आज हम आपको भारत की ब्लैक विडो के बारे में जानकारी देने वाले हैं! 14 साल की उम्र में जब पंजाब के भटिंडा की रहने वाली वो लड़की दुल्हन बनकर ससुराल आई तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि बस चंद दिनों बाद विधवा हो जाएगी। बड़ी धूम-धाम से भटिंडा की रहने वाली लाला वन की शादी हुई। लाल रंग के जोड़े में जब वो अपने घर पहुंची तो वो इतनी सुंदर लग रही थी कि हर कोई उसे देखता रहा गया। गांव की महिलाओं ने उसे सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद दिया, लेकिन 14 साल की इस लड़की के इरादे किसी को भी न पता थे।वो अपने पति के साथ अकेली रहती थी, करीब तीन चार महीने तक तो सबकुछ ठीक था। दोनों साथ में खुश थे, लेकिन अचानक लाला का मन अपने पति से हटने लगा। वो पति के साथ रहती थी, लेकिन उसकी नज़र किसी और पर थी। बस फिर क्या था। अभी शादी को छह महीने ही बीते थे, लाला के पति की मौत की खबर पूरे गांव में फैल गई। हर कोई दुखी था कि इतनी छोटी उम्र में ये लड़की विधवा हो गई। हर कोई उससे सहानुभूति जता रहा था, लेकिन वो खुश थी। वो खुश थी क्योंकि उसकी प्लानिंग पूरी हो गई थी।
लाला के पति की मौत नेचुरल नहीं थी, 14 साल की लाला ने ही अपने पति को मौत के घाट उतार दिया था। लाला ने अपने पति को जहर दे दिया था। लाला का पति उसे बेहद प्यार करता था, लेकिन लाला का सिर्फ छह महीने में ही उस आदमी से दिल भर गया। उसे तलाश थी नए शख्स की। जैसे ही लाला की ज़िंदगी में एक नया आदमी आया, उसने अपने पति को मारने का मन बना लिया और एक दिन उसने अपने पति के खाने में जहर मिला दिया।
पति की मौत के चंद महीनों बाद ही 14 साल की इस विधवा ने दूसरी शादी की। अब ये पास ही एक अन्य गांव में रहने लगी, अपने नए पति के साथ। हर किसी को लगा कि चलो इस लड़की का घर दोबारा बस गया, लेकिन ये तो शुरुआत थी एक नई प्लानिंग की। लाला कुछ दिन तो इस नए शख्स के साथ खुश रही, लेकिन चंद दिनों में ही इस आदमी से भी लाला का दिल भरने लगा। पन्द्रह साल की लड़की ने शादी के कुछ महीनों बाद ही दूसरे पति को भी ठिकाने लगा दिया।दूसरे कत्ल का तरीका भी वही था जो पहले पति के कत्ल के समय था, खाने में जहर देना। मौत के तुरंत बाद लाला ने अपने पति का अंतिम संस्कार भी कर दिया। रोना-धोना, सारी क्रियाएं सबकुछ पन्द्रह साल की ये लड़की बखूबी निभा रही थी। पन्द्रह साल की उम्र में लाला दूसरी बार विधवा हुई थी। हर कोई लाला की किस्मत से दुखी था, लेकिन वो खुश थी। लाला ने छह महीने के अंदर ही दूसरे पति से भी छुटकारा पा लिया था।
ये सिलसिला चलता रहा, एक के बाद आदमियों को लाला मारती रही। वो जिससे शादी करती छह महीने से पहले ही वो शख्स मर जाता। लोग इसे कुंडली दोष बोलते। कोई लाला से दया दिखता, कोई नफरत करता। गांव वालों का मानना था कि कुंडली के दोष की वजह से लाला की शादी नहीं रुक पा रही और लाला विधवा हो रही है। कोई ये सोच भी नहीं पा रहा था कि खुद लाला ही अपने हर पति को मौत देती है और खुद सफेद साड़ी वाली काली विधवा बन जाती है।20 साल की उम्र तक लाला ऐसे ही 16 बार विधवा बन चुकी थी। न पढ़ी-लिखी, न कोई ज्यादा समझदार, लेकिन मर्डर करने में उसने महारत हासिल कर ली थी। पंजाब के भटिंडा की ये लड़की एक ही तरीके से 16 आदमियों को मार चुकी थी, जबकि 17 बार शादी कर चुकी थी। यानी अब इसके निशाने पर था 17वां पति, लेकिन इसी दौरान पुलिस को शक हो गया कि आखिर क्यों एक के बाद एक पतियों की मौत हो रही है, लेकिन महिला के खिलाफ कोई सबूत नहीं था। हर हत्या के बाद वो तुरंत अपने पतियों का अंतिम संस्कार कर देती थी।
पुलिस ने लाला के सत्रहवें पति को बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन लाला ने उसको भी मारा डाला। इस बार पुलिस पहले से सचेत थी। मौत के तुरंत बाद घर से लाश को अंतिम क्रिया के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया। इस बार पुलिस ने लाला को सबूत मिटाने का मौक नहीं दिया। लाश को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया और लाला वन को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच से ये साफ हुआ कि लाला के सत्रहवें पति की मौत जहर देने से हुई है। पुलिस कस्टडी में लाला ने अपने जुर्म कबूल किए। पुलिस पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाली बातें इस महिला ने बताई।
लाला ने बताया कि उसे हर बार नए शख्स के साथ सेक्स करने की आदती थी। वो थोड़े ही समय में एक आदमी से बोर हो जाती थी और फिर वो तलाश करती थी किसी नए आदमी की। जैसे ही कोई उसके झांसे में आता वो पहले पति का कत्ल कर देती। अपनी शारीरिक भूख को मिटाने के लिए इस महिला ने एक के बाद एक 17 कत्ल कर डाले। गांव के लोग ये सोच भी नहीं सकते थे, कि सीधी सी दिखने वाली बिना पढ़ी-लिखी ये लड़की इस तरह का कदम उठा सकती है। पुलिस कस्टडी में खुद इस सीरियल किलर ने ये माना कि अगर वो अपने सत्रहवें पति का अंतिम संस्कार करने में भी कामयाब हो जाती तो कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता।
देश की इस खतरनाक सीरियल किलर लाला वन की कहानी का वैसे तो बहुत ज्यादा जिक्र नहीं मिलता, लेकिन आस्ट्रेलिया के अखबार में ‘इंडियाज लेडी ब्लूबेयर्ड'( India’s Lady Bluebeard) के नाम से इसकी स्टोरी को पब्लिश किया गया था। 7 अगस्त 1951 को गौलबर्न इवनिंग पोस्ट अखबार के 8वें पेज पर ये खबर छपी थी। खबर में हैरानी जताई गई थी कि कैसे 16 कत्ल होने के बावजूद महिला को नहीं पकड़ा जा सका। इस खबर के मुताबिक ये सभी वारदातें पंजाब के भटिंडा के आसपास ही हुईं और महिला ने सारे कत्ल एक ही अंदाज में जहर देकर किए।