बिहार की राजनीति में उथल-पुथल यूं ही चलता रहता है। ना जाने कितनी बार नीतीश कुमार सीएम पद की शपथ लेते हैं। नीतीश कुमार कभी उस दामन को थाम ते हैं तो कभी किसी और दामन को थाम ते हैं। पिछले हफ्ते नीतीश कुमार ने राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा था।. राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों में आम सहमति बनी कि हमें एनडीए (NDA) छोड़ देना चाहिए। बीजेपी के साथ काम करना मुश्किल हो रहा था इसलिये उन्होने बीजेपी का साथ छोड़ा था।बिहार में 10 अगस्त को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नीतीश कुमार ने 1 हफ्ते के अंदर ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है। 16 अगस्त को 31 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली। मंत्री बनने वाले कुल 31 विधायकों में आरजेडी से सबसे ज्यादा 16, जेडीयू से 11, कांग्रेस से दो, हम से एक बार एक निर्दलीय शामिल है।
जेडीयू के पास ज्यादातर बड़े विभाग आए हैं। मुख्यमंत्री ने ग्रह, सामान्य प्रशासन समिति 5 विभाग अपने पास रखे हैं। जेडीयू में वित्त मंत्रालय विजय चौधरी को दिया गया है तथा तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास और ग्रामीण कार्य का जिम्मा मिला है। वही बात करें लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप को पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सौंपा गया है। तो दूसरी और कांग्रेस के 19 में से केवल दो विधायक मंत्री बने हैं उन्हें भी पंचायती राज मतस्य और पशुपालन जैसे विभाग दिए गए हैं।
अगड़ी जातियों के कम मंत्री
आज नीतीश कुमार की नई कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। परंतु नीतीश की नई कैबिनेट में इस बार पिछड़े और दलित जातियों के मंत्रियों को ज्यादा विभाग मिले हैं। नीतीश की नई कैबिनेट में पिछड़े दलितों को पिछली बार से ज्यादा मौका मिला। वहीं दूसरी ओर अगड़ी जातियों के मंत्रियों की संख्या में कमी आई है। सबसे ज्यादा 8 यादव मंत्री कैबिनेट में है। पिछड़ी और अति पिछड़ी कैटेगरी से सबसे ज्यादा 17, दलित वर्ग से पांच और मुस्लिम समुदाय से पांच मंत्री लिए गए हैं। एनडीए सरकार में अपर कास्ट के 11 मंत्री थे जो इस बार घटकर 6 हो गए हैं तथा 13 ओबीसी और ईबीसी और 2 मुस्लिम चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल थे।
डिप्टी सीएम के विभागों का पलड़ा है ज्यादा भारी
आज हुए नए मंत्रिमंडल के विस्तार में सबसे ज्यादा विभाग आरजेडी को मिले हैं। आरजेडी को महागठबंधन में सबसे ज्यादा बजट वाले विभाग मिले हैं। उसके हिस्से में 20 विभाग आए हैं जिसका कुल बजट 99305.61 करोड़ रुपए है। वहीं जेडीयू को भी 20 विभाग मिले हैं। जिसका बजट 68902 करोड़ रुपए है। सीएम नीतीश कुमार से ढाई गुना ज्यादा बजट वाले विभाग डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास है। उप मुख्यमंत्री को 40741.32 करोड़ रुपए बजट के चार विभाग है। जबकि नीतीश कुमार के 5 विभागों का बजट 16027.65 करोड़ रुपए है।
बिहार की महा गठबंधन सरकार में मिथिलांचल से सबसे ज्यादा 10 मंत्री बनाए गए हैं। इसके बाद भोजपुर, शाहाबाद से 7 और मगध से चार मंत्री बने हैं। वही कोशी से दो, सीमांचल से तीन और अंग प्रदेश से 2 मंत्री बनाए गए हैं।
राज्यपाल फागू चौहान ने दिलाई शपथ
नई मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद राजद कोटे से तेज प्रताप यादव, समीर कुमार महासेठ, चंद्रसेखर कुमार सर्वजीत, ललित यादव, सुरेंद्र प्रसाद यादव, रामानंद यादव, जितेंद्र कुमार राय, अनीता देवी, सुधाकर सिंह, आलोक मेहता को मंत्री पद की शपथ राज्यपाल फागू चौहान ने दिलाई थी।
जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। वहीं कांग्रेस की तरफ से मदन मोहन झा और अजीत शर्मा का नाम सबसे ऊपर था। लेकिन आखिरी समय में उनके नाम कट गए आरजेडी के सीनियर लीडर भाई वीरेंद्र को भी आखरी में मंत्री पद नहीं दिया गया है। बीजेपी से महागठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई है नीतीश कुमार की पास 164 विधायकों का सपोर्ट है। आज नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली तथा तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
31 मंत्रियों ने ली थी शपथ
नीतीश सरकार के मंत्री मंडल विस्तार में कुल 31 मंत्रियों ने शपथ ली है। इनमें राजद, जदयू कांग्रेस सहित महागठबंधन के अन्य दलों के सदस्य शामिल है। राजद के कोटे से 16 और जदयू के कोटे से 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। कांग्रेस के दो विधायकों मांझी की पार्टी हम से एक निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। वहीं बिहार मंत्रिमंडल विस्तार में 11 जदयू 16 रजत और दो कांग्रेस और एक हम विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली।