सों की लंबी फेहरिस्‍त है। इनमें से कुछ रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। आज डोभाल 78 साल के हो गए हैं। इस मौके पर हम यहां आपको उनके 5 सनसनीखेज किस्‍सों के बारे में बताने जा रहे हैं। ऑपरेशन ब्‍लूस्‍टार को अपने अंजाम तक पहुंचाया जा सका तो उसके पीछे डोभाल की बड़ी भूमिका थी। वह खालिस्‍तानी आतंकियों के बीच पाकिस्‍तानी जासूस बनकर रह रहे थे। स्‍वर्ण मंदिर में रह रहे खालिस्‍तानियों से उन्‍होंने अहम जानकारी जुटा ली थीं। इस दौरान कई महीने तक वह रिक्‍शावाला बनकर रहे। उन्‍होंने सेना के अधिकारियों को बताया था कि दुश्‍मन अंदर किस हद तक तैयार बैठा हुआ है। स्‍वर्ण मंदिर में भारतीय सेना की कार्रवाई को दुनिया ब्‍लूस्‍टार नाम से जानती है। इस ऑपरेशन के जरिये सेना ने आतंकियों से स्‍वर्ण मंदिर को आजाद कराया था। जब ऑपरेशन ब्‍लूस्‍टार के लिए एक कमरे में सेना की प्‍लानिंग चल रही थी तब डोभाल अचानक इसमें घुसे थे। उन्‍होंने तत्‍कालीन सैन्‍य अधिकारियों को इतनी जानकारी दी थी कि वे सन्‍न रह गए थे। अधिकारियों को भी समझ आ गया था कि यह ऑपरेशन इतना आसान नहीं होगा।

अजीत डोभाल हुलिया बदलने के माहिर रहे हैं। वह 7 साल तक पाकिस्‍तान में मुसलमान बनकर रहे। हालांकि, इस बात की भनक भी उन्‍होंने किसी को नहीं लगने दी। इस दौरान वह भारत के लिए जासूसी कर रहे थे। वह एक अंडर कवर एजेंट के तौर पर पाकिस्‍तान में रह रहे थे। पाकिस्‍तान में रहते हुए उन्‍होंने पूरी तरह से खुद को मुसलमानों के रूप में ढाल लिया था। यह और बात ह कि एक दिन उनका यह राज खुल गया। उन दिनों डोभाल पाकिस्‍तान के लाहौर में रहते थे। यहीं औलिया की बड़ी मजार है। मजार के पास उनका लंबी दाढ़ी रखे एक शख्‍स से आमना-सामना हुआ। उसने डोभाल को रोक लिया। वह मुस्लिम वेशभूषा में था। इस शख्‍स ने डोभाल को रोककर कहा कि तुम तो हिंदू हो। इस बात से डोभाल ने इंकार कर दिया। वह बोला कि आप झूठ बोल रहे हैं। आपके कान छिदे हुए हैं। हिंदू ही अपने काम छिदवाते हैं। इस पर डोभाल ने कहा कि उन्‍होंने बाद में मुस्लिम धर्म अपनाया है। इस पर दोबारा उस व्‍यक्ति ने कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं। उसने बताया कि वह खुद एक हिंदू है और पहचान छुपाकर रह रहा है। उस शख्‍स ने डोभाल को सुझाव दिया था कि वह अपने कान की प्‍लास्टिक सर्जरी करा लें। बाद में डोभाल ने ऐसा कर लिया था।

बात अस्सी के दशक की है। तब अजीत डोभाल उत्तर पूर्व में सक्रिय थे। उस समय ललडेंगा की अगुआई में मिजो नेशनल फ्रंट ने हिंसा और अशांति फैला रखी थी। यह और बात है कि तब डोवाल ने ललडेंगा के साथ छह कमांडरों का भरोसा जीत लिया था। वह उनके साथ ही अपना काफी समय बिताते थे। बाद में इसका नतीजा यह हुआ कि ललडेंगा को मजबूरी में भारत सरकार के साथ शांति विराम का विकल्प अपनाना पड़ा था।

डोभाल ने ऐसे कई खतरनाक कारनामों को अंजाम दिया है जिन्‍हें सुनकर जेम्स बॉन्‍ड के किस्से भी फीके लगते हैं। कश्‍मीर में भी वह जबर्दस्‍त काम कर चुके हैं। उन्‍होंने उग्रवादी संगठनों में घुसपैठ कर ली थी। उग्रवादियों को शांतिरक्षक बनाकर इसकी धारा मोड़ दी। भारत विरोधी कूका पारे इसका उदाहरण था। इस उग्रवादी को डोभाल ने अपना सबसे बड़ा भेदिया बना लिया था। कूका पारे उर्फ मोहम्मद यूसुफ पारे पाकिस्‍तान में प्रशिक्षित हुआ था। वह एक समय 250 आतंकियों को साथ लेकर पाकिस्‍तान के खिलाफ हो गया था। पारे ने जम्‍मू एंड कश्‍मीर अवामी लीग नाम की पार्टी बनाई। वह विधायक भी बना। 2003 में जब वह एक कार्यक्रम से लौट रहा था तो आतंकियों ने उसकी हत्‍या कर दी थी।

साल 1999 की बात है। इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 को काठमांडू से हाईजैक कर लिया गया था। इसे ऑपरेशन ब्‍लैक थंडर नाम दिया गया था। तब आतंकियों से निगोसिएशन करना था। सरकार को सिर्फ एक नाम याद आया। वह था अजीत डोभाल का। उन्हें भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार बनाया गया। बाद में इस फ्लाइट को आतंकी कंधार ले गए थे। यात्रियों को इस दौरान बंधक बनाकर रखा गया था।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments