Thursday, September 19, 2024
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जानिए कौन था मैं मैमन परिवार जिसने मुंबई को दहलाया!

आज हम आपके मैमन परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने मुंबई को दहला दिया था! मुंबई में अल हुसैन नाम की एक इमारत जहां एक ही परिवार के 5 बेटे अलग मंजिलों में रहते थे। अल हुसैन नाम की ये इमारत आशियाना थी मेमन का परिवार का, वो परिवार जिसे शायद ही देश का कोई शख्स कभी भूल पाए। मेमन परिवार ने इसी इमारत के अंदर रची थी 1993 मुंबई धमाकों की साजिश। एक दो नहीं 12 धमाके जो मुंबई के लिए दुस्वपन था और जिसने मुंबई के साथ पूरे देश को हिला कर रख दिया। दाऊद इब्राहिम ने करवाए ये हमले और इस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी दी थी टाइगर मेमन और उसके परिवार को। मेमन परिवार मुंबई का ही रहने वाला था। इस परिवार के मुखिया थे याकूब मेमन के पिता अब्दुल रज्जाक जो एक कारोबारी थे। पत्नी हनीफा और छह बेटों के साथ मुंबई में रहते थे, लेकिन व्यापार में नुकसान हुआ तो बेटों ने पकड़ ली गलत राह। पहले ये परिवार भिंडी बाजार में रहता था, लेकिन अस्सी के दशक के आखिरी सालों में इस परिवार की तस्वीर बदलने लगी। वजह थी परिवार के एक बेटे इब्राहिम मेमन का दाऊद से संपर्क। इब्राहिम काले धंधे से जुड़ चुका था और दाऊद के साथ मिलकर खूब कमाई कर रहा था। मुंबई में उसने दहशत फैलाना शुरू कर दिया था और इसलिए इब्राहिम का नाम पड़ चुका था टाइगर मेमन।

टाइगर मेमन का दूसरा भाई याकूब मेमन पढ़ा लिखा था। वो चार्टेड अकाउंटेंट था। उसकी अपनी एक फर्म थी, लेकिन जब भाई टाइगर काले धंधे से जुड़ा तो याकूब भी उसके साथ हो लिया। याकूब का काम था भाई के कमाए पैसों का लेखा-जोखा रखना। उसकी काली कमाई को बढ़ाने के तरीके ढूंढना और उसके अकाउंट सेटल करना। जो मेमन कुछ समय पहले तक कंगाली की हालात में पहुंच चुका था वो थोड़े ही समय में काली कमाई से बेहद अमीर हो गया था। यहां तक की दाऊद के संपर्क की वजह से मेमन परिवार के साथ मुंबई की कई हस्तियों का उठना-बैठना भी था।

काल 1988 में याकूब मेमन की शादी हुई। याकूब ने राहिना नाम की लड़की से धूम-धाम से निकाह किया और इस निकाह में बॉलीवुड की कई मशहूर हस्तियां शामिल हुई। अब इसी बात से अंदाजा लगा लीजिए कि मेमन परिवार उस वक्त मुंबई में कितना पावरफुल हो चुका था। 1993 में दाऊद ने मुंबई में बम ब्लास्ट की साजिश रची और इस काम को अंजाम देने के लिए दाऊद ने चुना टाइगर मेमन और उसके परिवार को। टाइगर मेमन ने ही दुबई में इन हमलों को लेकर प्लान तैयार किया। पाकिस्तान से बारूद लाने की जिम्मेदारी भी टाइगर ने ही ली।

12 अप्रैल 1993 के दिन मुंबई में एक के बाद एक 12 धमाके हुए। शुरुआत हुई स्टॉक एक्सचेंज की बिल्डिंग से। इसके बेसमेंट में बम रखा गया था। इस बिल्डिंग में मौजूद 50 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद तो मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में बम फटने लगे। पूरा मुंबई शहर कांप गया। 257 लोग मारे गए, 700 लोग घायल हुए। जांच शुरू हुई तो मेमन परिवार की हकीकत सामने आई। टाइगर मेमन दुबई फरार हो चुका था, जबकि याकूब मेमन का साल 1994 में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। टाइगर मेमन और याकूब मेमन के अलावा इस परिवार के कई और लोगों को भी बम ब्लास्ट का आरोपी बनाया गया। पिता रज्जाक, मां हनीफा, भाई ईसा और युसूफ, याकूब की पत्नी राहिना, बड़े भाई की पत्नी रुबीना भी मुंबई ब्लास्ट के आरोपी थे।

कोर्ट में केस चलता रहा। सबूत जुटाए गए। नवम्बर 2006 में मुंबई की टाडा अदालत ने फैसला सुनाया। 600 लोगों की गवाही और सबूतों के आधार पर 100 लोग दोषी साबित हुए जिनमें से 4 मेमन परिवार के थे। याकूब मेमन, यूसुफ मेमन, ईसा मेमन और रुबीना मेमन, जबकि मुख्य आरोपी टाइगर मेमन फरार था। याकूब मेमन को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि याकूब मेमन की सजा के खिलाफ खड़े हो गए थे मुंबई के कई मशहूर लोग, जिनमें पहला नाम था सलमान खान का।

याकूब मेमन को जब फांसी दी गई तो इस फांसी को रोकने के लिए मुंबई में एक मुहिम शुरू हो गई। सलमान खान ने सबसे पहले याकूब के बचाव में ट्वीट किया और इसके बाद तो एक के बाद एक कई बड़े नाम इससे जुड़ने लगे। महेश भट्ट, नसीरुद्दीन शाह, शत्रुघ्न सिन्हा, राम जेठमलानी, वृंदा करात, प्रकाश करात, सीताराम येचुरी जैसे 40 लोगों ने राष्टपति को एक खत लिखकर याकूब मेमन को फांसी न देने की मांग की। इन लोगों का कहना था कि याकूब मेमन बेकसूर है, मुंबई हमलों में सिर्फ टाइगर मेमन का हाथ है। भाई के किए की सजा दूसरे भाई को नहीं दी जा सकती, लेकिन सीबीआई के पास याकूब के खिलाफ पुख्ता सबूत थे। आखिरकार 30 नवंबर 2015 के दिन पुणे की यरवदा जेल में याकूब मेमन को फांसी दे दी गई, जबकि टाइगर मेमन कभी भी पकड़ में नहीं आया।

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