एक इंसान के स्वास्थ्य के लिए 6 घंटे की नींद आवश्यक होती है! हमारी दिनचर्या में नींद एक प्राकृतिक और आवश्यक है। यह हमारे शरीर और मस्तिष्क को आराम देती है और हमें ऊर्जा प्रदान करती है जो कि स्वस्थ जीवन जीने के लिये आवश्यक है। गहरी व सम्पूर्ण नींद से हमारे मन और शरीर को सम्पूर्ण विश्राम मिलता है जिससे हम खुद को ताजा एवं ऊर्जावान महसूस करते हैं। अधूरी या गहरी नींद न होने के कारण व्यक्ति में दुख, दुर्बलता, कमजोरी, आलस्य जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
निद्रा को सात भागों में वर्गीकृत किया गया है-
तमोभाव- तम के कारण आने वाली नींद।
श्लेष्मसमुद्भवा- शरीर में कफ बढ़ जाने के कारण नींद आना।
मनाः शमा जानया- मानसिक थकान के कारण नींद।
शरीर शरमा जानया- शारीरिक थकान के कारण नींद।
अग्नटूकी- बाहरी कारणों के कारण आने वाली नींद। जैसे; दुर्घटना, विषाक्त पदार्थ आदि।
व्याध्यानुवर्तनी- किसी बीमारी के कारण आने वाली नींद। जैसे; बुखार, मधुमेह, नशे की स्थिति आदि।
रात्रिस्वभाव- रात को प्राकृतिक रूप से नींद आना।
इन सब प्रकारों में केवल रात को जो नींद आती है उसको ही प्राकृतिक नींद माना गया है जो व्यक्ति को स्वास्थ्य प्रदान करती है। इसे भूतधात्री कहते हैं।
आयुर्वेद में व्यक्ति का स्वास्थ्य वात, पित्त और कफ के संतुलन पर निर्भर करता है अत: इन दोषों में आए असंतुलन के कारण ही कोई भी समस्या उत्पन्न होती है। अनिद्रा में मुख्यत: वात दोष का असंतुलन देखा जाता है। वात दोष के कारण सोने की कोशिश करने पर भी व्यक्ति सोने में असमर्थ होता है तथा व्यक्ति का मन लगातार अतीत की घटनाओं के बारे में सोचता और विचार करता रहता है तथा कई तरह की चिंताएं उसके मन में चलती रहती हैं। उसका मन बेचैन एवं अस्थिर रहता है, यह सब वात दोष की असामान्य वृद्धि के कारण होता है। इसके अलावा यदि व्यक्ति में कफ दोष बढ़ जाता है तो वह बहुत देर तक सोने के बाद भी खुद को आलसी और थका हुआ महसूस करता है।
रात में सम्पूर्ण और गहरी नींद लेने वाले व्यक्ति अनिद्रा से ग्रस्त लोगों की तुलना में ज्यादा स्वस्थ होते हैं। इसके अलावा और भी फायदे हैं, चलिये इनके बारे में जानते हैं-
नींद हमारी धमनियों को प्रभावित करती है। पर्याप्त नींद न लेने से ब्लड प्रेशर, तथा हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने की अधिक आशंका रहती है और इससे हृदय पर भी बूरा असर पड़ता है। एक वयस्क व्यक्ति के लिए 6-8 घण्टे की नींद लेना आवश्यक है।
अच्छी नींद न आने से तनाव बढ़ता है तथा उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है। उच्च रक्तचाप दिल के रोगों को जन्म देता है जबकि गहरी नींद व्यक्ति को इन सब से दूर रखती है।
देर रात तक जाग कर काम करने वालों में ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर की संभावना अधिक होती है। शोध के अनुसार तेज रोशनी से मेलाटोनीन हार्मोन प्रभावित होता है। यह हार्मोन नींद को लाने में मदद करता है। रोशनी और नींद कम होने से ट्यूमर या गांठ का विकास होता है जो कैंसर को जन्म देता है।
रात की सम्पूर्ण और पर्याप्त नींद के कारण आप स्वयं को ऊर्जावान महसूस करते हैं। भरपूर ऊर्जा से भरे होने के कारण आप बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं और थकावट महसूस नहीं करते।
पर्याप्त नींद लेने वाले व्यक्तियों की याद्दाश्त अच्छी होती है। वह ज्यादा जल्दी चीजों को समझ कर लम्बे समय तक उन्हें याद रख पाते हैं।
कम सोने वालों में कईं बार वजन बढ़ने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। कम सोने के कारण हार्मोन असंतुलन का खतरा रहता है जिससे अधिक भूख लगती है।
पर्याप्त नींद लेने से व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है। जो लोग पूरी नींद नहीं लेते वो दिन भर आलस्य और सुस्ती महसूस करते हैं जिससे कोई भी कार्य करने में एकाग्रता नहीं बन पाती।
सोने पर मस्तिष्क को आराम मिलता है, दिनभर कार्य करने के बाद पर्याप्त नींद हमारे मस्तिष्क के लिए आवश्यक है।
हमेशा पर्याप्त नींद लेने से व्यक्ति को बुढ़ापा नहीं आता। वे अधिक स्वस्थ व सुन्दर दिखते हैं।
अच्छी नींद होने जैसे शरीर को अनेक फायदों का लाभ मिलता है उसी तरह कम नींद अनेक नुकसानों को भी सामना करना पड़ता है।
पर्याप्त नींद न लेने से व्यक्ति तनाव एवं मानसिक रोगों का शिकार हो सकता है।
नींद पूरी न होने से शरीर और दिमाग को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता जिसके कारण बदन दर्द, अकड़न और थकावट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
पाचन तंत्र पर नींद का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। पूरी नींद न लेने पर कब्ज की समस्या हो जाती है।
पूरी नींद न लेने पर व्यक्ति किसी भी कार्य में एकाग्रचित्त नहीं हो पाता और उसकी स्मरणशक्ति कमजोर हो जाती है।
नींद की कमी के कारण व्यक्ति में चिड़चिड़ापन एवं अवसाद जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर भी अधिक क्रोध आने लगता है।
पर्याप्त नींद के अभाव में व्यक्ति को बिना कोई काम किए ही थकान बनी रहती है और सिर हमेशा भारी रहता है।
रात में सोने से पहले पैरों को अच्छी प्रकार धोकर तलवों पर सरसों के तेल की मालिश करने से दिमाग शांत रहता है तथा नींद अच्छी आती है।
सर्पगंधा और अश्वगंधा को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर रख लें। रात में सोते समय 3-5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण पानी के साथ लेने से नींद अच्छी आती है।
अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, शतावरी, मुलेठी, आँवला, जटामांसी और खुरासानी अजवायन इन सबको 50-50 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर रख लें। रात में सोने से इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ लें।
दो चम्मच मेथी के पत्तों का जूस और एक चम्मच शहद को अच्छी तरह से मिलाकर प्रतिदिन सेवन करें।एक कप गर्म दूध में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से रात को नींद अच्छी तरह से आती है।
सोने से पहले एक कप गर्म दूध में एक चम्मच जायफल का पाउडर मिलाकर पिएं। इसके अलावा गर्म दूध में एक चुटकी केसर डालकर पिएं।