अब मैनपुरी से कौन लड़ेगा चुनाव?

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मैनपुरी से चुनाव लड़ने की कवायद शुरू हो चुकी है! मुलायम सिंह यादव का गढ़ मानी जाने वाली मैनपुरी सीट पर अब किसकी कब्जेदारी होगी। इसको लेकर राजनैतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। सियासी गलियारों में मुलायम सिंह यादव के अपने लोकसभा क्षेत्र के राजनैतिक सफर को उनके परिवार के ही तीन लोगों के नाम की चर्चाएं चल रही हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं यही है कि इस सफर को आगे बढ़ाने के लिए उनके परिवार से ही किसी बहुत करीबी को चुनावी मैदान में उतरना होगा।

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट रिक्त हो गई है। अब इसी सीट पर कुछ दिनों बाद उपचुनाव होगा। अब चर्चा इस बात की हो रही है कि मुलायम सिंह यादव की विरासत वाली इस सीट पर आगे कौन उनके सियासी सफर को आगे बढ़ाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसका फैसला तो समाजवादी पार्टी की कमेटी ही करेगी, लेकिन कयास कुछ नामों को लेकर लगाए जाने लगे हैं। इसे पहला नाम मुलायम सिंह यादव की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का है। जबकि दूसरा नाम उनके भतीजे और कभी मैनपुरी सीट से सांसद रहे धर्मेंद्र यादव का है। जबकि तीसरा नाम मुलायम सिंह यादव के पोते और अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव का है।

2019 में लोकसभा चुनावों से पहले मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप यादव इसी सीट से सांसद थे। जबकि मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव भी मैनपुरी सीट से ही लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। ऐसे में कयास ही लगाए जा रहे हैं कि धर्मेंद्र यादव या तेज प्रताप यादव में से किसी एक को मैनपुरी से चुनाव लड़ाया जाएगा। ताकि मुलायम सिंह यादव के सियासी सफर को आगे बतौर सांसद ले जाया जा सके।

हालांकि समाजवादी पार्टी से ताल्लुक रखने वाले एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि अभी इस दिशा में न तो सोचने का वक्त है और न ही कोई बात करने का। लेकिन यह तय है कि मैनपुरी से नेताजी के चल रहे सियासी सफर को निश्चित तौर पर उनके घर से ही कोई बहुत करीबी उसे पूरा करेगा। राजनीतिक विश्लेषक एसएन यादव कहते हैं कि धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव को मैनपुरी से नेताजी के सियासी सफर आगे ले चलने की जिम्मेदारी बतौर सांसद मिल सकती है। लेकिन इस सीट से डिंपल यादव का भी नाम इसमें जोड़ा जा सकता है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि धर्मेंद्र यादव 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे। बाद जब अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट छोड़ी तो उपचुनाव में भी धर्मेंद्र यादव चुनाव हार गए। चूंकि धर्मेंद्र यादव नेताजी मुलायम सिंह यादव के प्रिय थे, वह मुलायम सिंह यादव के साथ ही ज्यादा वक्त भी व्यतीत करते थे। ऐसे में धर्मेंद्र यादव को भी मैनपुरी सीट पर चुनाव लड़ाया जा सकता है। इसके अलावा दूसरा नाम तेज प्रताप यादव का भी है। राजनीतिक जानकार जीडी शुक्ला कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव जब आजमगढ़ और मैनपुरी दोनों जगह से चुनाव लड़कर जीत गए थे, तो उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी। उस दौरान उन्होंने अपनी रिक्त सीट पर अपने पोते तेज प्रताप यादव को चुनाव लड़ाया था और तेज प्रताप यादव मैनपुरी से सांसद हुए थे।

दरअसल अब अखिलेश यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुलायम सिंह यादव के सियासी कद को बरकरार रखने के साथ उनके सियासी सफर को आगे बढ़ाने की भी है। ऐसे में निश्चित तौर पर मुलायम सिंह यादव की रिक्त हुई मैनपुरी सीट पर अखिलेश यादव किसी ऐसे शख्स पर ही भरोसा करेंगे, जो उनके इस सियासी सफर को कंधे से कंधा मिलाकर मजबूती के साथ आगे बढ़ा सके।ऐसे में धर्मेंद्र यादव को भी मैनपुरी सीट पर चुनाव लड़ाया जा सकता है। इसके अलावा दूसरा नाम तेज प्रताप यादव का भी है। राजनीतिक जानकार जीडी शुक्ला कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव जब आजमगढ़ और मैनपुरी दोनों जगह से चुनाव लड़कर जीत गए थे, तो उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी। उस दौरान उन्होंने अपनी रिक्त सीट पर अपने पोते तेज प्रताप यादव को चुनाव लड़ाया था और तेज प्रताप यादव मैनपुरी से सांसद हुए थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव और अपने भतीजे तेजप्रताप यादव के साथ अच्छी बॉन्डिंग रखते हैं। इसलिए तेजप्रताप धर्मेंद्र यादव या डिंपल में से किसी को भी मैनपुरी से चुनाव लड़ाया जा सकता है।