वर्तमान में कई अभिनेता दिल से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं जिनके कारण उनकी मौत भी होती जा रही है! हर दिल के लिए दिल का करें प्रयोग। विश्व हृदय दिवस पर दुनियाभर में इसी टैग लाइन के जरिये लोगों से हृदय के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की अपील की जा रही है। भारत में हर साल लाखों लोग हृदय रोगों से ग्रस्त मिल रहे हैं। साथ ही, हार्ट अटैक के चलते मौतें भी लगातार बढ़ रही हैं। इसमें युवाओं की तादाद भी कम नहीं है।
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वरिष्ठ डॉ. के अनुसार, हृदय शरीर का महत्त्वपूर्ण अंग है। एक दिन में यह करीब एक लाख बार एवं एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है। यह हर धड़कन के साथ शरीर में रक्त को धकेलता रहता है। हृदय को पोषण एवं ऑक्सीजन, रक्त से मिलता है, जो कोरोनरी धमनियों द्वारा प्रदान किया जाता है।इससे जुड़ी कई बीमारियां हैं जिन्हें अलग अलग नाम से जाना जाता है। ये बीमारियां एक तरह से साइलेंट किलर हैं। अगर समय पर जांच न हो तो स्थिति हार्ट अटैक की आती है, जिससे रोगी की जान का जोखिम बढ़ जाता है।
आर्टरी ब्लॉक या हार्ट अटैक पर छाती पर दबाव और दर्द के साथ ही खिंचाव महसूस होगा।दिल संबंधी गंभीर समस्या होने से पहले कुछ लोगों को मितली आना, सीने में जलन, पेट दर्द होना या पाचन संबंधी दिक्कतें आने लगती हैं।कई बार दिल के रोगी को छाती और बाएं कंधे में दर्द की शिकायत होने लगती है। ये दर्द धीरे-धीरे हाथों की तरफ नीचे की ओर जाने लगता है।
यदि आपको काफी दिनों से खांसी-जुकाम हो रहा है और थूक सफेद या गुलाबी रंग का हो रहा है तो ये हार्ट फेल का एक लक्षण है।सांस लेने में दिक्कत होना या फिर कम सांस आना हार्ट फेल होने का बड़ा लक्षण है।सामान्य से अधिक पसीना आना खासतौर पर तब जब आप कोई शारीरिक क्रिया नहीं कर रहे तो ये आपके लिए एक चेतावनी हो सकती है।पैरों, टखनों, तलवों व ऐंकल में सूजन का मतलब हो सकता है कि आपके हार्ट में ब्लड का सर्कुलेशन ठीक नहीं है।कई बार चक्कर आने, सिर घूमने, बेहोश होने व बहुत थकान होने जैसे लक्षण भी एक चेतावनी हैं।
ट्रोपोनिन टेस्ट – यह टेस्ट ट्रोपोनिन प्रोटीन का लेवल चेक करता है। यह प्रोटीन हार्ट की मांसपेशियों के नुकसान होने पर निकलता है।
ईसीजी – यह हार्ट की इलेक्ट्रिकल गतिविधियों के जरिये दिल पर पड़ने वाले दबाव की जांच करता है।
इको कार्डियोग्राम – यह कार्डिएक अल्ट्रासाउंड होता है, जिसके जरिये दिल की मांसपेशियों के बारे में और स्पष्ट रूप से जानकारी मिलती है।विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत में कार्डियो वेस्कुलर डिसीज सीवीडी से मौतों की सालाना संख्या 47 लाख तक पहुंच गई है, जो 1990 तक करीब 22 लाख के आसपास थी। बीते तीन दशक में कोरोनरी हृदय रोगों की भारत में प्रसार दर काफी बढ़ी है। ग्रामीण आबादी में 1.6% से 7.4% और शहरी आबादी में 1% से बढ़कर 13.2% तक पहुंच गई है।
रोजाना 3 से 4 किमी तेज कदमों से चलने पर आपकी सांस नहीं उखड़ती या सीने में दर्द नहीं होता तो आपका दिल सेहतमंद है। अगर दिल के मरीज हैं और दो मंजिल सीढ़ियां चढ़ने या 2 किमी पैदल चलने पर सांस नहीं फूलता तो सामान्य लोगों की तरह व्यायाम कर सकते हैं, वरना डॉक्टर से पूछकर व्यायाम करें।
यदि आपको काफी दिनों से खांसी-जुकाम हो रहा है और थूक सफेद या गुलाबी रंग का हो रहा है तो ये हार्ट फेल का एक लक्षण है।सांस लेने में दिक्कत होना या फिर कम सांस आना हार्ट फेल होने का बड़ा लक्षण है।सामान्य से अधिक पसीना आना खासतौर पर तब जब आप कोई शारीरिक क्रिया नहीं कर रहे तो ये आपके लिए एक चेतावनी हो सकती है।पैरों, टखनों, तलवों व ऐंकल में सूजन का मतलब हो सकता है कि आपके हार्ट में ब्लड का सर्कुलेशन ठीक नहीं है।कई बार चक्कर आने, सिर घूमने, बेहोश होने व बहुत थकान होने जैसे लक्षण भी एक चेतावनी हैं।ट्रोपोनिन टेस्ट – यह टेस्ट ट्रोपोनिन प्रोटीन का लेवल चेक करता है। यह प्रोटीन हार्ट की मांसपेशियों के नुकसान होने पर निकलता है।
अपोलो अस्पताल, चेन्नई के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ने बताया, दिल का दौरा तब होता है जब कमजोर हृदय धमनी में रक्त का थक्का बनता है और ऑक्सीजन को हृदय की मांसपेशियों तक पहुंचने से रोकता है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई लोगों में दिल के दौरे का खतरा बढ़ा है।