आज हम आपको राजकुमारी कॉल और अटल बिहारी वाजपेई की कहानी सुनाने जा रहे हैं! अभिनेता पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘मैं अटल हूं’ इन दिनों खूब चर्चा में हैं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी पर आधारित इस फिल्म में पूर्व पीएम के संघर्ष से लेकर उनके प्यार का जिक्र है। पूर्व पीएम वाजपेयी और राजुकमारी कौल के बीच प्यार के किस्से एक खुली किताब है। इस प्यार को दोनों ने कोई नाम तो नहीं दिया लेकिन ये किसी से छिपा भी नहीं था। मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने इसे एक महान ‘प्रेम कहानी’ बताया था। मैं अटल हूं फिल्म में भी अटल के इस प्यार के किस्से को दर्शाया गया है। दरअसल, अटल ने कभी इस अफसाने को कभी छुपाया नहीं। इस किस्से की शुरुआत 1940 के दशक के मध्य में शुरू हुई थी। उस दौरान लड़के-लड़की में बातचीत तो कभी कभार ही होती थी। आंखों से इशारे जरूर हो जाते थे, वो भी किसी-किसी के बीच। इसी दौरान ग्वालियर के एक कॉलेज में राजुकमारी कौल के लिए युवा अटल बिहारी वाजपेयी ने एक किताब में लव लेटर रखा था। लेकिन अटल को कभी उस पत्र का जवाब नहीं मिला। हालांकि, ऐसा नहीं था कि राजुकमारी कौल ने जवाब नहीं दिया था, उन्होंने जवाब दिया था लेकिन वो जवाब और वो किताब कभी अटल के पास पहुंच ही नहीं पाई। बाद में सरकारी अधिकारी रहे राजुकमारी कौल के पिता ने अपनी बेटी की शादी कॉलेज के टीचर रहे ब्रिज नारायण कौल से कर दी।
राजुकमारी कौल के करीबी दोस्त और कारोबारी संजय कौल ने बताया था कि राजकुमारी कौल अटल से शादी करना चाहती थीं लेकिन उनके घर वाले तैयार नहीं हुए। कौल खुद को श्रेष्ठ बताते थे। हालांकि, अटल बिहारी वाजपेयी भी ब्राह्मण थे लेकिन कौल खुद को उनसे ऊपर मानते थे। मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने अटल और राजुकमारी कौल को करीब से देखा था। वो इसे एक खूबसूरत कहानी बताते थे। उस वक्त हर किसी को पता था कि मिसेज कौल अटल के लिए सबसे प्रिय थीं। नैयर ने एक अखबार में लिखा था कि राजकुमारी कौल अटल बिहारी के लिए सबकुछ थीं। उन्होंने अटल की खूब सेवा की थी। वो अपने मरते दम तक अटल के साथ रहीं। 2014 में उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया था।
मशहूर पत्रकार गिरीश निकम ने राजकुमारी कौल के बारे में एक किस्सा बताया था। उन्होंने बताया था कि कैसे अटल के घर पर फोन करने के बाद मिसेज कौल उसे उठाती थीं। फोन उठाते ही वह कहती थीं मिसेज कौल बोल रही हूं। शुरू में वह निकम से पूछ बैठी थीं कि आपको पता है मैं कौन हूं? इसपर निकम ने कहा था नहीं मैम। इसके बाद मिसेज कौल ने जवाब दिया था मैं मिसेज कौल, राजकुमारी कौल हूं। वाजपेयी जी और मैं लंबे समय करीब 40 साल से दोस्त रहे हैं। आपको ये नहीं पता? इसके बाद निकम ने सकुचाते हुए कहा, ओह मैं माफी चाहता हूं, मुझे पता नहीं था। इसके बाद राजुकमारी कौल जोर से हंसती हैं और बताती हैं कि कैसे अटल बिहारी उनके और उनके पति के साथ इन सालों में रहे।
मिसेज कौल ने 1980 में एक प्रेस को इंटरव्यू दिया था। एक महिला पत्रिका को दिए इंटरव्यू में जब उनसे उनके और अटल के बारे में पूछा, तो मिसेज कौल ने जवाब दिया कि अटलजी और उन्होंने कभी भी श्री कौल से माफी मांगने की जरूरत नहीं महसूस की। उन्होंने कहा कि उनके पति के साथ उनका रिश्ता इतना मजबूत था कि ऐसी जरूरत ही नहीं पड़ी। हालांकि, अटल और राजकुमारी कौल की शादी तो नहीं हुई लेकिन वो दोनों काफी वक्त एकसाथ रहे। राजकुमारी कौल की शादी होने के बाद अटल सियासी दुनिया में मशगूल हो गए। इन दोनों की मुलाकात करीब डेढ़ दशक बाद फिर हुई जब अटल संसद के सदस्य बन चुके थे। इस दौरान राजकुमारी कौल अपने पति के साथ दिल्ली आ गई थीं। उनके पति उस वक्त दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में प्रोफेसर बन गए थे। फिर मिस्टर कौल इसी कॉलेज के हॉस्टल के वार्डन बन गए।
2014 में जब मिसेज कॉल का निधन हो गया तो उस दौरान बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज उनके अंतिम संस्कार में मौजूद रहे थे। यहीं नहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मिसेज कौल के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे। अटल और राजुकमारी कौल ने जीते जी कभी भी अपने रिश्ते को कोई नाम नहीं दिया। उनकी करीबी के चर्चे जरूर होते थे लेकिन कभी ये सियासी मसला नहीं बना। अटल जब प्रधानमंत्री बने तो उनके आधिकारिक दौरों में मिसेज कौल का नाम प्रोटोकॉल में नहीं होता था। यानी अटल हरबार अकेले ही विदेशी दौरे पर जाते थे। लेकिन कहा जाता है कि इन दौरों में भी मिसेज कौल की मौजूदगी हमेशा रही। अटल ने मिसेज कौल की दोनों पुत्रियों नमिता और नम्रता के एडॉप्ट कर लिया था। नमिता की शादी रंजन भट्टाचार्य से हुई थी। मिसेज कौल की दूसरी बेटी नम्रता डॉक्टर थीं और वह न्यूयॉर्क में रहती हैं।