नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पंचमहल जिले में पावागढ़ पहाड़ी के ऊपर पुनर्विकसित।इस दौरान उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौज़ूद थे। पूजा करने के बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर का झंडा फहराया। इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे यह मंदिर चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक पार्क का हिस्सा है जो कि यूनेस्को की विश्व धरोहरों की लिस्ट में शामिल है. बताया जाता है कि 15वीं सदी में मंदिर को ध्वस्त किए जाने के बाद इसके ऊपरी हिस्से में पीर सदनशाह की दरगाह बना दी गई थी. शिखर न होने की वजह इस मंदिर पर पिछले 500 सालों में पताका नहीं फहराई गई है. अब जीर्णोद्धार के बाद इस मंदिर पर पताका फहराई जाएगी.
पीएम मोदी ने नए मंदिर पर ध्वजारोहण भी किया। सालों बाद नए मंदिर पर ध्वजारोहण किया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सपना जब संकल्प बन जाता है और संकल्प जब सिद्धि के रूप में नजर के सामने होता है। इसकी आप कल्पना कर सकते हैं। आज का ये पल मेरे अंतर्मन को विशेष आनंद से भर देता है। मोदी ने कहा कि कल्पना कर सकते हैं कि 5 शताब्दी के बाद और आजादी के 75 साल के बाद तक मां काली के शिखर पर ध्वजा नहीं फहरी थी, आज मां काली के शिखर पर ध्वजा फहरी है। ये पल हमें प्रेरणा और ऊर्जा देता है और हमारी महान संस्कृति एवं परंपरा के प्रति हमें समर्पित भाव से जीने के लिए प्रेरित करता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”आज सदियों बाद पावागढ़ मंदिर में एक बार फिर से मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरा रहा है। यह शिखर ध्वज केवल हमारी आस्था और आध्यात्म का ही प्रतीक नहीं है। यह शिखर ध्वज इस बात का भी प्रतीक है कि सदियां बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता है।”
नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां काली का आशीर्वाद लेकर विवेकानंद जी जनसेवा से प्रभुसेवा में लीन हो गए थे। मां, मुझे भी आशीर्वाद दो कि मैं और अधिक ऊर्जा के साथ, और अधिक त्याग और समर्पण के साथ देश के जन-जन का सेवक बनकर उनकी सेवा करता रहूं। उन्होंने कहा कि मेरा जो भी सामर्थ्य है, मेरे जीवन में जो कुछ भी पुण्य हैं, वो मैं देश की माताओं-बहनों के कल्याण के लिए, देश के लिए समर्पित करता रहूं। माता के दरबार का कायाकल्प और ध्वजारोहण, मैं समझता हूं कि हम भक्तों और शक्ति उपासकों के लिए इससे बड़ा उपहार क्या हो सकता है। मां के आशीर्वाद के बिना ये संभव भी कहां हो सकता है। पीएम मोदी ने लिखा, ”आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव फिर से स्थापित हो रहे हैं। आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ-साथ अपनी प्राचीन धरोहर और प्राचीन पहचान को उसी उमंग और उत्साह के साथ जी रहा है। हर भारतीय उसपर गर्व कर रहा है