आज हम आपको माफिया शब्द का इतिहास बताने जा रहे हैं! पहले वो उत्तर प्रदेश के माफिया की बेगम के नाम से जानी जाती थी, लेकिन अब इस बेगम ने बना ली है अपनी अलग पहचान। शाइस्ता परवीन माफिया की बेगम से खुद माफिया में तब्दील हुई तो उत्तर प्रदेश में छिड़ गई एक नई जंग। जंग बेगम को माफिया न बताने की। जंग अतीक अहमद की पत्नी को माफियागिरी के इल्जाम से अलग करने की, लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों शाइस्ता को माफिया कहा गया। क्या होते हैं माफिया? 2 मई को पुलिस ने शाइस्ता परवीन के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी। दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस ने अतीक और शाइस्ता के बेटे असद के दोस्त आतिन जफर के घर छापेमारी की थी। आतिन ने पुलिस को बताया था कि अतीक की हत्या के बाद उस रात शाइस्ता उसके घर आई थी। उस रात शाइस्ता परवीन के साथ एक शूटर साबिर भी था। बस इसी घटना के बाद यूपी पुलिस ने शाइस्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इस एफआईआर में शाइस्ता के नाम के साथ पहली बार माफिया शब्द जोड़ा गया। अब तक शाइस्ता को माफिया की पत्नी कहकर ही बुलाया जाता था।
शाइस्ता माफिया करार हुई तो समाजवादी पार्टी को ये बात नागवार गुजरी। अब खुलेआम अखिलेश यादव ने इसका विरोध शुरू कर दिया। अखिलेश का कहना है कि शाइस्ता को माफिया बताना गलत है। शाइस्ता के बचाव में अखिलेश आ गए तो फिर राज्य में चर्चा छिड़ गई क्यों शाइस्ता को माफिया न कहा जाए। शाइस्ता को माफिया कहना चाहिए या नहीं ये तय करने के लिए हमें समझना होगा आखिर ये शब्द माफिया क्या है। जुर्म की दुनिया में माफिया शब्द हम सालों से सुनते आ रहे हैं। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तो माफिया बर्दर्स के नाम से ही जाना जाता था, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि शब्द हिंदी नहीं इटालियन है। इसका मतलब होता है संगठित और सुनियोजित तरीके से अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाला। अगर कोई गैंग बनाकर पूरे संगठित तरीके से किसी जुर्म जैसे हत्या, तस्करी, लूटपाट, को करता है तो उसे माफिया कहा जा सकता है।
अब वापस लौटते हैं शाइस्ता पर। शाइस्ता परवीन पिछले 78 दिन से फरार है। उमेश पाल हत्याकांड में वो आरोपी है। उत्तर प्रदेश पुलिस को कई ऐसे वीडियो हाथ लगे हैं जिनमें शाइस्ता अपने गैंग को लीड करती नजर आ रही है। जुर्म की दुनिया में माफिया शब्द हम सालों से सुनते आ रहे हैं। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तो माफिया बर्दर्स के नाम से ही जाना जाता था, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि शब्द हिंदी नहीं इटालियन है। इसका मतलब होता है संगठित और सुनियोजित तरीके से अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाला। अगर कोई गैंग बनाकर पूरे संगठित तरीके से किसी जुर्म जैसे हत्या, तस्करी, लूटपाट, को करता है तो उसे माफिया कहा जा सकता है।अतीक अहमद की कई प्रॉपर्टी को भी वो पिछले कुछ समय में अपने नाम करवा चुकी है। यहां तक की वो अपने साथ हर वक्त एक शूटर भी रखती है। उस दिन 16 अप्रैल की रात शूटर साबिर शाइस्ता के साथ था। आतिन के घर पर आगे की प्लानिंग तय की गई थी। यूपी पुलिस ने बस इन्ही सब आधार पर शाइस्ता को माफिया करार दे दिया।
माफिया या माफियागिरी शब्द के लिए कानून में कोई अलग से प्रावधान नहीं है।जुर्म की दुनिया में माफिया शब्द हम सालों से सुनते आ रहे हैं। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तो माफिया बर्दर्स के नाम से ही जाना जाता था, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि शब्द हिंदी नहीं इटालियन है। इसका मतलब होता है संगठित और सुनियोजित तरीके से अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाला। अगर कोई गैंग बनाकर पूरे संगठित तरीके से किसी जुर्म जैसे हत्या, तस्करी, लूटपाट, को करता है तो उसे माफिया कहा जा सकता है। ये जुर्म के नेचर पर डिपेंट करता है कि उस पर कौन सी धाराएं लगेंगी। माफिया शब्द पर शुरू हुई ये बहस का कोई अंत भी नहीं।जुर्म की दुनिया में माफिया शब्द हम सालों से सुनते आ रहे हैं। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तो माफिया बर्दर्स के नाम से ही जाना जाता था, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि शब्द हिंदी नहीं इटालियन है। इसका मतलब होता है संगठित और सुनियोजित तरीके से अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाला। अगर कोई गैंग बनाकर पूरे संगठित तरीके से किसी जुर्म जैसे हत्या, तस्करी, लूटपाट, को करता है तो उसे माफिया कहा जा सकता है। राजनैतिक पार्टी पक्ष-विपक्ष में बोलती रहेंगी, लेकिन ये जरूर है कि एफआईआर में माफिया लिखने के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस शाइस्ता का नाम जल्द ही राज्य की माफियाओं की लिस्ट में शामिल कर लेगी।