आज हम आपको आगरा मेट्रो की बेहतरीन खासियतों के बारे में बताने वाले हैं! उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने प्रायोरिटी कॉरिडोर के भूमिगत भाग में थर्ड रेल बिछाने का काम शुरू हो गया है। तीनों भूमिगत स्टेशनों पर गति के साथ फिनिशिंग कार्य किए जा रहे हैं। प्रबंध निदेशक सुशील कुमार के बताया कि आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल प्रणाली पर काम करेगी। इस प्रणाली की गजब खासियत है। इस प्रणाली में पारुंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाली ओएचई ओवर हेड इक्युपमेंट प्रणाली की जगह पर पटरियों के समानांतर एक तीसरी रेल पटरी का प्रयोग किया जाता है। आगरा मेट्रो 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलेंगी। जल्द ही आगरा वासियों को मेट्रो की सवारी मिलेगी। सुशील कुमार ने बताया कि 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलने वाली मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल का प्रयोग करती हैं। फिलहाल, प्रायोरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड भाग थर्ड रेल का प्रयोग करते हुए आगरा मेट्रो ट्रेनों का हाई स्पीड ट्रायल किया जा रहा है।संकल्पना पर बने इस मेट्रो डिपो में चल रहे कार्यों को देखा। प्रदर्शनी के माध्यम से अब तक की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद सीएम ने रिमोट का बटन दबाकर आगरा मेट्रो ट्रेन का डिजीटल अनावरण किया।
आगरा मेट्रो के 29.4 लंबे दो कॉरिडोर के लिए कुल 3 रिसीविंग सब स्टेशन आरएसएस का निर्माण किया जाना है। डिपो परिसर में पहला आरएसएस बनकर तैयार हो गया है। आईएसबीटी के निकट दूसरे आरएसएस की बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। आगरा मेट्रो ट्रेन के संचालन हेतु सबसे पहले ग्रिड से 132 केवी की सप्लाई ली जाएगी। इसके बाद रिसीविंग सब स्टेशन में लगे स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर की मदद से 132 केवी की सप्लाई को 33 केवी में बदला जाएगा।
इस चरण के बाद 33 केवी की सप्लाई को टीएसएस ट्रेक्शन सब स्टेशन में लगे ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर की मदद से 750 वोल्ट डीसी में बदलकर ट्रेन संचालन हेतु दिया जाएगा। इसके साथ ही मेट्रो स्टेशनों में लगे एस्कलेटर्स, लाइटिंग, लिफ़्ट्स, एयर-कंडीशनिंग सिस्टम आदि सिस्टमों के संचालन हेतु 33 केवी की सप्लाई को 440 वोल्ट में परिवर्तित किया जाएगा। आगरा मेट्रो ट्रेनें रीजेनेरेटिव प्रणाली के जरिए बिजली का उत्पादन करेंगी। दरअसल, पारंपरिक अथवा मिकैनिकल ब्रेकिंग प्रणाली में गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक शू का प्रयोग किया जाता है, जबकि इस प्रणाली में ब्रेकिंग के दौरान व्हील पर ब्रेक शू के रगड़ने से ऊष्मा हीट एनर्जी उत्पन्न होती है, लेकिन आगरा मेट्रो ट्रेनों में रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। सीएम योगी ने कमिश्नरी चौराहा स्थित मेट्रो डिपाे का स्थलीय निरीक्षण किया। ग्रीन क्लीन एनर्जी की संकल्पना पर बने इस मेट्रो डिपो में चल रहे कार्यों को देखा। प्रदर्शनी के माध्यम से अब तक की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद सीएम ने रिमोट का बटन दबाकर आगरा मेट्रो ट्रेन का डिजीटल अनावरण किया। आगरा के पहले कारीडोर ताज पूर्वी गेट-सिकंदरा में चलने वाली मेट्रो आगे से काली होगी। इसके नीचे सफेद रंग की पट्टी होगी। इसके बीच में पीले रंग की पट्टी होगी। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने सीएम को आगरा मेट्रो ट्रेन की विशेषताओं की जानकारी दी। बताया कि ‘मेक इन इंडिंया’ के तहत गुजरात के सावली में मेसर्स एल्सटाम इंडिया के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में आगरा मेट्रो ट्रेन का निर्माण किया जा रहा है।
यह मेट्रो रीजेनरेटिव प्रणाली सहित अन्य आधुनिक प्रणालियों से लैस होगी। इसके बाद सीएम ने डिपो परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। यूपी मेट्रो के निदेशक कार्य एवं संरचना संजय मिश्रा, निदेशक रोलिंग स्टाक अतुल गर्ग, आगरा मेट्रो के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार राय आदि मौजूद थे। आगरा मेट्रो ट्रेन में कार्बन-डाई-आक्साइड पर आधारित एयरकंडीशनिंग सिस्टम होगा। इस प्रणाली के तहत एयरकंडीशनिंग सिस्टम तापमान के साथ ही ट्रेन में मौजूद यात्रियों द्वारा उत्सर्जित कार्बन-डाइ-आक्साइड की मात्रा के अनुसार चलेगा। यह सिस्टम सामान्यतौर पर ट्रेन में निर्धारित तापमान को बनाए रखेगा। ट्रेन में यात्रियों की संख्या बढ़ने पर एयरकंडीशनिंग सिस्टम खुद ही कार्बन-डाई-आक्साइड का आकलन कर आक्सीजन युक्त साफ हवा को ट्रेन के भीतर लाएगा। इससे यात्रियों को कभी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ताजनगरी में 8379.62 करोड़ रुपये की लागत से 29.4 किमी लंबे मेट्रो ट्रेन के दो कारीडोर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। ताज पूर्वी गेट से सिकंदरा के बीच बन रहे पहले कारीडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। इसमें छह एलिवेटिड और सात भूमिगत स्टेशन हैं। आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच बनने वाले दूसरे कारीडोर में 14 एलिवेटिड स्टेशन होंगे। वर्तमान में ताज पूर्वी गेट से जामा मस्जिद के बीच प्रयोरिटी कारीडोर का निर्माण कार्य चल रहा है।