पश्चिम बंगाल में बदलाव करना चाहती है ममता बनर्जी?

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ममता बनर्जी अब पश्चिम बंगाल में परिवर्तन करने वाली हैं! पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को मेडिकल क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स का प्रस्ताव दिया। राज्य सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने यह प्रस्ताव दिया है। ममता ने बैठक में कहा कि ट्रेनिंग के नाम पर डॉक्टरों का अतिरिक्त समय नष्ट करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, नर्सों को स्लाइन और ऑक्सीजन देने, दवाएं देने के लिए व्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है। इंजीनियरों की तरह डॉक्टरों के लिए भी डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जा सकते हैं। इससे लाभ यह होगा कि पांच साल के बजाय तीन साल में डिप्लोमा कोर्स पास करने पर ही डॉक्टर मिल सकते हैं। ममता ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को यह कोर्स शुरू करने के कानूनी पहलुओं को देखने का भी निर्देश दिया है। उधर, मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव की आलोचना भी शुरू हो गई है।राज्य सचिवालय में आयोजित उत्कर्ष बांग्ला की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पुलिस में सभी भर्तियां अगले तीन महीने के भीतर पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को सात दिनों का प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है और बल में शामिल किया जा सकता है। बता दें कि पुलिस भर्ती में कई पेचीदगियों के कारण नियुक्ति प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त जनशक्ति हो। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के सचिव डॉ कौशिक सरकार ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है, इससे पूरी दुनिया में अपनाई गई व्यवस्था बिगड़ जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार से इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव से उनके प्रस्ताव पर गौर करने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित करने को भी कहा।पुलिस भर्ती में कई पेचीदगियों के कारण नियुक्ति प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त जनशक्ति हो। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के सचिव डॉ कौशिक सरकार ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है, इससे पूरी दुनिया में अपनाई गई व्यवस्था बिगड़ जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार से इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा है। राज्य सचिवालय में आयोजित उत्कर्ष बांग्ला की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पुलिस में सभी भर्तियां अगले तीन महीने के भीतर पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को सात दिनों का प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है और बल में शामिल किया जा सकता है। बता दें कि पुलिस भर्ती में कई पेचीदगियों के कारण नियुक्ति प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त जनशक्ति हो।बनर्जी ने कहा कि डिप्लोमा कोर्स के लिए नामांकन करने वालों को प्रशिक्षित करने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों और प्रोफेसरों को लगाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के एक सूत्र ने कहा कि बनर्जी का प्रस्तावित डिप्लोमा कोर्स तीन साल का हो सकता है।

राज्य सचिवालय में आयोजित उत्कर्ष बांग्ला की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पुलिस में सभी भर्तियां अगले तीन महीने के भीतर पूरी कर ली जाएं।पुलिस भर्ती में कई पेचीदगियों के कारण नियुक्ति प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त जनशक्ति हो। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के सचिव डॉ कौशिक सरकार ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है, इससे पूरी दुनिया में अपनाई गई व्यवस्था बिगड़ जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार से इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा है।पुलिस भर्ती में कई पेचीदगियों के कारण नियुक्ति प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त जनशक्ति हो। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के सचिव डॉ कौशिक सरकार ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है, इससे पूरी दुनिया में अपनाई गई व्यवस्था बिगड़ जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार से इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को सात दिनों का प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है और बल में शामिल किया जा सकता है। बता दें कि पुलिस भर्ती में कई पेचीदगियों के कारण नियुक्ति प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त जनशक्ति हो।