नई दिल्ली :: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष से सोमवार को मुलाकात की। EU की अध्यक्ष को रायसीना डायलाग के लिए आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-यूरोपीय संघ सामरिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा की और व्यापार जलवायु डिजिटल प्रौद्योगिकी के साथ ही लोगों से संबंधों के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की बैठक के बाद यूरोपीय संघ ने बयान जारी कर कहा कि यूरोपीय संघ और भारत के साझा मूल्य और साझा हित पारस्परिक रूप से लाभकारी और गहन रणनीतिक सहयोग को तेज करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं। यूरोपीय संघ और भारत दशकों की घनिष्ठ साझेदारी से बंधे हैं और वर्तमान चुनौतियों से निपटने और भू-राजनीतिक परिस्थितियों से निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों को बढ़ाने के लिए दृढ़ हैं। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी। EU की अध्यक्ष ने कहा, ‘इस वर्ष यूरोपियन यूनियन-भारत संबंधों की 60वीं वर्षगांठ है और मुझे लगता है कि यह संबंध आज पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। हम जीवंत लोकतंत्र हैं, बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं और हम में बहुत कुछ समान है लेकिन हम एक चुनौती का भी सामना कर रहे हैं।
यूरोपीय परिषद की अध्यक्ष ने कहा कि यह साल यूरोपीय संघ-भारतीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहा है और मैं ऐसा मानता हूं कि आज यह संबंध पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने बताया कि हम वाइब्रेंट डेमोक्रेसीज, बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के सथ ही कई चीजें हमारे बीच सामान्य है लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं. इसलिए इस मुलाकात की सराहना करती हूं.उर्सुला वॉन ने आगे कहा कि ईयू के पास सिर्फ एक ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल है और वह अमेरिका के साथ है. मैं ऐसा मानती हूं कि इसलिए यह समय है जब हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि दूसरे ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी भारत के साथ हो. हमारे पास एक तकनीकी शक्ति के रूप में भारत है
बैठक के बाद यूरोपीय संघ ने एक बयान जारी करके कहा कि यूरोपीय संघ और भारत के साझा मूल्य और साझा हित पारस्परिक रूप से लाभकारी और गहन रणनीतिक सहयोग को तेज करने के लिए एक मजबूत आधार देते हैं। यूरोपीय संघ और भारत कई दशकों की घनिष्ठ साझेदारी से बंधे हुए हैं। दोनों वर्तमान चुनौतियों से निपटने और भू-राजनीतिक परिस्थितियों से निपटने के लिए मिलजुलकर प्रयास करने की दिशा में दृढंसंकल्पित हैं। बयान में यूरोपीय संघ-भारत परिषद की स्थापना यूरोपीय संघ और भारत में सभी लोगों के लाभ के लिए एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।