आज हम आपको यूपी के विक्की त्यागी की कहानी सुनाने जा रहे हैं! पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का गैंगस्टर विक्की त्यागी जरायम की दुनिया का बड़ा हथियार रहा। उसके इशारों पर दो दशक तक पश्चिम उत्तर प्रदेश का क्राइम नाचता रहा। विक्की त्यागी ने न सिर्फ अपराध की जड़ें मजबूत कीं, बल्कि उसने जिले में जरायम की पौध को भी खाद पानी देकर बड़ा किया। विक्की त्यागी जब जुर्म की दुनिया में जेल से सियासत पर भी बादशाहत कायम करने की कोशिश कर रहा था तो उससे कम उम्र के उभरते एक बदमाश ने 16 फरवरी 2015 को कोर्ट के कटघरे में गोलियां बरसाकर उसकी कहानी का अंत कर दिया था। कम उम्र में कुख्यात बनने की चाहत विक्की त्यागी को जरायम की ओर ले गई। विक्की त्यागी ने मुजफ्फरनगर के एसडी इंटर कॉलेज में दसवीं की पढ़ाई के दौरान क्रिकेट मैच में विपक्ष के खिलाड़ियों के साथ मारपीट की। इसके बाद गांव में चल रही राजनीति उसे रास आने लगी और देखते ही देखते वह कुख्यात अपराधी बन गया।
विक्की त्यागी मुजफ्फरनगर के थाना चरथावल क्षेत्र के गांव पावटी खुर्द से एक संपन्न किसान परिवार से ताल्लुक रखता था। विक्की त्यागी के पूर्वजों का एक लंबे समय से गांव के ही कुछ लोगों से राजनीति के चलते रंजिश चली आ रही थी। विक्की त्यागी से पहले उसके परिवार का कोई बड़ा आपराधिक इतिहास नहीं रहा। जवानी की पहली दहलीज पर विक्रांत उर्फ विकी त्यागी को मुजफ्फरनगर के ब्रह्मपुरी निवासी मीनू त्यागी से प्रेम हो गया था, लेकिन मीनू की बहन इस प्रेम संबंध के खिलाफ थी। विक्की और मीनू त्यागी के प्रेम विवाह के कुछ दिन बाद मीनू की बहन की हत्या हो गई, जिसमे मीनू के परिजनों ने विक्की त्यागी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया। इसके बाद विक्की त्यागी जरायम की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया और एक के बाद एक उसने दर्जनों हत्याओं की घटना को अंजाम दे डाला।
विक्की त्यागी ने अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद एक के बाद एक दर्जनों बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। हत्या, लूट, फिरौती जैसे आरोप में विक्की पर 40 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे। 2015 में हत्या से पहले दो दशक के दौरान दिल्ली-एनसीआर समेत कई जिलों में विक्की त्यागी की अपराध के मामले में तूती बोलने लगी थी। विक्की त्यागी ने कई हत्याओं की घटना को अकेले ही अंजाम दिया। विक्की त्यागी के जेल में बंद होते समय जेल प्रशासन ने उस पर सख्ती कर दी थी। इस मामले में बंदी रक्षक चुन्नीलाल के व्यवहार को लेकर विक्की नाराज हो गया था। 2014 के दौरान बंदी रक्षक चुन्नीलाल रात के समय जब जिला जेल में ड्यूटी पूरी कर अपने घर जा रहा था तो उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुजफ्फरनगर क्राइम ब्रांच ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए आपराधिक साजिश रचने का आरोप जेल में बंद विक्की त्यागी पर लगाया था। उसी दौरान विक्की त्यागी पर दिल्ली-देहरादून हाइवे पर पुलिस वैन पर शार्प शूटर से हमला करने का भी आरोप लगा था। इसमें एक पुलिस कॉन्स्टेबल की हत्या और कई पुलिसकर्मी के घायल होने का मामला सामने आया था। विक्की त्यागी के आगे नामचीन अपराधी भी विक्की के खौफ के आगे छोटे दिखाई देते रहे थे।
विक्की त्यागी ने कई बड़ी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। जेल में रहते कई बड़ी आपराधिक साजिश रची थी, लेकिन उसके खाते में गिना जाने वाला सबसे जघन्य हत्याकांड 2011 में हुआ बडकली मोड़ हत्याकांड था। इसमें 3 साल की बच्ची सहित 8 लोगों की मौत हुई थी। 11 जुलाई 2011 को गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन और बधाई खुर्द निवासी उदयवीर अपने परिवार सहित जीप कार में सवार होकर मुजफ्फरनगर के लिए निकले थे। बडकली मोड़ के समीप कार में एक ट्रक ने सीधी टक्कर मार दी थी, जिसमें घायल होने पर उदयवीर सहित आठ लोगों की मौत हुई थी। इस जघन्य हत्याकांड की आपराधिक साजिश रचने और उसे अंजाम देने के आरोप में विक्की त्यागी और उसकी पत्नी मीनू त्यागी सहित 18 लोगों को नामजद किया गया था। इस मामले में एक वर्ष पहले कोर्ट ने मीनू त्यागी सहित 16 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि सुनवाई के दौरान विक्की त्यागी की हत्या होने के कारण उसके मामले में कोर्ट की सुनवाई बंद कर दी गई थी।
विक्की त्यागी अपराध के रास्ते से होकर सियासत की डगर पर चलना चाहता था। जेल में बंद रहते हुए 2005 में विक्की त्यागी ने ब्लॉक प्रमुख चरथावल का चुनाव भी लड़ा और जीता, लेकिन इस चुनाव में बधाई खुर्द निवासी पूर्व चेयरमैन उदयवीर से चुनावी रंजिश शुरू हो गई। चुनाव जीतने के बाद मुजफ्फरनगर के सहारनपुर बस स्टैंड पर एक हत्या के मामले में विक्की की पत्नी और उसके साथी सुशील शुक्ला जेल चले गए। हालांकि, विक्की त्यागी हत्या से कुछ दिन पूर्व कई आपराधिक मामलों में बरी हो गया था।