जहां एक और कोरोनावायरस में दोबारा से अपने पैर पसार रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत में बूस्टर डोस लगवाने से लोग तौबा कर रहे हैं! देश में कोरोना महामारी का प्रकोप अब भी जारी है। हर रोज 15 हजार सो अधिक मामले आ रहे हैं और मौत का आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना से बचने के लिए जहां सरकार लोगों से टीका लगवाने की अपील कर रही है वहीं अब कुछ लापरवाही भी सामने आई है। दरअसल, बूस्टर डोज को लेकर चौंकाना वाला आंकड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वक्त में 92 फीसदी भारतीय जो कोरोना वैक्सीन की तीसरी, या बूस्टर खुराक के लिए पात्र हैं, उन्होंने अभी तक ये शॉट्स लिए ही नहीं हैं। जबकि सरकार बार-बार लोगों से आग्रह कर रही है कि बूस्टर डोज लगवाना अनिवार्य है। अब मजबूरी में सरकार को सरकार ने राष्ट्रीय 75-दिवसीय मुफ्त टीकाकरण का ऐलान किया. इससे जाहिर होता है कि ये अभियान टीकाकरण के लिए कितना जरूरी है। पूर्ण संख्या में, भारत में लगभग 59.4 करोड़ वयस्क बूस्टर डोज लेने में देर कर चुके हैं।
सरकार नीति बदल रही
बता दें कि सरकार द्वारा यह कदम सभी वयस्कों के लिए कोरोना टीकों की बूस्टर खुराक की घोषणा के ठीक 95 दिन बाद उठाया गया है। वहीं इससे पहले केंद्र सरकार ने छह जुलाई को दूसरी खुराक और बूस्टर खुराक के बीच के अंतर को नौ से छह महीने तक कम करने की घोषणा की थी। लेकिन क्या यह तर्क देने के लिए पर्याप्त है कि टीकों के मुफ्त प्रावधान से लोग बूस्टर खुराक लेना शुरू कर देंगे?
बता दें कि सरकार ने 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों और फ्रंटलाइन व स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए, बूस्टर शॉट पूरे देश में मुफ्त देने की घोषणा की थी। बीते 12 जुलाई के जारी आंकड़े में पता चला है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स में से 35% पात्र, और हेल्थकेयर वर्कर्स में से 39% ने अपना बूस्टर शॉट नहीं लिया था। सबसे अधिक अनिच्छा 60 वर्ष से ऊपर के लोगों में देखी गई जिनमें कि 73 फीसदी लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लिया है।
कोरोना ने दोबारा पसारे पैर!
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी ने एक बार फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गुरुवार के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटों में कोरोना के 20,139 नए मामले सामने आए हैं जो कि कल की तुलना में 3233 मरीज अधिक है। वहीं इस दौरान 38 मरीजों की जान चली गई। बता दें कल के आंकड़े में 16,906 मामले सामने आए थे और 45 मरीजों की मौत हुई थी। हालांकि, बीते 24 घंटों में 16,482 लोग डिस्चार्ज भी हुए। देश में सक्रिय मरीजों की संख्या 1,36,076 हो गई है जो कि कल की तुलना में 3, 619 अधिक है। महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 52,55,57 लोगों की मौत हुई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटों में कोरोना के 490 मामले सामने आए हैं और तीन लोगों की मौत भी हुई है। बता दें कि पिछले दिन के आंकड़े में दिल्ली में कोरोना के 400 मामले सामने आए थे। बीते 24 घंटे में दिल्ली में कुल 15,495 कोरोना टेस्ट किए गए। जिसमें 3.16 फीसदी की सकारात्मकता दर देखी गई। फिलहाल दिल्ली में वर्तमान में कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर अब 1.35 फीसदी है।देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कल की तुलना में आज कोरोना के मामले कम आए हैं जो कि एक राहत की खबर है। मुंबई में पिछले 24 घंटों में 383 मामले दर्ज किए गए जो कि कल की तुलना में 37 कम है। वहीं इस दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हो गई। बता दें कि कल यानी बुधवार के आंकड़ों में संक्रमितों की संख्या 420 थी।गौरतलब है कि कोरोनावायरस की लगातार पैदा हो रही नई स्ट्रेन्स की वजह से कोविड-19 वैक्सीन्स की प्रभावशीलता लगातार कम हो रही है। वैज्ञानिकों को बार-बार वायरस के खिलाफ टीकों को प्रभावी बनाने के लिए इनकी आधारभूत संरचना में भी बदलाव करना पड़ रहा है। ऐसे में आईआईएससी और सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने वायरस संक्रमण से बचाने के लिए नया तरीका ईजाद किया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रोटीन-प्रोटीन किसी ताले और चाभी की तरह रिएक्ट करते हैं। कोरोनावायरस का बाहरी भाग (स्पाइक प्रोटीन) एक प्रोटीन है, इंसानी कोशिकाओं से टकराने के बाद रिएक्शन कर इसे प्रभावित करता है। यानी अगर वायरस को चाभी मान लिया जाए तो कोशिकाएं ताले की तरह काम करती हैं। लेकिन अगर एक सिंथेटिक प्रोटीन (पेप्टाइड) उसी कोरोना के स्पाइक प्रोटीन की नकल कर ले तो दो प्रोटीन के बीच रिएक्शन होगा और यह ताले-चाभी की तरह होगा। यानी कोरोनावायरस इसके बाद किसी चाभी की तरह इंसानी कोशिकाओं से नहीं जुड़ पाएगा।