नई दिल्ली : राष्ट्रपति कोविंद ने दोनों सदनों के सदस्यों से कहा उत्तर प्रदेश विधानमंडल में सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के बीच गरिमापूर्ण सौहार्द का गौरवशाली इतिहास रहा है. हालांकि इस समृद्ध परंपरा के विपरीत कभी-कभार जो अमर्यादित घटनाएं हुई हैं उन्हें अपवाद के रूप में भुलाने का प्रयास करते हुए आप सबको उत्तर प्रदेश की स्वस्थ राजनीतिक परंपरा को और मजबूत बनाना है. लोकतंत्र में सत्तापक्ष तथा प्रतिपक्ष की विचारधाराओं में अंतर हो सकता हैं, परंतु दोनों पक्षों में वैमनस्य नहीं होना चाहिए इस विशेष सत्र को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के अलावा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह, विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी संबोधित किया l
उत्तर प्रदेश विधानमंडल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त विशेष सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा, “विश्व के सबसे बड़े विधानमंडल को संबोधित करने में मुझे प्रसन्नता महसूस हो रही है। यूपी की 20 करोड़ से अधिक की आबादी एकता में अनेकता को दिखाई देता है। मेरे लिए यूपी की हर यात्रा मुझे जन्मस्थली से जुड़ने और मित्रों से मिलने का सौभाग्य दिलाती है।”कोविंद ने कहा प्रदेश की जनता को आप सबसे बहुत सी उम्मीदें और अपेक्षायें हैं. उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही आपका सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य हैं और आपकी जनसेवा के दायरे में सभी नागरिक शामिल हैं, भले ही उन्होंने आपको वोट दिया हो या न दिया हो राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे बताया गया कि यूपी विधानसभा में महिला सदस्यों की 47 है जो कि कुल सदस्यों 403 का 12% है। वहीं, विधान परिषद में कुल 100 सदस्यों में महिलाओं की संख्या सिर्फ पांच है। इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है कोविंद ने कहा, ‘बाबा साहेब अंबेडकर कहा करते थे कि भारतीय लोकतंत्र के बीज हमें पश्चिम के देशों से नहीं मिले बल्कि उनका स्पष्ट उदाहरण गौतम बुद्ध के समय देश में उपस्थित संघों की कार्य प्रणाली में मिलता है। उत्तर प्रदेश के कौशांबी और श्रावस्ती में ऐसी ही लोकतांत्रिक व्यवस्था मौजूद थी। आप उसी प्राचीन विरासत के उत्तराधिकारी हैं। आप सबके ऊपर बुद्ध और अंबेडकर के आदर्शों को बढ़ाने की जिम्मेदारी है।
विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त विशेष सत्र केअंत में राष्ट्रपति ने उम्मीद जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश आगे बढ़ेगा तो पूरे देश को विकास के लिए संबल मिलेगा। आशा करते हैं कि आज से 25 साल बाद जब आजादी के 100 साल का जश्न मनाया जाएगा तब उत्तर प्रदेश विकास में नंबर वन होगा और हमारा देश विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा होगा।