नई दिल्ली :: राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार से आबकारी नीति में बदलाव के बाद अब शराब की बिक्री सिर्फ सरकारी दुकानों में होगी। निजी दुकानें बंद हो चुकी हैं और इसकी जगह दिल्ली सरकार की 300 से अधिक दुकानें ही खुलेंगी। तमाम सरकारी दुकानों के कर्मचारियों को ड्रेस पहननी होगी और इसके ऊपर नेम प्लेट लगी होगी। इसके अलावा चारों कॉरपोरेशन की दुकानों के लिए अलग-अलग कलर कोड दिए गए हैं। इसमें DSIIDC के लिए ग्रे, DTTDC के लिए ग्रीन, DCCWS के लिए ब्लू और DSCSC के लिए येलो कलर कोड दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि पुरानी व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शुरुआती एक सप्ताह में आपूर्ति सामान्य होने तक इंतजार नहीं कर पाने वाले बेसब्र ग्राहकों की बुधवार शाम निजी दुकानों पर भीड़ लगी रही।
दिल्ली में शराब पीने वाले लोगों के लिए सितंबर के महीने में गुड न्यूज आ रही है। नई आबकारी नीति के बदले पुरानी शराब नीति फिर से लागू हो रही है। इसके तहत मोबाइल एप एमआबकारी दिल्ली को सितंबर में लागू कर दिया जाएगा। इससे ग्राहकों को अपने नजदीकी दुकानें, दुकान का समय सहित तमाम जानकारियां मिलेंगी। दिल्ली में कई सरकारी ठेके मॉल और मेट्रो स्टेशनों के नजदीक होंगे।एक अधिकारी ने कहा कि निगम अधिक स्थानों के लिए खोज कर रहे हैं। वे उन संपत्ति के मालिकों के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिन्होंने पहले अपने व्यावसायिक स्थानों को प्राइवेट शराब की दुकान खोलने के लिए दिया था। हमें उम्मीद है कि वे अधिक लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे और दुकानों का आकार भी बड़ा होगा।अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार के उपक्रम डीटीटीडीसी, डीएसएसआईडीसी, डीएससीएससी और डीसीसीडब्ल्यूएस की 700 से अधिक शराब की दुकानें खोलने का लक्ष्य दिया गया है। बुधवार को स्टाक रखने वाले शराब के कुछ निजी विक्रेताओं के बाहर भीड़ देखी गई, क्योंकि उन्होंने एक मुफ्त पाने के लिए एक खरीदने जैसी योजनाओं की पेशकश की हुई थी। आबकारी विभाग ने निजी लाइसेंसधारियों को पहले ही सूचित कर दिया है कि उन्हें 31 अगस्त के बाद खुदरा शराब की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी। निजी दुकानें खुलने से पिछले कुछ महीनों में नई आबकारी नीति के तहत दुकानदारों की तरफ से बाय वन गेट वन फ्री जैसे ऑफर का लाभ नहीं मिल सकेगा। निजी दुकानों के बंद होने से इस तरह के ऑफर नहीं मिलेंगे और इसका असर शराब की बिक्री पर भी पड़ने की संभावना है। अधिकारियों ने कहा कि जिला -एसडीएम के नेतृत्व में स्तरीय टीमों ने नई दुकानों का निरीक्षण शुरू कर दिया था। आबकारी विभाग ने भी एक सप्ताह का शराब का स्टॉक रखा हुआ है। अधिकांश नई शराब की दुकानों में 300 वर्ग फुट जगह अनिवार्य होगी।
नई व्यवस्था के चलते आगामी तकरीबन एक सप्ताह तक लोगों को शराब पाने में दिक्कत पेश आ सकती है, क्योंकि सरकारी दुकानों पर शराब के ब्रांड को इकट्ठा करने में समय लगेगा। बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि आबकारी नीति 2021-22 की जगह पुरानी व्यवस्था बहाल होने से फिलहाल संचालित हो रहे करीब 250 निजी शराब विक्रेताओं के ठेकों की जगह 300 से अधिक सरकारी विक्रय केंद्र ले लेंगे। आबकारी नीति के तहत निजी शराब की दुकानों की संख्या लगभग 700 हो गई थी, लेकिन बाद में लाइसेंस धारकों ने शहर में गैर-अनुरूप क्षेत्रों में स्टोर खोलने पर प्रतिबंध सहित विभिन्न कारणों से अपने लाइसेंस सरेंडर कर दिए थे। जिससे दुकानों की संख्या घट गई थी। एलजी वीके सक्सेना द्वारा इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआइ जांच की सिफारिश करने के बाद पिछले महीने दिल्ली सरकार द्वारा आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया गया था। निजी दुकानों को जारी इस नीति के तहत जारी लाइसेंस वापस ले लिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगले हफ्ते से सरकारी दुकानों पर शराब की आपूर्ति में सुधार की उम्मीद है। आबकारी विभाग की ओर से दावा किया गया था कि शुरुआत में शराब की 500 सरकारी दुकानें खोली जाएंगी। अधिकारियों का कहना है कि निगम अधिक स्थानों के लिए खोज कर रहे हैं। वे उन संपत्ति के मालिकों के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिन्होंने पहले अपने व्यावसायिक स्थानों को प्राइवेट शराब की दुकान खोलने के लिए दिया था। हमें उम्मीद है कि वे अधिक लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे और दुकानों का आकार भी बड़ा होगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में इनकी संख्या करीब 250 ही होगी। कम दुकानें खुलने की समस्या एयरपोर्ट पर बताई जा रही है। वहां अभी तक सरकारी दुकानें खुलने का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। यहां तीनों टर्मिनलों पर 6 प्राइवेट दुकानें 31 अगस्त को बंद हो जाएंगी। डयूटी फ्री शॉप से शराब मौजूदा सिस्टम की तरह ही बेचे जाना जारी रहेगा।