आज हम आपको साम्राज्यवादी शासक सिकंदर की मौत की कहानी सुनाने जा रहे हैं! दुनिया पर राज करने वाले शहंशाहों के पराक्रम और शौर्य गाथा से जुड़े किस्से और कहानी तो आपने इतिहास की किताबों में पढ़े होंगे। लेकिन आपको पता है दुनिया को जीतने वाले अधिकांश विजेताओं की मौत अपने आप में एक बड़ा रहस्य है। उन्हीं रहस्यों में से एक है, महान शासक सिकंदर की मौत।आज हम आपको दुनिया जीतने वाले सिकंदर के आखिरी दिनों के बारे में सबकुछ बताएंगे। शायद ही इससे पहले आपको सिकंदर की मौत से जुड़ी इतनी रोचक जानकारी कहीं पढ़ने को मिली होगी। इतिहासकारों का कहना है कि 33 साल की उम्र में जब सिकंदर मरा तो उसकी दोनों बाहें और हथेलियां खुली हुई थी। दार्शनिकों ने इस मौत पर कहा, ‘इस राजा ने अपने पूरे जीवन काल में अधिकांश युद्ध जीते, कई राजाओं के साम्राज्यों पर कब्जा किया, लेकिन जब दुनिया से गया तो इसके हाथ खाली रह गए। हर इंसान की तरह सिकंदर भी खाली हाथ ही गया, पर अपनी मौत की वजह अपनी धडकनों के साथ ही ले गया।’ सिकंदर की मौत के रहस्यों में सबसे बड़ा रहस्य है कि सिकंदर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम नामक एक स्नायविक विकार से पीड़ित थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब उसकी मौत हुई तो वे वास्तव में केवल लकवाग्रस्त थे जबकि वो मानसिक रूप से ठीक थे। हालांकि इस संदर्भ में कोई ज्यादा रिसर्च नहीं है।
कई इतिहासकारों का कहना है कि सिकंदर की मौत किस वजह से हुई इसकी पुख्ता जानकारी इतिहास के किसी पन्ने पर नहीं है। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि सिकंदर की मौत तेज बुखार से हुई तो कुछ का कहना है कि सिकंदर की मौत मलेरिया से हुई थी। कुछ इतिहासकार का कहना है कि सिकंदर का साम्राज्य बढ़ते देख सिकंदर के ही कुछ विश्वासपात्रों ने सिकंदर को मारने की साजिश बनाई और शराब में जहर देकर सिकंदर को मार डाला। जहर से हुई मौत को बुखार का नाम देने के लिए सिकंदर के सिपह सलाहकारों ने नील नदी के बैक्टीरिया को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि अकादमिक इतिहासकारों का मानना है कि सिकंदर की मौत किसी बीमारी की वजह से हुई थी।कई इतिहासकारों का कहना है कि सिकंदर की मौत किस वजह से हुई इसकी पुख्ता जानकारी इतिहास के किसी पन्ने पर नहीं है। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि सिकंदर की मौत तेज बुखार से हुई तो कुछ का कहना है कि सिकंदर की मौत मलेरिया से हुई थी। कुछ इतिहासकार का कहना है कि सिकंदर का साम्राज्य बढ़ते देख सिकंदर के ही कुछ विश्वासपात्रों ने सिकंदर को मारने की साजिश बनाई और शराब में जहर देकर सिकंदर को मार डाला। जहर से हुई मौत को बुखार का नाम देने के लिए सिकंदर के सिपह सलाहकारों ने नील नदी के बैक्टीरिया को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि अकादमिक इतिहासकारों का मानना है कि सिकंदर की मौत किसी बीमारी की वजह से हुई थी। इतिहासकारों का तर्क है सिकंदर की मौत के समय में बेबीलोन में मलेरिया और ताइफाइड जैसे रोग हुआ करते थे। सिकंदर की मौत से जुड़ा एक और रोचक किस्सा है।जिसके मुताबिक, भारत से सिकंदर कुछ बन्दर ले गया था और उन्ही में से एक ने उसे काट लिया था, जिससे उसकी मौत हुई। इतिहासकारों का तर्क है सिकंदर की मौत के समय में बेबीलोन में मलेरिया और ताइफाइड जैसे रोग हुआ करते थे। सिकंदर की मौत से जुड़ा एक और रोचक किस्सा है।जिसके मुताबिक, भारत से सिकंदर कुछ बन्दर ले गया था और उन्ही में से एक ने उसे काट लिया था, जिससे उसकी मौत हुई।
सिकंदर का जन्म 356 BC में मैसोडोनिया में हुआ था। सिकंदर के पिता का नाम फिलिप सैकिंड था। सिकंदर के गुरु का नाम अरस्तु था। सिकंदर गद्दी पर 359BC में बैठा था। सिकंदर का सपना पूरी दुनिया को जीतने का था।हर इंसान की तरह सिकंदर भी खाली हाथ ही गया, पर अपनी मौत की वजह अपनी धडकनों के साथ ही ले गया।’ सिकंदर की मौत के रहस्यों में सबसे बड़ा रहस्य है कि सिकंदर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम नामक एक स्नायविक विकार से पीड़ित थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब उसकी मौत हुई तो वे वास्तव में केवल लकवाग्रस्त थे जबकि वो मानसिक रूप से ठीक थे। हालांकि इस संदर्भ में कोई ज्यादा रिसर्च नहीं है। कहा जाता है सिकंदर की सेना ने युद्ध में कभी भी हार नही मानी थी। यही कारण हैं कि 32 साल की उम्र में ही सिकंदर अपनी बुलंदी पर था। सिकंदर का साम्राज्य पश्चिम में यूनान से लेकर पूर्व में आज के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, इराक़ और मिस्र तक फैला हुआ था। सिकंदर को दुनिया के इतिहास में सबसे प्रभावशाली और सैन्य प्रमुखों में से एक माना जाता है।