Friday, November 22, 2024
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Mahararashta : सियासी उथल पुथल के बीच सरकार का बड़ा फैसला, औरंगाबाद और नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम बदला गया

सियासी संकट के बीच महाराष्ट्र में आज कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई , जिसमें उधव सरकार ने उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव करने और औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की मांग पर मुहर लगा दी है । वहीं उधव सरकार ने अब नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम बदलकर डीवाई पाटिल इंटरनेशनल एयरपोर्ट रखने की मंजूरी दे दी है । बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार अभी संकट में है, इसी बीच सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया जो कि वर्षों से चर्चा में था । वहीं अब पुणे का नाम बदलकर जिजाऊ नगर करने की मांग की जा रही है। गौरतलब हो कि शहरों के नाम बदलने का काम पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी यूपी के कई शहरों के नाम बदले जा चुके हैं । आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे की मीटिंग के दौरान कांग्रेस के दो मंत्री वर्षा गायकवाड़ और असलम शेख इस फैसले से नाराज हो गए हैं । जिसके बाद दोनों ही इस बैठक को छोड़ कर बाहर निकल गए। पर वर्षा गायकवाड का कहना है कि वह बैठक से बाहर कुछ जरूरी फाइल लेने निकली थे, इसे नाराजगी से ना जोड़ा जाए। महाराष्ट्र में उधव सरकार के द्वारा शहरों के नाम बदलने जाने को उनका मराठा कार्ड बताया जा रहा है।


महाराष्ट्र से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अक्टूबर 2018 में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर दिया था। बता दें कि मुगल सम्राट अकबर ने प्रयाग का नाम बदलकर प्राचीन समय में इसे इलाहाबाद कर दिया था। इसके अलावा 2018,अगस्त में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय कर दिया गया था । 2017 सितंबर में गुजरात के मशहूर पोर्ट कांडला पोर्ट का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिया गया था । दिल्ली एनसीआर में आने वाले गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया गया।

गौरतलब हो कि कल राज्य मंत्री अनिल परब ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर किए जाने पर अपना एक बयान दिया था । मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज हुए कैबिनेट मीटिंग में कांग्रेस और एनसीपी के नेता नाराज दिखे। फिलहाल शिवसेना के करीब 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ जा चुके हैं, और अब महाराष्ट्र सरकार पर सियासी संकट के बादल छाए हुए हैं । वहीं 30 जून को राज्यपाल ने विधानसभा में बहुमत परीक्षण के निर्देश दिए हैं , जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हामी भर दी है।

मीटिंग के दौरान उद्धव ने मंत्रियों को शुक्रिया कहा महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता सुनील केदार ने बताया कि सीएम ने कहा कि “हम उनके साथ अच्छा सहयोग करते हैं और भविष्य में भी हमसे इसी तरह के सहयोग की अपेक्षा है । उन्होंने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे को कोई पूर्व प्रशासनिक अनुभव नहीं था । उन्होंने कोरोना से मुकाबला किया । उनकी क्रिटिकल सर्जरी हुई थी, स्पाइन सर्जरी कराने के बाद के 1 महीने के भीतर किस ने काम करना शुरू कर दिया मुझे एक नाम बताओ ? ,इस आदमी ने ऐसा किया यहां तक कि पीएम ने भी उनसे कहा कि उन्होंने ताकत दिखाई है। उद्धव ठाकरे ने शिंदे के गुट को लेकर कहा कि मुझे अपनों ने ही धोखा दिया है।

इसी बयानबाजी के बीच एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि “देश कानून और संविधान से चलता है उस से बढ़कर कोई और भी नहीं हमारे पास 50 विधायक हैं फ्लोर टेस्ट की कोई चिंता नहीं है हम हर कानूनी प्रक्रिया से गुजरेंगे । हमें कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने आगे कहा कि हम बागी नहीं हैं हम शिवसेना हैं और हम बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना के एजेंडे और विचारधारा को आगे लेकर जा रहे हैं । हम लोग राज्य के प्रगति के लिए काम करेंगे । हम लोग कल मुंबई पहुंचेंगे और विश्वास मत में शामिल होंगे । उसके बाद हमारे विधायक दल की बैठक होगी फिर आगे की राजनीति पर हम निर्णय लेंगे।

“पर्दे के पीछे से कौन खेल रहा है सभी देख रहे हैं । 12 विधायकों के निलंबन का मामला कोर्ट में चल रहा है और ऐसे समय में राज्यपाल सेशन बुला रहे हैं जो गलत है । राज्यपाल पर भी इस फैसले के लिए कहीं से दबाव पड़ा होगा वह इस मौके की राह देख रहे थे यह बयान शिवसेना सांसद संजय रावत के द्वारा दिया गया ।

आपको बात दें की नाम बदलने का यह सिलसिला बहुत पहले से जारी है । अगर देखें तो यह कोई नई बात नहीं है जब से देश आजाद हुआ है और अंग्रेज भारत छोड़कर गए हैं, तब से यह प्रक्रिया यहां चालू है । नाम बदलने का काम केंद्र सरकार और स्थानीय सरकार करती है। गौरतलब हो कि यह प्रक्रिया कोई आसान बात नहीं है इसमें सबसे पहले राज्य की कैबिनेट मिनिस्ट्री फैसला लेती है जिसके बाद शहर, स्थान ,नगर और स्टेडियम का नाम बदलने पर विधानसभा में इसका प्रस्ताव पारित किया जाता है । इसके बाद संविधान में संशोधन बिल आता है , यह बिल तभी पारित माना जाता है जब संसद के दोनों सदनों में बिल को बहुमत से पास किया जाए । जिसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए दिशा निर्देश जारी होते हैं । इस नाम बदलने की पूरी प्रक्रिया में 100 करोड़ से 500 करोड़ या उससे और अधिक का खर्च आता है। जिसमें नए नाम के अनुरूप राज्य की आधिकारिक स्टेशनरी, नागरिक अधिकारियों को अपडेट करने ,हाईवे मार्ग, मैप्स को अपडेट करने पर पैसा खर्च किया जाता है।

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Ravindra Kirti Founder Mojo Patrakar
Ravindra Kirti Founder Mojo Patrakarhttp://mojopatrakar.com/
Ravindra Kirti is a well-rounded Marketing professional with an impressive academic and professional portfolio. He is IIM Calcutta alumnus & holds a PhD in Commerce, having written an insightful thesis on consumer behavior and psychology, which informs his deep understanding of market dynamics and client engagement strategies. His academic journey includes an MBA in Marketing, where he specialized in strategic management, international marketing, and luxury retail management, equipping him with a global perspective and a strategic edge in high-end market segments.In addition to his business expertise, Ravindra is also academically trained in law, holding a Master’s in Law with specializations in law of patents, IT & IPR, police law and administration, white-collar crime, and corporate crime. This legal knowledge complements his role as the Chief at Jurislaw Partners, where he applies a blend of legal acumen and strategic marketing.With such a rich educational background, Ravindra excels across a range of fields, from legal marketing to luxury retail, and event design. His ability to interlace disciplines—commerce, marketing, and law—enables him to drive successful outcomes in every venture he undertakes, whether as Chief at Jurislaw Partners, Editor at Mojo Patrakar and Global Growth Forum, Founder of CircusINC, or Chief Designer at Byaah by CircusINC.On a personal note, Ravindra Kirti is not only a devoted pawrent to his pet, Kattappa, but also an enthusiast of Mixed Martial Arts (MMA) and holds a Taekwondo Dan 1. This active lifestyle complements his multifaceted career, reflecting his discipline, resilience, and commitment—qualities he brings into his professional relationships. His bond with Kattappa adds a warm, grounded side to his profile, showcasing his nurturing and compassionate nature, which shines through in his connections with clients and colleagues.Ravindra’s career exemplifies versatility, intellectual depth, and excellence. Whether through his contributions to media, law, events, or design, he remains a dynamic and influential presence, continually innovating and leaving a lasting impact across industries. His ability to balance these diverse roles is a testament to his strategic vision and dedication to making a difference in every field he enters.
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