आज हम आपको अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान की पूरी कहानी सुनाने जा रहे हैं! दाऊद इब्राहिम का जब कोई नाम भी नहीं जानता था, अरुण गवली की जब कोई पहचान नहीं थी, जब करीम लाला भी डॉन नहीं हुआ करता था तब मुंबई में तूती बोलती थी सुल्तान मिर्जा की जिसे लोग हाजी मस्तान के नाम से जानते हैं। तब मुंबई में इसी अंडरवर्ल्ड डॉन का एक छत्र राज हुआ करता था। मुंबई में स्मगलिंग का ये किंग माना जाता था। बालीवुड हो या फिर पुलिस हर कोई इसके नाम से घबराता था। यहां तक की अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी इसकी तरह मुंबई का डॉन बनने के सपने देखा करता था। खैर हाजी मस्तान के काले कारनामों डॉन के किस्से फिर किसी और दिन आपको बताएंगे, आज बात होगी मुंबई के इस सबसे पहले डॉन की पर्सनल जिंदगी पर, क्योंकि वो भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। तमिलनाडु के एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाला हाजी मस्तान काफी कम उम्र में अपने पिता हैदर मिर्जा के साथ मुंबई आ गया। मुंबई की चकाचौंध को देखकर ये लड़का सपने देखने लगा। सपने ऊंचाइयों को छूने के, बड़ा और अमीर आदमी बनने के। मेहनत की, लेकिन सपने पूरे नहीं हुए तो फिर स्मगलिंग शुरू कर दी और धीरे-धीरे पूरी मुंबई में अपना कब्जा कर लिया।
पैसा आया तो शौक बड़े होने लगे। सफेद मरसडीज कार, सफेद सूट, हाथ में सिगरेट, महंगी घड़ी और बॉलीवुड में दिलचस्पी। इस डॉन की दुनिया इसी के आसपास घूमती थी। बॉलीवुड में हाजी मस्तान की खासी रुचि थी। पेज टी पार्टी में जाना इस डॉन का शौक था। उस दौर के तमाम बड़े हीरो-हीरोइनों से इसकी अच्छी जान पहचान थी, या यूं कहे कि बालीवुड इसके इशारे पर चलता था। उस दौर में इस डॉन का दिल आया था उस वक्त की मशहूर अभिनेत्री मधुबाला पर।
हाजी मस्तान पहले से ही शादीशुदा था। परिवार वालों ने हाजी मस्तान की शादी काफी पहले ही साफरा बाई से करवा दी थी। दोनों की तीन बेटियां भी थी। काफी समय तक दोनों की जिंदगी एक साथ अच्छी चली, लेकिन जब से हाजी मस्तान ने मधुबाला को देखा तब से वो एक्ट्रेस की तरफ खिंचता ही चला गया। इस डॉन की मधुबाला की शक्ल से प्यार हो या था, लेकिन मधुबाला किसी और को दिल दे चुकी थी। मस्तान के चाहते हुए भी मधुबाला उससे शादी को तैयार नहीं थी और बात इस डॉन को परेशान कर रही थी। साल 1969 में मधुबाला की मौत हो गई। पूरी फिल्म इंडस्ट्री को इस खबर न झंकझोर दिया था और हाजी मस्तान के लिए तो ये किसी सदमे से कम नहीं था।इस डॉन ने एक लड़के को गोद लिया। लड़के का नाम सुंदर शेख था और वो जन्म से हिंदू था। सुल्तान मिर्जा ने इस लड़के का धर्म नहीं बदला, लेकिन प्यार से वो गोद लिए अपने बेटे को सुलेमान मिर्जा बुलाता था। मधुबाला की मौत से उबरना इस डॉन के लिए मुश्किल हो रहा था, लेकिन उसी दौरान हाजी मस्तान ने एक नई हिरोइन को देखा। इस हिरोइन का नाम था सोना। शाहजहां बेगम उर्फ सोना का चेहरा मधुबाला से काफी ज्यादा मिलता था और यही बात हाजी मस्तान को सोना की तरफ खींच रही थी। सोना हाजी मस्तान के प्रोडक्शन की ही एक फिल्म में काम रही थी। ये डॉन सोना का चेहरा देखने अक्सर सेट पर आने लगा और फिर दोनों में दोस्ती हो गई।
पहले से शादीशुदा होने के बावजूद हाजी मस्तान ने शाहजहां बेगम उर्फ सोना से दूसरा निकाह कर लिया और पूरी जिंदगी दोनों साथ में रहे। इस दो डॉन ने दो निकाह किए, लेकिन औलाेद के रूप में बेटे की कमी हमेशा रही। हां हाजी मस्तान की बेटियां जरूर थी, लेकिन इस डॉन ने एक लड़के को गोद लिया। लड़के का नाम सुंदर शेख था और वो जन्म से हिंदू था। सुल्तान मिर्जा ने इस लड़के का धर्म नहीं बदला, लेकिन प्यार से वो गोद लिए अपने बेटे को सुलेमान मिर्जा बुलाता था।
साल 1994 में हार्ट अटैक से हाजी मस्तान की मौत हो गई। मुंबई के इस पहले डॉन की जिंदगी पर काफी फिल्में बनी हैं। दीवार, वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई इस डॉन की जिंदगी को दिखाती हैं। हाजी मस्तान ने क्राइम की दुनिया के साथ-साथ राजनीति में भी कदम रखा था और अपनी अलग पार्टी बनाई थी। मुंबई में गरीबों के बीच सुल्तान मिर्जा की काफी अच्छी छवि रही है।