आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारत इस वर्ष जी-20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है। इसी क्रम में 22 से 25 फरवरी, 2023 तक मध्य प्रदेश के खजुराहो में आयोजित जी-20 संस्कृति कार्य समूह (CWG) की बैठक के प्रथम सत्र में स्वागत भाषण के साथ प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस अवसर पर माननीया संस्कृति राज्य मंत्री जी, श्रीमती मीनाक्षी लेखी, माननीय सचिव, संस्कृति मंत्रालय, श्री गोविंद मोहन सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
इस दौरान जी-20 के सदस्य राष्ट्र अतिथि , राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय संगठन से आए हुए प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत किया गया l जी-20 के सदस्य लंबी दूरी तय करके भारत में पधारे हैं, इसके लिए उनका हृदय से धन्यवाद किया गया l प्राचीन काल से ही भारत की सोच सबको साथ लेकर चलने की रही है वर्तमान समय में भी जब पूरा विश्व क्लाइमेट चेंज, रूस यूक्रेन युद्ध और आर्थिक संकट जैसी वैश्विक समस्याओं से जूझ रहा है तो पूरे विश्व को यह विश्वास है ,कि इस संकट से केवल और केवल भारत ही उतार सकता है l जी 20 देशों की इस सम्मेलन में भारत ने अपने मित्र देशों के साथ-साथ पूरे विश्व को यह आश्वासन भी दिलाया कि वह सांस्कृतिक कार्य को ऊंचाई प्रदान करने के लिए फिर से कृत संकल्पित हैl भारत की धरती कई संस्कृति और सभ्यता की जननी रही है lयहां लोग हजारों भाषाएं , लाखों बोलियां बोलते हैं lयह देश विविधता में एकता का एक नायाब नमूना है l खजुराहो मंदिर के शिल्प और उसकी प्राचीनता यह बताने के लिए काफी है , कि भारत की संस्कृति कितनी प्राचीन और विविधता पूर्ण रही हैl
इस वर्ष जी-20 का शीर्षक ” वसुदेव कुटुंबकम” अथवा ” धरती एक , परिवार एक , भविष्य एक” है l यह दर्शन महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से आया है lजो पृथ्वी पर-मानव, जानवर, वनस्पति, सूक्ष्म जीव तथा वृहद अंतरिक्ष के समस्त जीवन के प्रति पारस्परिक लगाव के महत्व का द्योतक है। यह दर्शन यूएनसीओपी 26 सम्मेलन 2021 में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लोकार्पित, मिशन लाइफ-पर्यावरण के लिए जीवनशैली में भी प्रतिष्ठापित है। जब पूरा विश्व अज्ञान के अंधकार में डूबा हुआ था lजीवन यापन करने के लिए अनेक तरीके इजाद कर रहा थाl उस समय ” वसुदेव कुटुंबकम” का विचार भारत की धरती से आया यह बताता है कि हम वैचारिक तौर पर विश्व में सबसे अब्बल थे ,परंतु दक्षिण देशों की देखा- देखी और हमारे समाज में उपजी अनेक कुर्तियों ने हमारा मनोबल तोड़ दिया l वर्तमान सरकार इसी मनोबल को जगाने और सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है l आज भारत पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है इसका प्रमाण तब मिलता है जब हम देखते हैं कि चाहे कोविड महामारी हो या कोई अन्य समस्या भारत सदैव विश्व का कल्याण चाहता है, पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है, और वहां रह रहे नागरिकों को अपने परिवार का सदस्य l
दो पक्षों में बंटी हुई दुनिया को विश्वास और मानवता के पद पर कोई ला सकता है, तो वह भारत की हैl आज भारत श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने का भी कार्य करता है तो वही टर्की में भूकंप पीड़ितों को भी बताता है आज भारत को भी महामारी में अमेरिका की भी मदद करता है तो वहीं अफगानिस्तान को खाद्य सामग्री भी पहुंचाता हैl विश्व के लगभग 150 देशों को कोविड महामारी के समय भारत ने मुफ्त में कोविड का टीका बांटाl जो यह दर्शाता है कि भारत सिर्फ पूरे विश्व को अपना परिवार ही नहीं मानता बल्कि उस परिवार में आए विपत्ति को अपनी भी पति समझ कर उसके कल्याण में हर संभव प्रयास करता है ,हर संभव सहयोग करता है और आगे भी करता रहेगाl इस प्रतिबद्धता को भी आज जी-20 के इस मीटिंग में व्यक्त किया गया और पूरे विश्व को यह भरोसा दिलाया गया भारत हर उस देश के साथ है, जो मानवता के पक्षधर हैंl महामारी के विगत तीन वर्षों ने हमें सहयोग की भावना तथा पारस्परिक विश्वास के महत्व को समझने की सीख दी है जो कि बहुपक्षीयता के विचार का प्रभावी केन्द्र है।
इस सम्मेलन मैं अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्य मंत्री ने कहा कि “जी-20 कार्यसूची में संस्कृति को शामिल करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमें इस बात पर गर्व है तथा हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं कि संस्कृति हमारे जीवन जीने का एक महत्वपूर्ण पहलू है। संस्कृति में लोगों को एक साथ जोड़ने की शक्ति होती है, यह भावी संभावनाओं को ठोस आकार देती है तथा यह सर्वात्तम भविष्य का निर्माण करने के लिए हमें प्रेरित भी करती है।
भारतीय संस्कृति हमारी पहचान है, जो कि विश्व के समक्ष हमारे विचारों एवं हमारी प्रतिबद्धता व क्षमता को दर्शाती है और भविष्य का मार्ग तैयार करती है। इसी भावना से, ओत-प्रोत होकर कि इस वर्ष जी-20 का यह मंच संस्कृति को और अधिक समृद्ध बनाने में महती भूमिका अदा करेगा।” भारत सदैव से विभिन्न संस्कृतियों को सम्मान देता आया है ,तथा उनकी अच्छाइयों को अपने में समाहित करके खुद को बेहतर बनाता आया है l “सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया ” का विचार यह बताता है की भारत सबकी भलाई चाहता है, सबको साथ लेकर चलना चाहता है , वर्तमान समय की यह जरूरत भी है क्योंकि कोई भी उद्देश्य बिना एकता, अखंडता और मानवता के मार्गदर्शन में के पूरा नहीं हो सकताl
वर्ष 2023 में जी-20 का शीर्षक पूरे विश्व को सतत, उन्नत और जिम्मेदार तरीके से एकसमान रूप में विकास करने का शक्तिशाली संदेश देता है। हमारी आस-पास की सांस्कृतिक तथा प्राकृतिक पर्यावरणीय व्यवस्था एक साथ सद्भावनापूर्ण रहने की दिशा में हमारी जी20 की अध्यक्षता के लिए अनूठे भारतीय दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है।