WHO on Monkeypox: कोरोना वायरस की मार झेल रही दुनिया, अब मंकीपॉक्स बीमारी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. भारत में अभी तक मंकीपॉक्स वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन निगरानियां बढ़ा दी गई हैं।
Monkeypox Virus
(Monkeypox Virus) 21 से अधिक देशों में फैल गया है और इन देशों में इसके करीब 226 मामलों की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 100 से अधिक संदिग्ध मामलों का पता चला है। मंकीपॉक्स के मामले उन देशों में भी मिले हैं, जहां इससे पहले कभी इसके बारे में नहीं सुना गया था। इस बात की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को दी है। मंकीपॉक्स एक तरह का वायरस है, जो जंगली जानवरों को संक्रमित करता है और उन्हीं से इंसानों तक पहुंचता है। यह चिकनपॉक्स (Chicken Pox) परिवार की बीमारी है।
मंकीपॉक्स के मामले अभी तक मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में ही देखने को मिलते थे। लेकिन अब ये यूरोपीय देशों में भी तेजी से फैल रहा है। इस बीमारी का पता वैज्ञानिकों ने सबसे पहले साल 1958 में लगाया था. तब चेचक जैसी दो बीमारी फैली थीं। डॉक्टरों ने बंदरों पर रिसर्च की थी, जिसके बाद बीमारी को मंकीपॉक्स नाम दिया गया। इंसान में मंकीपॉक्स वायरस का पहला मामला साल 1970 में सामने आया था। तब अफ्रीकी देश कांगो के सुदूर पूर्व हिस्से में एक बच्चा वायरस से संक्रमित पाया गया था।
क्या कहता है WHO?
WHO ने कहा कि इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि इस महामारी का कारण वायरस में किसी प्रकार का आनुवंशिक बदलाव है। एजेंसी की महामारी निदेशक डॉक्टर सिल्वी ब्रियांड ने कहा, ‘वायरस के पहले (जीनोम) सीक्वेंसिंग से पता चलता है कि यह स्वरूप महामारी से प्रभावित देशों से प्राप्त स्वरूप से अलग नहीं है और यह (महामारी का प्रसार) संभवत: लोगों की जीवनशैली में आए बदलाव का नतीजा है।’
क्या रेव पार्टी में सेक्स से फैला मंकीपॉक्स वायरस?
इस सप्ताह की शुरुआत में WHO के शीर्ष सलाहकार ने कहा था कि यूरोप, अमेरिका, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में इस महामारी का प्रसार संभवत: स्पेन और बेल्जियम में हाल ही में हुई रेव पार्टियों के दौरान सेक्स से जुड़ा हुआ है। अगर ऐसा है तो यह मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में वायरस के प्रसार के तरीके से बिल्कुल अलग है, जहां मनुष्य में जंगली चूहे और बंदरों आदि से यह बीमारी फैली है।
अगर काबू नहीं पाया गया तो फैल सकती है बीमारी
स्पेन के प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि उनके देश में मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 98 हो गई है जिनमें एक महिला भी शामिल है। ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल, कनाडा, अमेरिका और अन्य देशों के डॉक्टरों का मानना है कि अभी तक यह संक्रमण समलैंगिकों या द्विलिंगी (बाईसेक्सुअल) पुरुषों या ऐसे पुरुष जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं, तक सीमित था। हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है अगर संक्रमण पर काबू नहीं पाया गया तो यह अन्य लोगों में भी फैल सकता है।
21 देशों में 226 से ज्यादा मंकीपॉक्स वायरस के मामले
शुक्रवार को अर्जेंटीना में मंकीपॉक्स का पहला केस सामने आया। मरीज हाल ही में स्पेन की यात्रा कर लौटा है। देश में वायरस का एक संदिग्ध मरीज भी पाया गया है। इससे पहले मंगलवार को पश्चिम अफ्रीका से UAE लौटी एक महिला में भी मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी।
बता दें कि अब तक 21 देशों में मंकीपॉक्स के 226 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। WHO ने शुक्रवार को कहा कि लगभग 100 संदिग्ध मरीज ऐसे देशों से रिपोर्ट किए गए हैं, जहां मंकीपॉक्स आमतौर पर नहीं पाया जाता है। मंकीपॉक्स का पहला मामला ब्रिटेन में 7 मई को सामने आया था।
हालांकि, राहत की बात यह है कि मंकीपॉक्स वायरस में अब तक कोई जेनेटिक बदलाव नहीं मिले हैं। यानी, वायरस अब तक इंसानों में म्यूटेट नहीं हुआ है। यह बीमारी अफ्रीका के बाहर कैसे फैली, वैज्ञानिक अब भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।