आज हम आपको UPSC टॉपर्स की कहानी सुनाने जा रहे हैं! संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सेवा 2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इसमें टॉप-4 रैंक तक बेटियों ने ही बाजी मारी है। ग्रेटर नोएडा की इशिता किशोर ने पहला रैंक हासिल किया है। दूसरे स्थान पर गरिमा लोहिया और तीसरे स्थान पर उमा हरथी एन हैं। चौथे स्थान पर प्रयागराज की स्मृति मिश्रा हैं। पांचवें स्थान पर असम के मयूर हजारिका हैं। टीना डाबी 2015 बैच की आईएएस टॉपर है। जब उन्होंने ये परीक्षा टॉप की तो उस वक्त उनकी उम्र 21 साल थी। टीना डाबी का जन्म मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में नौ नवंबर 1993 को हुआ था। वह एक मध्यम वर्गीय एससी हिन्दू परिवार से ताल्लुक रखती हैं। जब वह सातवीं कक्षा में अध्यनरत थी तब उनका परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया था।टीना के माता-पिता दोनों ने यूपीएससी इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज IAS की परीक्षा पास की थी। उनके पिता जसवंत सिंह डाबी BSNL के जरनल मैनेजर हैं। उनकी मां हिमानी डाबी एक पूर्व (IES) अधिकारी हैं। टीना डाबी की छोटी बहन रिया डाबी ने भी सिविल सर्विसेज परीक्षा में 15वीं रैंक हासिल की है। टीना 12वीं में सीबीएसई बोर्ड की टॉपर रही हैं। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री, दोनों विषयों में 100 में से 100 अंक हासिल किए थे। टीना डाबी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन से राजनीति शास्त्र में स्नातक किया है।
टीना का ऑप्शनल विषय राजनीति विज्ञान रहा है। टीना ने 2018 में अपने बैच के सेकेंड टॉपर रहे अतहर आमिर खान से शादी की थी। हालांकि, बाद में ये शादी टूट गई। इसके बाद टीना ने आईएएस अफसर डॉ. प्रदीप गवांडे से शादी की। अभी टीना राजस्थान में तैनात हैं।
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2016 में नंदिनी के आर ने टॉप किया था। नंदिनी कर्नाटक के कोलार के एक छोटे से गांव केम्बोडी की रहने वाली हैं। शुरूआती पढ़ाई उन्होंने यहीं के सरकारी स्कूल से की। उनके पिता भी शिक्षक रहे। नंदिनी ने एमएस रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु से इंजीनियरिंग में स्नातक (सिविल) की पढ़ाई पूरी की। इसके तुरंत बाद उन्हें पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी मिल गई। इस बीच, उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। नंदिनी ने दूसरे प्रयास में ही सफलता हासिल की। तब उन्हें रेवेन्यू सर्विसेज में नौकरी मिली थी। हालांकि, वह आईएएस बनना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने तैयारी जारी रखी और चौथे प्रयास में वह सिविल सर्विसेज परीक्षा टॉप कर गईं।
नंदिनी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि यूपीएससी रिजल्ट आने से एक हफ्ते पहले तक उनके दोस्त उनका मजाक उड़ाते थे कि नंदिनी इस बार टॉप करेगी। नंदिनी कर्नाटक कैडर की अफसर हैं। 2022 में उन्होंने अपने बच्चे को एक सरकारी अस्पताल में जन्म दिया।
सिविल सर्विसेज परीक्ष 2017 के टॉपर अनुदीप दुरीशेट्टी तेलांगना में मेटपल्ली नामक स्थान से हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा भी यहीं हुई। उनके पिता एक सरकारी कमर्चारी हैं और माता गृहणी हैं। स्कूल की पढ़ाई के बाद अनुदीप ने बिट्स पिलानी, राजस्थान से साल 2011 में ग्रेजुएशन पूरा किया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में यह डिग्री ली। इसी दौरान अनुदीप को सिविल सेवा की तरफ रुझान महसूस हुआ। तेलंगाना के अनुदीप दुरीशेट्टी का यूपीएससी का सफर काफी कठिनाई भरा रहा। 2012 में अनुदीप ने पहला अटेम्पट दिया और इस साल वे इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन सेलेक्ट नहीं हुए। तब उन्होंने गूगल कंपनी जॉइन कर ली और नौकरी शुरू कर दी। इसके अगले ही साल अनुदीप ने साल 2013 में परीक्षा पास की लेकिन रैंक कम आने की वजह से उन्हें एलॉट हुई आईआरएस सेवा। यहां उन्होंने कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज ऑफिसर के तौर पर ज्वॉइन कर लिया लेकिन आईएएस पद के लिए अपने प्रयासों को नहीं रोका। अनुदीप का ऑप्शनल विषय एंथ्रोपोलॉजी था।
सिविल सर्विसेज 2021 परीक्षा में बिजनौर की श्रुति शर्मा ने टॉप किया था। श्रुति का जन्म साल 1996 में बिजनौर, उत्तर प्रदेश राज्य में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा कक्षा 1 से कक्षा 5 तक कैम्ब्रिज पब्लिक स्कूल से की। इससे आगे कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की पढाई सरदार पटेल विद्यालय से पूरी की। इसके बाद ग्रेजुएशन की पढाई सेंट स्टीफेन कॉलिज, दिल्ली से पूरी की। श्रुति परिवार की अकेली सदस्य हैं, जिन्होंने कला वर्ग को चुनकर इतिहास पढ़ा। जबकि परिवार में सभी विज्ञान से पढ़े हुए हैं। श्रुति के परदादा जिले के नामचीन वैद्य रहे हैं, जबकि दादा भी डॉक्टर रहे हैं। ताऊ और तहेरी बहन डॉक्टर हैं और श्रुति के पापा इंजीनियर। श्रुति ने परिवार में सबसे अलग राह पकड़ी और कला वर्ग को चुन लिया। जिन्होंने इतिहास कुरेद कर सिविल सर्विसेज में सफलता की कुंजी को ढूंढ निकाला। श्रुति के पिता का नाम सुनील दत्त शर्मा है। श्रुति ने ऑप्शनल विषय के रूप में इतिहास का चयन किया था।
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2022 में पटना की इशिता किशोर ने टॉप किया है। इशिता के पिता संजय किशोर एयरफोर्स में विंग कमांडर थे। उनके निधन के बाद मां ने एयरफोर्स में नौकरी की। इशिता का जन्म हैदराबाद में हुआ था। तब वहीं, उनके पिता की तैनाती थी। मां ने एयरफोर्स से रिटायरमेंट के बाद ग्रेटर नोएडा में घर ले लिया। अब पूरे परिवार के साथ इशिता ग्रेटर नोएडा ही रहती हैं। इशिता ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकनॉमिक्स की पढ़ाई की है। इशिता का ग्रेजुएशन में ऑप्शनल विषय राजनीति विज्ञान और इंटरनेशनल रिलेशन था। इशिता को चित्रकला और संगीत में गहरी रूचि है। वह मिथिला पेंटिंग बनाती हैं।