आज हम आपको हेमा चौधरी की मर्डर मिस्ट्री के बारे में बताने वाले हैं! गौड़ मॉल में नौकरी करने वाली हेमा चौधरी की अपहरण के बाद हत्या में बिसरख थाना पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। दादरी की रहने वाली पायल भाटी ने अपने दोस्त अजय ठाकुर (सिकंदराबाद) के साथ मिलकर हेमा की गला रेतकर हत्या की थी। हेमा गौड़ सिटी स्थित एक शोरूम में नौकरी करती थी। यहीं पायल ने हेमा को देखा था। पुलिस ने बताया कि हेमा को पैसों की जरूरत थी। अजय उसे पांच हजार रुपये देने के बहाने 12 नवंबर को पायल के घर लेकर पहुंच गया। वहां पायल ने घर में मौजूद सभी लोगों को खाने में नींद की दवा मिलाकर खिला दी। इसके बाद पायल और अजय ने मिलकर हेमा की हत्या कर दी। इसे आत्महत्या दिखाने के लिए हेमा के चेहरे को गर्म तेल से जला दिया और उसके हाथ की नस काट दी। शव को अपनी पहचान देने के लिए पायल ने उसे अपने कपड़े पहना दिए। इतना करने के बाद अजय और पायल फरार हो गए। 15 नवंबर को पुलिस ने हेमा की गुमशुदगी दर्ज की। अब पुलिस ने हेमा की हत्या करने के आरोप में पायल और अजय को गुरुवार को अरेस्ट कर शुक्रवार को घटना का खुलासा किया। पायल ने कबूल किया कि साजिश रचने के लिए उसने क्राइम डॉक्युमेंट्री और कई सीरियल देखे थे। पुलिस ने बताया कि इस साल मई में पायल भाटी के माता-पिता ने आत्महत्या की थी। माता-पिता की इकलौती बेटी पायल उनकी मौत से काफी परेशान थी। उसने इसके लिए अपनी भाभी स्वाति, उसके भाई कौशलेंद्र, गोलू और अपनी बुआ के बेटे सुनील को नामजद करते हुए दादरी थाने में केस दर्ज कराया था। इन चारों लोगों को जमानत मिलने से पायल गुस्सा थी। पायल ने पुलिस को बताया कि स्वाति, कौशलेंद्र, गोलू और सुनील ने पैसे के लेनदेन के लिए उसके माता-पिता को टॉर्चर किया था। वह उसी का बदला लेना चाहती थी। अजय ठाकुर से उसकी दोस्ती दो साल पहले फेसबुक पर हुई थी। माता-पिता की आत्महत्या के बाद पायल ने अजय को उनकी मौत का बदला लेने के लिए उसका साथ देने और शादी करने के लिए कहा। इस साजिश के तहत पायल ने खुद को मृत दिखाने के लिए अपने प्रेमी के साथ मिलकर हेमा चौधरी की हत्या कर दी। पुलिस को हेमा के मोबाइल पर आखिरी कॉल अजय की मिली। इसके बाद पुलिस जांच करते हुए हत्या के आरोपियों तक पहुंची और गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा किया।
हेमा की हत्या के बाद पायल अजय के साथ बुलंदशहर चली गई और वहां किराये के घर में रहने लगी। दोनों ने 19 नवंबर को बुलंदशहर के आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। पायल के घरवालों ने उसे मृत समझकर 21 नवंबर को तेरहवीं भी कर दी। पायल ने अजय के साथ मिलकर तीन बार अपनी बुआ के बेटे सुनील की रेकी भी की लेकिन उसे मारने में सफल नहीं हो सके। अजय ठाकुर के दो बच्चे हैं। वह नोएडा की कंपनी में नौकरी करता था। अजय के घरवालों ने 14 नवंबर को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट सिकंदराबाद थाने में दर्ज कराई थी।
हाथरस के सादाबाद निवासी हेमा की दो छोटी बहन और एक भाई है। बड़ा भाई मथुरा में ड्राइवर है। भाई की शादी हो चुकी है और वह अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा रहा है। इनके पिता किसान हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं थी तो हेमा ने 12वीं तक की पढ़ाई की थी। वह अपनी छोटी बहन और मां के साथ तीन साल से सूरजपुर स्थित सुनार गली में रहती थी। यहां हेमा और उसकी छोटी बहन गौड़ मॉल में नौकरी करती थीं। इनके परिचित सतेंद्र तोमर ने बताया कि हेमा की दोनों छोटी बहनें पढ़ाई कर रही थीं।
बढ़पुरा गांव में 18 दिन पहले परिवार ने मृत हेमा को पायल समझकर अंतिम संस्कार किया था। बाद में मृतका की आत्मा के शांति के लिए 11 हजार रुपये में गायत्री पाठ भी कराया था। घर में पायल अपने छोटे भाई व ताऊ के साथ रहती थी। पिछले साल मई में पायल के माता-पिता ने एक साथ जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की थी। आरोपी पायल के भाई अरुण का कहना है कि चार आरोपियों पर पुलिस की कार्रवाई न होने व घरवालों के मौत का बदला न लेने से वह नाराज होकर खुद बदला लेने की बात कहती थी। फेसबुक व इंटरनेट पर शूटर खोजती थी। पायल के घरवालों का कहना है कि वह अक्सर रात में फेसबुक चलाती थी और किसी से विडियो कॉल पर पिता को प्रताड़ित करने वाले आरोपियों का जिक्र करती थी। घर में 12 नवंबर की रात पायल के कपड़े पहने हुए महिला का शव देखकर घरवाले घबरा गए थे। वे डर गए कि कहीं पुलिस केस न बन जाए इसलिए उसका जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया था।