आज हम आपको टीवी में इंटरव्यू देने वाले महा ठग की कहानी सुनाने जा रहे हैं! सोचिए कोई कितना शातिर हो सकता है। पूरी बुनियाद झूठ पर खड़ी थी, लेकिन उस झूठ को बड़ी ही आसानी से टीवी पर इंटरव्यू देकर बताता था। न डर था न चिंता थी। बस झूठ बोलता रहा और लोगों को ठगता रहा, न सिर्फ लोगों को बल्कि, अधिकारियों को, नेताओं को और न जाने कितने बड़े लोगों को। इतना बड़ा शातिर ठग कि इसकी कहानी सुनकर कोई भी हैरान रह जाए। नाम अनूप चौधरी, काम ठगी या यू कहें महाठगी। कभी राजनेता बन जाता तो कभी रेलवे अधिकारी। जहां जैसी सुविधा होती वहां वहीं रूप ले लेता। बस मकसद था वीवीआईपी प्रोटोकॉल का फायदा उठाना। खुद वीवीआईपी बताना और ये उसमें कामयाब भी रहा। बीजेपी नेता या फिर कोई बड़ा अधिकारी बताकर सरकारी काम करवाते और बदले में लोगों से पैसे ऐंठते थे। अनूप चौधरी का नाम भी एसटीएफ का लिस्ट में था, लेकिन इसे रंगे हाथों पकड़ना था। बस फिर क्या था टीम ने जाल बिछाया। एसटीएफ की खबर मिली कि अनूप चौधरी अयोध्या में सर्किट हाउस में किसी बड़े कारोबारी को लेकर आ रहा है। पुलिस की टीम पहले ही वहां पहुंच गई।अयोध्या का रहने वाला अनूप चौधरी जब चलता था तो इसके साथ एक ड्राईवर, एक सरकारी गनर, बड़ी कार और लोगों का काफिला होता था। चौंकिए ये महाठग ही था, लेकिन रुतबा किसी बड़े नेता से कम नहीं।
अनूप चौधरी ने अपना एक ओएसएडी रखा हुआ था जिसका नाम था श्रीनिवास नाराला। श्रीनिवास ही अनूप चौधरी के बिहाफ पर सरकारी अधिकारियों को प्रोटकॉल के लिए लेटर लिखता। अधिकारी इनके बुने इस जाल में फंस जाते। ये लंबे समय से ऐसे ही वीवीआईपी होने का फायदा उठा रहा था। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि ये टीवी चैनल्स को राजनीतिक इंटरव्यू भी देता था। बीजेपी का नेता बनकर बड़ी बातें करता था। ये बेशक नेता नहीं था, लेकिन इसने अपना रुतबा ऐसा बना लिया था कि इससे डील करने वाले इसे नेता या अधिकारी ही मानते थे।
इसने अपनी सुरक्षा का हवाला देकर अपने लिए इसी तरह से लेटर लिखकर एक गनर की भी मांग कर ली थी। तब से एक सिपाही हमेशा इसके साथ चलता था जिससे इसका रौब और बढ़ने लगा। न अधिकारी इसके लेटर को चेक करते और न कोई सवाल पूछे जाते। बस सब कुछ ऐसा ही चलता जा रहा था। ये लोगों को सरकारी काम करवाता, उन्हें डील दिलवाता और बदले में लाखों करोड़ों ऐंठता। अनूप न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि दूसरे राज्यों में भी इस तरह के वीवीआईपी प्रोटोकॉल का फायदा उठा रहा था।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ को काफी समय से यूपी में कुछ ठगों के बारे में खबरें मिल रही थी। ये खुद को बीजेपी नेता या फिर कोई बड़ा अधिकारी बताकर सरकारी काम करवाते और बदले में लोगों से पैसे ऐंठते थे। अनूप चौधरी का नाम भी एसटीएफ का लिस्ट में था, लेकिन इसे रंगे हाथों पकड़ना था। बस फिर क्या था टीम ने जाल बिछाया। एसटीएफ की खबर मिली कि अनूप चौधरी अयोध्या में सर्किट हाउस में किसी बड़े कारोबारी को लेकर आ रहा है। पुलिस की टीम पहले ही वहां पहुंच गई।
इस ठग करो उम्मीद नहीं थी कि इस बार इसका स्वागत कुछ अलग तरह से होने वाला है। ये अपने ड्राइवर, सरकारी गनर, लखनऊ के कारोबारी सतेन्द्र वर्मा के साथ था। ये सतेन्द्र वर्मा को अयोध्या वीआईपी दर्शन के लिए लेकर आया हुआ था। बिल्कुल नेताओं वाले अंदाज में वो अपनी कार में बैठा हुआ था, लेकिन उसे नहीं पता था कि उसके मुखौटा हट चुका है। इस जाल में फंस जाते। ये लंबे समय से ऐसे ही वीवीआईपी होने का फायदा उठा रहा था। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि ये टीवी चैनल्स को राजनीतिक इंटरव्यू भी देता था। बीजेपी का नेता बनकर बड़ी बातें करता था।अधिकारी इसके लेटर को चेक करते और न कोई सवाल पूछे जाते। बस सब कुछ ऐसा ही चलता जा रहा था। ये लोगों को सरकारी काम करवाता, उन्हें डील दिलवाता और बदले में लाखों करोड़ों ऐंठता। अनूप न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि दूसरे राज्यों में भी इस तरह के वीवीआईपी प्रोटोकॉल का फायदा उठा रहा था। ये बेशक नेता नहीं था, लेकिन इसने अपना रुतबा ऐसा बना लिया था कि इससे डील करने वाले इसे नेता या अधिकारी ही मानते थे।पुलिस ने अब इस शातिर महाठग को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ-साथ इसका ड्राइवर फिरोज आलम भी गिरफ्तार हो गया है।