Wednesday, September 18, 2024
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जानिए कौन थी जासूस माता हारी?

आज हम आपको दुनिया की सबसे पहली जासूस माता हारी की कहानी सुनाने जा रहे हैं! आपने कई खूबसूरत महिलाओं के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन माता हारी को अगर इतिहास के पन्नों में दर्ज अब तक की सबसे खूबसूरत और कामुक महिला कहा जाए तो कुछ भी गलत नहीं होगा। जब वो थिरकती थी तो सत्ता में बैठे बड़े-बड़े अधिकारी मदहोश हो जाते थे। ऊंचे-ऊंचे पदों पर काम करने वाले आर्मी ऑफिसर माता हारी के दीवाने थे। वो जानती थी कि उसकी खूबसूरती किसी पर अपना जादू चला सकती है और इसलिए उसने अपनी इस खूबसूरती का इस्तेमाल किया जासूसी में। हनी ट्रैपिंग मामलों में माता हारी का नाम सबसे ऊपर है। विदेशों में स्ट्रिप डांस बेहद मशहूर है। स्ट्रिप क्लब्स में लड़कियां डांस करते हुए एक-एक कर अपने कपड़े उतारती हैं। कहते हैं डांस की ये शैली माता हारी ने शुरू की थी। उसके डांस और उसकी सुंदरता की फ्रांस, जर्मनी, नीडरलैंड जैसे देशों में काफी चर्चा थी। सारे वीवीआईपीज उसका डांस देखने पहुंचते थे। जर्मनी के प्रिंस उसके चाहने वालों में से एक थे। माता हारी का जन्म 1876 में नीरलैंड में हुआ था, लेकिन उसके बाद उनका परिवार फ्रांस में आकर रहने लगा और उसने लंबा वक्त वहीं बिताया।

माता हारी ने नीदरलैंड के एक आर्मी ऑफिसर से शादी की जो इंडोनेशिया में तैनात था। वैसे माता हारी का असली नाम मार्गेटा ट्सेला था, लेकिन जब वो इंडोनेशिया में रह रही थी तो अपना नाम बदलकर माता हारी रख लिया। इंडोनेशिया में माता हारी नाम का अर्थ सूर्य होता है। कुछ साल माता हारी अपने पति के साथ वही इंडोनेशिया में रही, लेकिन बाद में दोनों का तलाक हो गया और वो वापस फ्रांस लौट आई।

माता हारी के चाहने वाले बढ़ते ही जा रहे थे। ये बात है फर्स्ट वर्ल्ड वॉर से पहले की। उसका रुतबा काफी बढ़ चुका था। उसका डांस लोगों के दिलो-दिमाग में अपनी जगह बना चुका था। माता हारी के बड़े-बड़े लोगों से कॉन्टेक्ट थे और यहीं से शुरूआत हुई थी जासूसी के चैप्टर की। फ्रांस ने प्रथम विश्वयुद्ध में माता हारी को जासूसी करने के लिए काफी बड़ी रकम दी। माता हारी का काम था जर्मन सेना के अधिकारियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाना। माता हारी के लिए ये काम कोई मुश्किल नहीं था और फ्रांस को भी ये बात अच्छे से पता थी।

कहते हैं जब माता हारी जर्मनी में जासूसी करने गई तो उसने फ्रांस को ही धोखा दे दिया। ज्यादा पैसों के लालच में वो डबल एजेंट बन गई, यानी फ्रांस के ही खूफिया राज जर्मनी के सामने खोलने लगी। माता हारी की ये चाल ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई। फ्रांस की खुफिया एजेंसी को इस खूबसूरत जासूस की ये चालाकी पता चल चुकी थी। 1917 में माता हारी को गिरफ्तार कर लिया गया। उस वक्त उसकी उम्र 41 साल थी। माता हारी पर आरोप लगे फ्रांस के 50 हजार सैनिकों को मरवाने के।

कहा तो ये भी जाता है कि फ्रांस ने माता हारी को बलि का बकरा बनाया। माता हारी पर लगे आरोप कभी भी साबित नहीं हुए, लेकिन हार का ठिकरा किसी के सिर पर फोड़ना इसलिए माता हारी को दोषी बताया गया।उसका डांस लोगों के दिलो-दिमाग में अपनी जगह बना चुका था। माता हारी के बड़े-बड़े लोगों से कॉन्टेक्ट थे और यहीं से शुरूआत हुई थी जासूसी के चैप्टर की। फ्रांस ने प्रथम विश्वयुद्ध में माता हारी को जासूसी करने के लिए काफी बड़ी रकम दी। माता हारी का काम था जर्मन सेना के अधिकारियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाना। माता हारी के लिए ये काम कोई मुश्किल नहीं था और फ्रांस को भी ये बात अच्छे से पता थी। 15 अक्टूबर 1917 को माता हारी को मौत की सजा दी गई। कोर्ट ने आदेश दिया दुनिया की सबसे खूबसूरत जासूस को गोली से भून डालने का। माता हारी को एक सुनसान जगह पर ले जाया गया और वहां ले जाकर उनके हाथ हाथ बांध दिए गए और फिर उन्हें गोलियों से भून डाला।

माता हारी के मरने के बाद उसके परिवार से कोई भी बॉडी को क्लेम करने नहीं आया। माता हारी के खूबसूरत चेहरे को फ्रांस के एक मेडिकल लैब में प्रिजर्व किया गया, लेकिन कहा जाता है कि कुछ समय बाद वो खूबसूरत चेहरा किसी ने लैब से चुरा लिया। बेहद छोटी उम्र में दुनिया की सबसे कामुक और खूबसूरत महिला का अंत हुआ। माता हारी बेहद खूबसूरत डांसर थी, लेकिन फ्रांस में हुए दुष्प्रचार के बाद उसे सिर्फ उसकी जासूसी और धोखे के लिए याद किया गया।

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