समाज का हर तबका मोबाइल के अभी हो रहे हैं और अब तो बच्चे भी खूब जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं मोबाइल फोन में ऐसी से गेम्स आ गई है जो नाबालिक की जान तक ले लेते हैं ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल से सामने आया है जहां पर एक मोबाइल गेम बच्चे की जान की आफत बन गया। पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में एक नाबालिक को 200 बार पीटने का मामला सामने आया है। नाबालिक की हालत गंभीर है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि एक मोबाइल गेम में हारने के बाद उसे जूतों से पीटा गया जिसके बाद लड़के की हालत खराब हो गई और उसे मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया जहां फिलहाल उसका इलाज चल रहा है। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि यह घटना पश्चिम बंगाल के पोटाशपुर गांव की है। सिर्फ एक गेम एक लड़की की जान पर बन आई कुछ नाबालिक लड़की बुधवार को अपने घर से दूर एक खाली से स्थान पर मोबाइल गेम चला रहे थे उस मोबाइल गेम में हारने पर 200 बार जो तुझ से पीटने की शर्तें थी सूत्र का दावा है कि गेम हारने पर एक नाबालिक को जूतों से 200 बार पीटा गया।
घर पहुंचने पर हालात हुए खराब-
पश्चिम बंगाल के पोटाशपुर गांव में कुछ नाबालिक द्वारा मोबाइल गेम खेल में हारने के बाद 200 बार पीटा गया। जब नाबालिग घर लौटा तो उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई। घर लौटने के बाद नाबालिग बीमार पड़ गया और उसकी नाक से खून बहने लग गया। जैसे ही परिजनों ने देखा उसने उससे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और बाद में हालत बिगड़ने पर उसे मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां उसका फिलहाल इलाज चल रहा है इसके बाद उसके साथियों से पूछने पर अभिभावकों को मोबाइल गेम के बारे में पता चला। मामला पता चलने के बाद नाबालिग के परिजन स्थानीय थाने पहुंचे जहां उन्होंने मामला दर्ज करवाया इसके बाद आरोपी नाबालिगों को पूछताछ के लिए पोटपुशर थाने में ले जाया गया। जिसके बाद पुलिस ने उनसे पूछताछ की फिर पूछताछ करने के बाद उन नाबालिगों को छोड़ दिया गया। अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। पुलिस को जानकारी मिली है कि मोबाइल गेम हारने के बाद गंभीर रूप से घायल एक नाबालिक का पहले से ही अस्पताल में इलाज चल रहा है।
जिस खेल की वजह से एक नाबालिक की तबीयत इस कदर खराब हो गई उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इस खेल का नाम और अन्य जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। लेकिन सूत्रों से पता चला है कि इस खेल की एकमात्र शर्त यह है कि यदि आप हार गए तो आपको कई बार जूतों से पीटा जाएगा यह 200 से भी ज्यादा हो सकता है।
घातक ब्लू व्हेल गेम-
गेम से बच्चों की जान ले ली का सिलसिला कोई नया नहीं है चलता रहा है और अब तो ऐसी सिंह गेम आ गई है जो अंत में मासूमों को शिकार बनाकर उनकी जान ले लेती है इससे पहले ब्लू व्हेल का नाम आप सब ने सुना ही होगा ब्लू व्हेल गेम इतना ज्यादा घातक साबित हुआ था मासूमों के लिए किस ने कई मासूमों की जान ले ली थी ब्लू व्हेल गेम का नाम भारत समेत चीन अमेरिका और कई देशों में 300 से ज्यादा बच्चों की जान ले चुका है। ब्लू व्हेल गेम में 50 दिनों का टास्क दिया जाता है और आखरी में सुसाइड जैसा कदम उठाना होता है इस गेम को फ्लिप नाम के युवक ने बनाया था उसका कहना था कि है गेम समाज में सफाई के लिए खुदकुशी करने वाले बायोलॉजिकल बेस्ट होते हैं। ब्लू व्हेल गेम का शिकार महाराष्ट्र के पुणे में एक 20 वर्षीय युवक हुआ था जिसने गेम पूरा करने के चक्कर में अंत में फांसी लगा ली।
मोमो चैलेंज गेम
मोमो चैलेंज गेम एक मोबाइल गेम है जो दिमाग के साथ खेलता है और डर क्रिएट करता है और आखरी में आकर यह जान ले लेता है। मोमो एक परेशान करने वाला व्हाट्सएप सुसाइड गेम है। इस स्कीम को 12 साल की बच्ची की मौत का भी जिम्मेदार माना जा रहा है। मेक्सिको की कंप्यूटर क्राईम इन्वेस्टिगेशन यूनिट के मुताबिक इस गेम की शुरुआत फेसबुक पर हुई थी। यहां मेंबर्स को अनजान नंबर को कम्युनिकेट करने को कहा जाता था। मोमो खतरनाक इमेज के साथ जवाब देता था और गेम द्वारा दी गई चैलेंज को फॉलो करने पर सक्रिय को धमकी देता था।
मार्केट में इसी तरह के ऐसे कई गेम है जो आए दिनेए नाबालिग और मासूम लोगों को अपना शिकार बना लेएएएेते हैं और कई मासूमों की जान ले लेते हैं बेहतर यही है कि हम इंदरा के गमों से बचें और सावधानी बरतें।