न्यूयॉर्क में एक ऐसी घटना घटी जिसने भारत को हिला कर रख दिया! उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की रहने वाली मनदीप कौर ने 3 अगस्त को न्यूयॉर्क में आत्महत्या कर ली। खुदकुशी से पहले उन्होंने एक वीडियो रेकॉर्ड किया जिसमें मनदीप ने बताया कि उनका पति रंजोधबीर सिंह संधू आठ साल से उन्हें प्रताड़ित कर रहा है। दक्षिण एशियाई महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर आवाज उठाने वाले ऑनलाइन पोर्टल ‘द कौर मूवमेंट’ ने सोशल मीडिया पर मनदीप का वीडियो शेयर किया जिसे देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। लेकिन इस तरह का अत्याचार झेलने वाली मनदीप अकेली महिला नहीं थीं। भारत की बेटियों की ऐसी कतार काफी लंबी है जो धोखे से शादी के बंधन में फंस जाती हैं, उनके पति उन्हें छोड़ देते हैं या हर रोज घरेलू हिंसा का सामना करती हैं।भारतीय विदेश मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक 8 घंटे में विदेशों में रहने वाली एक भारतीय पत्नी मदद के लिए अपने घर फोन करती है। इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली (EPW) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2007 से 2020 के बीच विदेश मंत्रालय को एनआरआई पत्नियों की तरफ से घरेलू हिंसा की 3,955 शिकायतें प्राप्त हुईं। रिपोर्ट बताती है कि इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 498A के तहत एनआरआई शादी में 50,000 आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। सबसे अधिक मामले पंजाब में दर्ज किए गए हैं जहां 32,000 एनआरआई पत्नियों ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।
शिकायतों के मुख्य कारण में सम्मान के साथ जीने का अधिकार, घरेलू हिंसा, दहेज, रेप और विवाहेतर संबंध जैसी चीजें शामिल हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात की हैं। एसबीएस पंजाबी की 2018 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार 25,000 से अधिक महिलाओं को उनके पतियों ने छोड़ दिया। द कौर मूवमेंट जैसे संगठन महिलाओं की आवाज को सामने लेकर आते हैं। मनदीप की मौत के बाद उनके पति के घर के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं जिसमें कई पंजाबी और भारतीय शामिल हैं।
वीडियो में मनदीप ने रोते-रोते बताया कि कैसे उनका पति अक्सर शराब पीकर और बिना शराब पिए भी उन्हें मारता था। मनदीप के दो बच्चे हैं और इस प्रताड़ना से बाहर आने में उनके सास और ससुर ने भी उनका साथ नहीं दिया। मनदीप के शव को भारत में उनके माता-पिता तक पहुंचाने के लिए कौर मूवमेंट न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के साथ संपर्क में है। बच्चों को घर से निकाल लिया गया है और पति के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। पोर्टल की तरफ से इंस्टाग्राम पर शेयर एक पोस्ट के अनुसार न्यूयॉर्क पुलिस विभाग आत्महत्या के बजाय हत्या के रूप में मामले की जांच कर रहा है।
इसी तरह ट्रुथ स्टिल अलाइव फाउंडेशन भी विदेशों में प्रताड़ित पत्नियों के लिए काम करता है जिसकी स्थापना जुबी जैदी ने की थी। जुबी जैदी की कहानी भी रोंगटे खड़े कर देने वाली है। जुबी जैदी की शादी एक एनआरआई से हुई थी जिसकी शादी पहले से ही किसी दूसरी महिला के साथ हो चुकी थी। अपने पति के टॉर्चर के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जैदी ने वकालत में करियर बनाने का फैसला किया। 2015 में जैदी ने अपने पति के खिलाफ एक केस दायर किया। सिटिजन की रिपोर्ट के अनुसार, गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद उनके पति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। जैदी ने बताया कि विदेश मंत्रालय की ओर से उनके सास-ससुर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था लेकिन सीनियर सिटिजनशिप के आधार पर उन्हें माफ कर दिया गया।
द सिटिजन से बात करते हुए ट्रुथ स्टिल अलाइव फाउंडेशन के चेयरपर्सन वकील अमन उस्मान ने कहा, ‘घरेलू हिंसा के मामलों में आर्टिकल 498(A) को लागू करने में सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम एनआरआई पतियों को भारतीय अदालतों तक नहीं ला पाते। उन्हें वापस लाने के लिए कोई सख्त कानून नहीं है।’ हालांकि हजारों महिलाएं शिकायत दर्ज करवा रही हैं और मदद मांग रही हैं लेकिन उचित सहायता प्राप्त करने वाली महिलाओं की वास्तविक संख्या बेहद कम है।
बेटर इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि विदेशों में भारत की बेटियों की सुरक्षा के लिए फरवरी 2019 में ‘रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरिज ऑफ नॉन-रेजिटेंड इंडियन बिल’ का मसौदा राज्यसभा में पेश किया गया था। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यह तय किया था कि यह बिल एनआरआई शादियों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करेगा और इस तरह के पतियों को समन जारी करने के लिए एक वेबसाइट होगी। लेकिन द हिंदू के मुताबिक यह बिल अभी तक आगे नहीं बढ़ पाया है।