आज हम आपको स्वीडन में हुए बैंक लूट की कहानी सुनाने जा रहे हैं! बैंक में दो गोली चलती है। हर कोई कांपने लगता है। सबकी नजर एक अजीब से इंसान पर जाकर टिक जाती है। जिसने अपनी पहचान छुपाने के लिए लड़कियों वाला विग लगाया हुआ था। कई लोग इधर-उधर भागने लगते हैं। कुछ वहीं दुबक कर बैठ जाते हैं। इसके हाथ में एक पिस्टल होती है। ये आगे बढ़ता है बैंक के एक काउंटर पर तीन बैंक कर्मी बैठे होते हैं। जिनमें 2 लड़के और एक खूबसूरत लड़की थी। ये उन्हें इशारा करता है अपने साथ चलने का। बंदूक की नोक पर ये चारों को सेफ रूम में ले जाता है और फिर दरवाजे को बाहर से बंद कर लेता है। ये कहानी है स्वीडन में अगस्त 1973 में हुई एक ऐसी अनोखी बैंक लूट की जिसका 6 दिन तक टीवी पर सीधा प्रसारण होता रहा। पुलिस मीडिया, स्थानीय लोग सभी बैंक के बाहर जुटे थे और बैंक रॉबर था बैंक के अंदर। दरअसल इस रॉबर ने बैंक के तीन कर्मचारियों को बंधक बना लिया था। इसके पास पिस्टल थी। इसने धमकी दी थी कि अगर किसी ने कोई भी चालाकी की तो ये बंधकों को मार डालेगा। पुलिस मजबूर थी, सरकार ने साफ निर्देश दिए थे कि किसी भी बंधक को कुछ नहीं होना चाहिए। मीडियाकर्मी बैंक के बाहर जुटे हुए थे। स्वीडन के चैनल इस बैंक रॉबरी को लाइव दिखा रहे थे।
पहला दिन बीता, दूसरा दिन भी बीता। अब लुटेरे ने पुलिस के सामने तीन मांग रखीं। रॉबर की पहली मांग थी उसके एक साथी को जो कि सालों से जेल में बंद था उसे रिहा किया जाए। इस लुटरे ने अपनी दूसरी मांग बताई और इसकी दूसरी मांग थी 3 मिलियन स्वीडिश करेंसी यानी करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये। तीसरी मांग वो पुलिस से करता है कि उसे 2 कार, 2 गन और 2 बुलेटप्रूफ जैकेट दी जाए ताकि वो वहां से निकल सके, इसके अलावा वो बंधकों को भी अपने साथ लेकर जाएगा ताकि पुलिस उसपर गोली न चलाए। हर कोई इस बैंक लुटेरे मांगों को सुनकर हैरान था। पूरे स्वीडन की जनता टीवी पर इस केस को लगातार देख रही थी। पुलिस और प्रशासन के सामने अब सवाल ये था कि वो क्या करे। किसी भी कीमत पर बंधकों की जान को दाव पर नहीं लगाया जा सकता था। पुलिस के पास इसकी बात मानने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। सबसे पहले इसकी पहली मांग पूरी की गई। इसके साथी को जेल से छोड़ा गया। जेल से रिहा होने के बाद वो सीधा इसके पास पहुंचा। अब जेल के अंदर बंधकों के अलावा इसका साथी भी पहुंच चुका था।
दिन बीतते जा रहे थे। पुलिस को डर था कि कहीं ये बंधकों को कुछ कर न दे, लेकिन बैंक के अंदर कहानी एकदम उल्टी थी। इस बैंक रॉबर ने बंधकों को बिल्कुल भी परेशान नहीं किया। चार दिन बीत चुके थे इन सबको साथ रहते हुए। यहां तक की ये बैंककर्मी अब इसके दोस्त बन चुके थे। ये लोग मिलजुलकर अंदर बातें करते, साथ रहते। इन्हीं 6 दिन के दौरान एक खूबसूरत बैंक कर्मी और इस बैंक रॉबर के बीच दोस्ती और गहरी हो गई। ये इन 6 दिनों में एक दूसरे प्यार करने लगे।
बाहर बैंक को पुलिस ने किले के रूप में तब्दील कर दिया था और बैंक के अंदर चल रही थी बैंकर और बैंक रॉबर की लव स्टोरी। जब 5 दिन बीत जाते हैं तो पुलिस आखिरकार अपना ऑपरेशन शुरू करती है। इस लुटरे को पुलिस कहती है कि वो बाहर आ जाए तो उसकी बाकी बची मांगें भी पूरी कर दी जाएंगी। पुलिस इंतजार करती है। तभी वो खूबसूरत बैंक बाहर आती है। बाहर इकट्ठा पुलिस दंग रह जाती है। ये लड़की इस बैंक रॉबर को छोड़ने की मांग करती है। ये पुलिस को कहती है कि अगर पुलिस ने बैंक लुटेरे को कुछ किया तो वो अपनी जान दे देगी।
हर कोई दंग रह जाता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ। बाकी बंधक भी इस लड़की की बात को सही ठहराते हैं। इस बैंक रॉबर के अच्छे रवैये ने सबका दिल जीत लिया था। ये पूरी कहानी टीवी पर प्रसारित होती है। खैर पुलिस बैंक रॉबर पर गोली नहीं चलाती। हां उसे गिरफ्तार जरूर किया जाता है। 6 दिन बाद ये पूरा हाई प्रोफाइल ड्रामा खत्म होता है। ये बैंक लुटेरा आज भी स्वीडन में ही रहता है और आज भी इतने सालों बाद लोग इस किस्से को नहीं भूलते।