Friday, November 22, 2024
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उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है

देश में राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जो आने 19 जुलाई को नामांकन की आखिरी तिथि है।

वहीं अब विपक्ष ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। विपक्षी दल इस बार कोई मजबूत उम्मीदवार उतारने के लिए खास रणनीति बना रहे है। आइए जानते हैं विपक्ष की क्या रणनीति बना रहा है? इस बार विपक्ष में किन-किन नामों की हो रही चर्चा? उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? इस लेख में हम इन सब बातो को जानेंगे।

क्या है विपक्ष की रणनीति?

इस बार बीजेपी की तरज पर ही विपक्ष भी उपराष्ट्रपति पद के लिए रणनीति बना रहा है। वही कांग्रेस सूत्रों की माने तो उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इस बार कांग्रेस विपक्ष का चेहरा बनेगी। राष्ट्रपति चुनाव में टीएमसी ने शुरुआत की थी। उस दौरान उम्मीदवारों के चयन और विपक्षी दलों को एकजुट करने में कई तरह की दिक्कतें आईं। अब उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसा न हो इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है।’

कांग्रेस सूत्रों ने बताया की हम इस बार विपक्षी दलों को एक साथ बैठाकर प्रत्याशी का चयन करेंगे। वही कांग्रेस सूत्रो ने कहा की राष्ट्रपति चुनाव में जो गलतियां हुई है उनको इस बार ध्यान में रखा जायेगा।पिछली बार कई दलों को टीएमसी ने बैठक में आमंत्रित नहीं किया था। इसकी नाराजगी भी कई पार्टियों ने जताई थी। इस बार वह गलती नहीं दोहराएंगे। वही कांग्रेस इस बार छोटे से छोटे विपक्षी दल को साथ लेकर चलने की रणनीति बना रही है। सभी दलों की राय लें कर ही इस बार उम्मीदवार घोषित किया जायेगा ताकि सत्ता पक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को मात दी जा सके।

उपराष्ट्रपति का निर्वाचन

1. उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होता है। उपराष्ट्रपति के पद के लिए किसी व्यक्ति को निर्वाचित किए जाने हेतु निर्वाचकगण में संसद के दोनों सदनों के सदस्य होते हैं।*

2. उपराष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होता है। यदि संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का कोई सदस्य उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है, तो यह समझा जाता है कि उसने उस सदन में अपना स्थान उपराष्ट्रपति के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।

3. A कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति होने का पात्र तभी होगा यदि वह-

(क) भारत का नागरिक है;

(ख) पैंतीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, और

(ग) राज्य सभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित है।

अर्थात् उसे भारत का नागरिक होना चाहिए, उसकी आयु 30 वर्ष की होनी चाहिए, उसे उस राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए जहां से वह प्रतिनिधित्व करने के लिए निर्वाचित होना चाहता है।

कोई व्यक्ति, जो भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है, वह भी इसका पात्र नहीं है।

4. उपराष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति से हुई रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, पदावधि की समाप्ति से पहले ही पूर्ण कर लिया जाता है। यदि रिक्ति मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से होती है, तब उस रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, रिक्ति होने के पश्चात् यथाशीघ्र किया जाता है। इस प्रकार निर्वाचित व्यक्ति अपने पद ग्रहण की तारीख से पूरे पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करने का हकदार होता है।

उपराष्ट्रपति के निर्वाचन का अधीक्षण:

भारत का निर्वाचन आयोग उपराष्ट्रपति के पद के लिए निर्वाचन कराता है।

उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित महत्वपूर्ण उपबंध:

1. Tअगले उपराष्ट्रपति का निर्वाचन निवर्तमान उपराष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति के 60 दिनों के भीतर किया जाना होता है।

2. उपराष्ट्रपति निर्वाचनों को संचालित करने के लिए सामान्यत: नियुक्त निर्वाचन अधिकारी चक्रानुक्रम में संसद के किसी भी सदन का महासचिव होता है। निर्वाचन अधिकारी विहित प्रपत्र में अभ्यर्थियों का नामांकन आमंत्रित करते हुए निर्वाचन के संबंध में इस आशय की सार्वजनिक सूचना जारी करता है और उस स्थान को विनिर्दिष्ट करता है जहां नामांकन पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।

Aनिर्वाचित होने के लिए अर्हित तथा उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन के लिए खड़े होने वाले किसी भी व्यक्ति को कम से कम 20 संसद सदस्यों द्वारा प्रस्तावक के रूप में और कम से कम 20 संसद सदस्यों द्वारा समर्थक के रूप में नामित किया जाना अपेक्षित है।

निर्वाचन अधिकारी को नामनिर्देशन पत्र ऐसे स्थान पर व ऐसे समय व तारीख तक प्रस्तुत किये जाने होते हैं जिन्हें सार्वजनिक सूचना में विनिर्दिष्ट किया गया हो। किसी अभ्यर्थी द्वारा या उसकी ओर से अधिकतम चार नामांकन-पत्र प्रस्तुत किए जा सकते हैं या निर्वाचन अधिकारी द्वारा स्वीकार किए जा सकते हैं।

3. उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन चाहने वाले अभ्यर्थी को 15,000/- रू. की जमानत राशि जमा करनी होती है। अभ्यर्थी की ओर से दायर नामांकन पत्रों की संख्या चाहे कितनी भी हो, उसे सिर्फ यही राशि जमा करानी होगी।

4. नामांकन पत्रों की संवीक्षा निर्वाचन अधिकारी द्वारा विनिर्दिष्ट तिथि पर अभ्यर्थी व उसके प्रस्तावक या समर्थक तथा विधिवत् प्राधिकृत किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में की जाती है।

5. कोई भी अभ्यर्थी विनिर्दिष्ट समय के भीतर निर्वाचन अधिकारी को विहित प्रपत्र में लिखित सूचना देकर अपनी अभ्यर्थिता वापस ले सकेगा।

6. In निर्वाचन में निर्वाचक के पास उतनी ही वरीयताएं होती हैं जितने अभ्यर्थी होते हैं। अपना मत डालने में, मतदाता को अपने मत-पत्र पर उस अभ्यर्थी के नाम के सामने दिए स्थान पर अंक 1 अभिलिखित करना अपेक्षित है जिसका चयन वह अपनी प्रथम वरीयता के रूप में करता है और इसके अतिरिक्त वह अपने मत-पत्र पर अन्य अभ्यर्थी के नामों के सामने दिए स्थान पर अंक 2,3,4 इत्यादि अभिलिखित करके उतनी परवर्ती वरीयताएं अभिलिखित कर सकेगा जितनी वह चाहता है। मतों को भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय रूप में या रोमीय रूप में या किसी भारतीय भाषा के रूप में अभिलिखित किया जाना चाहिए, परन्तु शब्दों में नहीं दर्शाया जाना चाहिए।

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Ravindra Kirti Founder Mojo Patrakar
Ravindra Kirti Founder Mojo Patrakarhttp://mojopatrakar.com/
Ravindra Kirti is a well-rounded Marketing professional with an impressive academic and professional portfolio. He is IIM Calcutta alumnus & holds a PhD in Commerce, having written an insightful thesis on consumer behavior and psychology, which informs his deep understanding of market dynamics and client engagement strategies. His academic journey includes an MBA in Marketing, where he specialized in strategic management, international marketing, and luxury retail management, equipping him with a global perspective and a strategic edge in high-end market segments.In addition to his business expertise, Ravindra is also academically trained in law, holding a Master’s in Law with specializations in law of patents, IT & IPR, police law and administration, white-collar crime, and corporate crime. This legal knowledge complements his role as the Chief at Jurislaw Partners, where he applies a blend of legal acumen and strategic marketing.With such a rich educational background, Ravindra excels across a range of fields, from legal marketing to luxury retail, and event design. His ability to interlace disciplines—commerce, marketing, and law—enables him to drive successful outcomes in every venture he undertakes, whether as Chief at Jurislaw Partners, Editor at Mojo Patrakar and Global Growth Forum, Founder of CircusINC, or Chief Designer at Byaah by CircusINC.On a personal note, Ravindra Kirti is not only a devoted pawrent to his pet, Kattappa, but also an enthusiast of Mixed Martial Arts (MMA) and holds a Taekwondo Dan 1. This active lifestyle complements his multifaceted career, reflecting his discipline, resilience, and commitment—qualities he brings into his professional relationships. His bond with Kattappa adds a warm, grounded side to his profile, showcasing his nurturing and compassionate nature, which shines through in his connections with clients and colleagues.Ravindra’s career exemplifies versatility, intellectual depth, and excellence. Whether through his contributions to media, law, events, or design, he remains a dynamic and influential presence, continually innovating and leaving a lasting impact across industries. His ability to balance these diverse roles is a testament to his strategic vision and dedication to making a difference in every field he enters.
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