सियोल, 13 मई (एपी) 2022 मतलब आज उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को बताया कि देश में बुखार से पीड़ित छह लोगों की मौत हुई है,जिनमें से एक व्यक्ति के कोरेाना वायरस के ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। देश में हाल में 3.5 लाख लोग बुखार से पीड़ित पाए गए हैं।
उत्तर कोरिया ने देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी के पहले मामले की पुष्टि करने के एक दिन बाद यह जानकारी दी है। कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली वाले देश में संक्रमण के प्रकोप के सटीक आंकड़ों की जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। उत्तर कोरिया में अधिकतर आबादी को कोविड-19 रोधी टीके नहीं लगे हैं और कुपोषण की समस्या भी चरम पर है। इस खबर की पुष्टि की गई और इसके साथ ही पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया ने 2020 के आखिर तक 13 से 15 लोगों के सैंपल्स की जांच की थी। लेकिन इनमें सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।
‘बुखार’ नॉर्थ कोरिया में फैल रहा
देश की KCNA न्यूज़ एजेंसी के अनुसार राजधानी प्योंगयांग में अप्रैल के आखरी में अचानक से लोग बुखार की चपेट में आने लगे हैं। यह बुखार चलते-चलते प्योंगयांग के बाहर जा पहुंचा। अब तक कुल 3,50,000 लोगों में इस बुखार के लक्षण देखे गए हैं। हालांकि इनमें से कितने लोग कोरोनावायरस पाए गए हैं। इस बात का खुलासा एजेंसी ने अभी तक नहीं किया है।
नॉर्थ कोरिया में कोई भी वैक्सीनेटेड नहीं
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया इस वक्त कोरोना विस्फोट की स्थिति में हो सकता है। एक्सपर्ट का मानना है कि नॉर्थ कोरिया में रहने वाले 2.5 करोड़ लोग खतरे में हैं क्योंकि यहां ना तो किसी को वैक्सीन लगेगी ना ही अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी यहां फैल रहा बुखार कोरोना का ओमिक्रांन वैरीएंट है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यहां कि 25 मिलियन लोगों को कोविड का टीका नहीं लगाया गया है. जिसके कारण अब यहां पर ये वायरस फैल रहा है. वहीं यहां के शासक किम जोंग उन ने गुरुवार को पोलित ब्यूरो की एक आपातकालीन बैठक का निरीक्षण किया और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन का आदेश दिया. शुक्रवार को, केसीएनए ने कहा कि किम ने राज्य के आपातकालीन महामारी रोकथाम मुख्यालय का दौरा किया और “कोविड -19 के राष्ट्रव्यापी प्रसार के बारे में जानकारी ली.
केसीएनए ने कहा कि “हमारी पार्टी के सामने तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट की स्थिति को जल्द से जल्द सही करना सबसे महत्वपूर्ण चुनौती और सर्वोच्च कार्य है.” बता दें कि उत्तर कोरिया ने विश्व स्वास्थ्य संगठन, चीन और रूस के कोविड टीकों के प्रस्तावों को ठुकरा दिया था. उत्तर कोरिया के साथ लगे दक्षिण कोरिया में टीकाकरण की उच्च दर है, जिसके कारण हाल ही में इस देश ने लगभग सभी कोविड प्रतिबंधों में ढील दी है, मार्च में स्पाइक के बाद मामलों में तेजी से कमी आई है.
लॉकडाउन बन सकता है असली खतरा
एक्सपोर्ट का मानना है कि नॉर्थ कोरिया के लिए असली खतरा कोरोना नहीं, बल्कि लॉकडाउन है। आबादी का बड़ा हिस्सा वैसे ही कुपोषण का शिकार है। पिछले 2 सालों से बॉर्डर्स बंद होने के कारण वैसे भी व्यापार कम हुआ है। और अब लॉकडाउन लगाने से खाने और दवाइयों में और कमी आ सकती है।
BBC के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया में लगा लॉकडाउन कितना सख्त हो सकता है, फिलहाल हमें इसका कोई अंदाजा नहीं है। हो सकता है कि तानाशाह किम जोंग उन दुनिया को अपनी असली हालत बता कर मदद लेने का संकेत दे रहा हो।
गुरुवार को कोरोना पर एक मीटिंग में किम जॉन्ग को पहली बार टीवी पर मास्क पहने देखा गया है। देश में वायरस को कंट्रोल करने के लिए अधिकतम आपातकाल का आदेश दिया गया है, जिसमें वर्कप्लेस पर भीड़ ना जुटाने और लोकल लॉकडाउन लगाने जैसे प्रोटोकॉल शामिल है।
उत्तर कोरिया में लगा है सख्त लॉकडाउन
बता दें कि उत्तर कोरिया में दो साल बाद कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद किम जोंग उन ने पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना से बचाव के उपायों को और अधिक बढ़ाया जाए और इनका सख्ती से पालन किया जाए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को राजधानी प्योंगयांग में कुछ लोगों के सैंपल की जांच की गई थी और इनमें कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उत्तर कोरिया में लोगों को घरों के भीतर रहने को कहा गया है और अधिकारियों द्वारा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया गया है.