लोकसभा में विपक्ष जीएसटी और महंगाई के मुद्दे पर लगातार हंगामा कर रहा है. हंगामे को लेकर स्पीकर ओम बिरला नाराज हैं. स्पीकर बिरला ने हंगामा कर रहे सांसदों को दो टूक कहा कि सदन चर्चा संवाद के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं है. हंगामा कर रहे सदस्य सदन की गरिमा को गिरा रहे हैं. हंगामा कर रहे सदस्यों का रवैया संसदीय परम्पराओं के लिए उचित नहीं है. जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी के लिए नहीं भेजा है. अमृतकाल में जनता हमसे चर्चा और संवाद की उम्मीद करती है. विषयों पर चर्चा के लिए प्रक्रिया अनुसार समय देने को तैयार हूं. शून्यकाल में हर विषय को उठाने की अनुमति देने को तैयार हूं. हंगामा करेंगे तो इजाजत नहीं दूंगा, सीट पर जाते हैं तो मौका मिलेगा.
गौरतलब है कि आज (बुधवार, 20 जुलाई) संसद के मॉनसून सत्र का तीसरा दिन है. आज भी संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने जीएसटी और महंगाई पर सरकार के खिलाफ हंगामा कर रहे हैं.दूध-दही और सिलेंडर के कटआउट के साथ सांसद प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम सदन के बाहर और अंदर कीमतों में वृद्धि के खिलाफ अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखेंगे.
बता दें कि सत्र के दूसरे दिन भी सदन में विपक्षी सांसदों ने महंगाई और बढ़ती कीमतों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी, जिसके कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई थी.
लोकसभा सचिवालय की अपील
लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में कहा है कि स्थापित परंपरा के तहत संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बिना पर्चा, पत्रक, प्रश्नावली, प्रेस नोट, साहित्य या मुद्रित सामग्रियों का वितरण नहीं किया जाना चाहिए तथा तख्तियां भी नहीं लायी जानी चाहिए. लोकसभा सचिवालय की संसद सुरक्षा सेवा के 19 जुलाई के बुलेटिन में यह बात कही गई है और सांसदों से सहयोग की अपील की गई है.
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने महंगाई और कई जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने के विरोध में मंगलवार और बुधवार, दोनों दिन संसद भवन परिसर में धरना दिया. इस दौरान कुछ सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां भी ले रखीं थीं और कुछ छाछ के पैकेट भी लेकर पहुंचे थे. इन लोगों ने एक बैनर भी ले रखा था जिस पर गैस सिलेंडर की तस्वीर थी और कुछ नारे भी लिखे थे.
बुलेटिन में कहा गया है कि स्थापित परंपरा के तहत संसद भवन परिसर में स्पीकर की मंजूरी के बिना पर्चे, पत्रक, प्रश्नावली, साहित्य, प्रेस नोट या मुद्रित सामग्रियों का वितरण नहीं किया जाना चाहिए. इसमें कहा गया है कि संसद भवन परिसर के भीतर तख्तियां लाना भी निषिद्ध है और सदस्यों से सहयोग अपेक्षित है.
हंगामे के चलते लोकसभा भी 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है. कीमतों में वृद्धि को लेकर विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहा है, जिसके कारण आज तीसरे दिन भी कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही.संसद के दोनों सदनों में महंगाई को लेकर हंगामा हो रहा है. हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सदन में महंगाई का मुद्दा उठाएंगे : खड़गे
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि अभी सभी महासचिवों को आयोजन सचिव ने बुलाकर बातचीत की है. वो क्या करने वाले हैं ये प्लान उनके पास है. आयोजन सचिव सब विस्तार से बताएंगे मैं उनके तरफ से बोलू ये अच्छा नहीं लगता. कल हम संसद में महंगाई का मुद्दा उठाएंगे.
उधर ,राहुल गांधी समेत कांग्रेस और कुछ अन्य सहयोगी दलों के सांसदों ने महंगाई और कई जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने के विरोध में मंगलवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया. इन सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. इन लोगों ने एक बैनर भी ले रखा था जिस पर गैस सिलेंडर की तस्वीर थी और लिखा था ”दाम बढ़ने से आम नागरिकों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, वे कैसे जीवन यापन करेंगे?”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और कई अन्य विपक्षी सांसद इस धरने में शामिल हुए. विपक्षी सांसदों ने ‘दूध-दही पर जीएसटी वापस लो’ के नारे भी लगाए. जीएसटी परिषद के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो गईं. इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा.