अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में CBI के जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. निरंजनी अखाड़े के महंत और भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई. महंत नरेंद्र गिरी के संदिग्ध मौत का मामले की जांच कर रही CBI की टीम अल्लापुर स्थित बाघम्बरी मठ पहुंची। मठ में महंत नरेंद्र गिरि का कमरा खोले जाने के लिए सीबीआई और पुलिस प्रशासन की टीम दोपहर करीब 2:00 बजे पहुंची थी. इस दौरान मठ के सभी दरवाजों को अंदर से बंद कर लिया गया था. इस दौरान किसी को भी अंदर आने की इजाजत नहीं दी जा रही थी. मीडिया के लोगों को भी सिर्फ एक हिस्से तक सीमित रखा गया था और ऊपर की मंजिल पर उस जगह नहीं जाने दिया गया, जहां पर कमरा खोले जाने की कार्यवाही की गई.इस दौरान महंत के सील करमे को साधु-संतों और पुलिस की मौजूदगी में कमरे को खोला। उसके बाद पुलिस कमरे की वीडियोग्राफी भी कराई। अभी तक इसकी असलियत सामने नहीं आई है। जिस कमरे में महंत की लाश मिली थी। उस कमरे का ताला खोला और जांच की। सूत्रों के अनुसार, महंत के कमरे से एक करोड़ रुपए कैश और लाखों के आभूषण मिले हैं।
अधिकारीयों ने बताया कि कमरे से लगभग एक करोड़ कैश,भारी मात्रा में सोने चांदी के आभूषण बरामद हुआ है। इस दौरान कैश की गिनती कराने के लिए बैंक अधिकारीयों को बुलाया गया। सीबीआई टीम ने बताया कि मठ के वर्तमान महंत बलवीर गिरी को कैश व आभूषण सुपुर्द किया जाएगा। CBI के जांच अधिकारी एडिशनल एसपी केएस नेगी और CBI इंस्पेक्टर की मौजूदगी में कमरे को खाेला गया। इस दौरान SP सिटी समेत कई अधिकारी भी फोर्स के साथ मौजूद रहे। दरअसल मठ के मौजूदा महंत बलवीर गिरि ने कमरा खोले जाने को लेकर कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. अदालत के आदेश पर सीबीआई की टीम आज पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कमरे को खोल रही है. कमरे से मिलने वाले एक-एक सामान का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई जा रही है. मजिस्ट्रेट के आदेश की मौजूदगी में ही ये कमरा अब मठ के मौजूदा महंत बलवीर गिरि को सौंप दिया जाएगा. हालांकि जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि का शव फंदे से लटका पाया गया था, वो कमरा अभी नहीं खुलेगा
दरअसल जिस तरह से सोमवार 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरी का शव उनके कमरे में भगवा रंग के धोती वाले फंदे से लटका हुआ पाया गया था. बाद में करीब 8 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ. इसके बाद ये बातें सामने आई कि उन्होंने आत्महत्या की है, लेकिन एक संत की आत्महत्या करने का मामला किसी को विश्वास नहीं हो पा रहा है. महंत ने सुसाइड नोट में अपने शिष्य आनंद गिरि समेत कई लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। सीबीआई ने सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। हालांकि अभी तक शिष्य आनंद गिरि जेल में बंद है। महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद प्रयागराज पुलिस ने मठ के दो कमरों को सील किया था. एक वो कमरा, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि का शव संदिग्ध हालत में फंदे से लटकता हुआ पाया गया था और दूसरा वो कमरा जिसमें नरेंद्र महंत नरेंद्र गिरि रहते थे. जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरी का शव फंदे से लटकता पाया गया था, वह केस प्रॉपर्टी है. मुकदमे का ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में वो कमरा सिर्फ अदालत के आदेश से ही खोला जा सकता है, लेकिन पहली मंजिल के जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि रहते थे, उसे आज खोले जाने की कार्रवाई की जा रही थी। महंत नरेंद्र गिरि के लाश उनके कमरे में ही एक साल पहले संदिग्ध अवस्था में मिली थी। हाई प्रोफाइल नाम होने के नाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के लिए CBI की टीम लगाई थी। महंत के शिष्य रहे आनंद गिरि 1 साल से जेल में ही हैं। वह कई बार कोर्ट में जमानत के लिए याचिका भी दाखिल कर चुके हैं, लेकिन कोर्ट से उन्हें जमानत नहीं मिली। आनंद गिरी की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उनके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. स्वामी आनंद गिरी के अधिवक्ता विनीत विक्रम सिंह ने कहा कि कोई ठोस सबूत नहीं था. हालांकि कोर्ट ने आनंद गिरी को जमानत देने से इनकार किया है. अपनी टीम के साथ विचार के बाद हम इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.