नकवी और आरसीपी फिर आए चर्चा में!

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मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह दोबारा चर्चा में आ चुके हैं! मुख्तार अब्बास नकवी को राज्यपाल या उपराष्ट्रपति बनाने या कोई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। दूसरी ओर इस बार के राज्यसभा चुनाव में नीतीश ने अपने कोटे के मंत्री आरसीपी सिंह से किनारा कर लिया। भाजपा सूत्रों का कहना है कि आरसीपी भाजपा के लगातार संपर्क में हैं। हालांकि नीतीश की नाराजगी की आशंका से भाजपा उनके संदर्भ में फैसला नहीं ले पा रही है।

मोदी सरकार के दो मंत्रियों मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह के भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। राज्यसभा चुनाव में टिकट पाने से वंचित रहे दोनों मंत्रियों के उच्च सदन का कार्यकाल बृहस्पतिवार को खत्म हो रहा है। कभी बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सर्वाधिक करीबी नेताओं में शामिल रहे आरसीपी की भाजपा में शामिल होने की तो नकवी को नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना जताई जा रही है।

गौरतलब है कि बीते महीने हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने जिन नामों को उम्मीदवारों की सूची में शामिल नहीं किया था, उसमें उच्च सदन में पार्टी के तीनों चेहरे शामिल थे। पार्टी ने नकवी के साथ ही एमजे अकबर और जफरुल इस्लाम को टिकट नहीं दिया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इनमें नकवी की संभावना फिलहाल बची हुई है।’

उन्हें राज्यपाल या उपराष्ट्रपति बनाने या कोई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। दूसरी ओर इस बार के राज्यसभा चुनाव में नीतीश ने अपने कोटे के मंत्री आरसीपी सिंह से किनारा कर लिया। भाजपा सूत्रों का कहना है कि आरसीपी भाजपा के लगातार संपर्क में हैं। हालांकि नीतीश की नाराजगी की आशंका से भाजपा उनके संदर्भ में फैसला नहीं ले पा रही है। इसी महीने राष्ट्रपति उच्च सदन में सात हस्तियों को मनोनीत करेंगे। आरसीपी की कोशिश मनोनयन के जरिए राज्यसभा पहुंच कर अपनी मंत्री की कुर्सी बचाने पर है।

वहीं आज मोदी कैबिनेट की बैठक है। इस बैठक में सभी की निगाहें मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह पर टिकी है। क्योंकि इन दोनों सांसदों का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या दोनों की यह आखिरी कैबिनेट बैठक होगी?

राज्यसभा के 24 नवनिर्वाचित सदस्य आठ जुलाई को संसद के ऊपरी सदन के चैंबर में शपथ लेंगे। विभिन्न राज्यों में हाल ही में हुए चुनावों के दौरान ये सदस्य निर्वाचित हुए हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया, शपथ लेने वालों में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं। पीयूष गोयल महाराष्ट्र तो निर्मला सीतारमण कर्नाटक से दोबारा निर्वाचित हुए हैं।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश, विवेक तन्खा और मुकुल वासनिक भी शपथ लेंगे। रमेश कर्नाटक, वासनिक राजस्थान और तन्खा मध्य प्रदेश से निर्वाचित हुए हैं। भाजपा के उत्तर प्रदेश से चुने गए सुरेंद्र नागर, लक्ष्मीकांत वाजपेयी और बाबूराम निषाद, महाराष्ट्र से चुने गए धनंजय मधु, राजस्थान से चुने गए घनश्याम तिवारी भी शुक्रवार को शपथ लेंगे। बीजू जनता दल के सुष्मिता पात्र समेत तीन नेता भी इसी दिन शपथ ग्रहण करेंगे। राज्यसभा के 72 सदस्य जुलाई माह में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मणिक साहा ने सोमवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। राज्यसभा के सभापति की तरफ से साहा के त्यागपत्र को स्वीकारने के बार राज्यसभा की एक सीट रिक्त हो गई है। साहा को भाजपा ने हाल ही में त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया है। सोमवार को वे इस्तीफा देने के लिए राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मिले। बारदोली विधानसभा क्षेत्र से साहा हाल ही में हुए उपचुनाव में विधायक चुने गए हैं, फिलहाल वे त्रिपुरा के11वें मुख्यमंत्री बने हैं। त्रिपुरा में अगल वर्ष मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं।गौरतलब है कि बीते महीने हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने जिन नामों को उम्मीदवारों की सूची में शामिल नहीं किया था, उसमें उच्च सदन में पार्टी के तीनों चेहरे शामिल थे। पार्टी ने नकवी के साथ ही एमजे अकबर और जफरुल इस्लाम को टिकट नहीं दिया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इनमें नकवी की संभावना फिलहाल बची हुई है।’

उन्हें राज्यपाल या उपराष्ट्रपति बनाने या कोई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। दूसरी ओर इस बार के राज्यसभा चुनाव में नीतीश ने अपने कोटे के मंत्री आरसीपी सिंह से किनारा कर लिया। भाजपा सूत्रों का कहना है कि आरसीपी भाजपा के लगातार संपर्क में हैं। हालांकि नीतीश की नाराजगी की आशंका से भाजपा उनके संदर्भ में फैसला नहीं ले पा रही है। इसी महीने राष्ट्रपति उच्च सदन में सात हस्तियों को मनोनीत करेंगे। आरसीपी की कोशिश मनोनयन के जरिए राज्यसभा पहुंच कर अपनी मंत्री की कुर्सी बचाने पर है।

वहीं आज मोदी कैबिनेट की बैठक है।