Saturday, October 19, 2024
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भारत के किसानों को सालाना 6000 देने पर WTO में हुआ विरोध।

पीएम किसान सम्मान निधि एक ऐसी योजना हैं। जिसने योजना के तहत किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। हर चार महीने के अंतराल पर 2000 रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं। अब तक इस योजना के तहत किसान सम्मान निधि योजना की 10 किस्तें किसानों के खाते में पहुंच चुकीं हैं। पर अब इस को लेकर विश्व व्यापार संगठन में बहस और विरोध हो रहा है और इस विरोध को कोई और नही बल्कि अमेरिका नेतृत्व कर रहा है।

क्या है विरोध कारण?

यू तो हम सभी जानते है की भारत और अमेरिका के मौजूदा संबंध अच्छे है। पर अमेरिका ने अपने नुकसान को के लेकर चिंता व्यक्त की ओर wto विश्व व्यापार संगठन में अपना विरोध जाहिर किया। इस विरोध के पीछे साफ कारण है कि अमेरिका का अपना नुकसान हो रहा है तभी वो भारत का विरोध कर रहा है।

अमेरिका का क्या है नुकसान। क्यों अमेरिका और यूरोपीय देश कर रहे है विरोध।

घटती अनाज की बिक्री को लेकर हो रहा विरोध।अमेरिका और यूरोप चाहते है की भारत अपने किसानों की देने वाली सब्सिडी को तुरंत रोक दे।इन सबसिडी में एग्रीकल्चर सब्सिडी,यूरिया खाद पर दी जाने वाली सब्सिडीऔर अनाज पर msp के तौर पर दी जाने वाली सब्सिडी शामिल हैं।

अमेरिका और यूरोप का कहना है कि इन सब सब्सिडी से के कारण भारत के किसान भरपूर मात्रा में अनाज का उत्पादन कर रहे है।इस वजह से भारत का अनाज पूरी दुनिया में कम किमत पर उपल्ब हो रहा है जिसके कारण अमेरिका और यूरोपीय देशों का नुकसान हो रहा है ।क्यों कि अमेरिका और यूरोप के अनाज की तुलना में भारत का अनाज कम किमत पर मिल रहा है, जिससे विकास शील देश उनका अनाज नहीं खरीद रहे।यही कारण है कि अमेरिका और यूरोपीय देश भारत द्वारा दी जाने वाली एग्रीकल्चर सब्सिडी को रोकना चाहता है।किसानों को सब्सिडी देने के आधार पर देशो केआंकड़े देखे तो भारत अपने किसानों को सब्सिडी देने के मामले में अमेरिका और चीन से काफी पीछे है। अगर बात अमेरिका की करे तो 2019 में अमेरिका ने अपनी जीडीपी का 0.5% सब्सिडी के रूप में किसानों को दिया। यह भले ही देखने में भारत से कम है पर ध्यान देने वाली बात यह है अमेरिका में किसान भरता के मुकाबले काफी कम है पर इनपर सब्सिडी काफी ज्यादा है। वही चीन अपने किसानों को जीडीपी का 1.6% सब्सिडी के तौर पर देता है। वही यूरोप 0.6% सबसिडी देता है तो फिलीपींस जीडीपी का 3.1% सब्सिडी के तौर पर देता है।

इन देशों के साथ साथ भारत का पड़ोसी इंडोनेशिया भी अपनी जीडीपी का 2.9% सब्सिडी के तौर पर देता है।लेकिन भारत में 50 फीसदी लोग किसान होने पर जीडीपी का केवल 0.6% ही सब्सिडी के तौर पर देता है।अमेरिकी विरोध पर मिला चीन और अन्य देशों का साथ।यू तो भारत का विरोध और अमेरिका और यूरोपीय देश कर रहे है पर इस मुद्दे पर हमेशा विरोध करने वाला चीन भारत के साथ खड़ा है। क्यों की चीन भी सालाना अपने किसानों को लगभग 17लाख की सरकारी मदद देता है। इसके साथ ही भारत का साथ 80 देशों ने भारत का साथ देकर अमेरिका और यूरोपिय देशों के प्रस्ताव पर अपना विरोध किया।

क्या है डब्ल्यूटीओ (WTO)विश्व व्यापार संगठन:

डब्ल्यूटीओ (WTO) एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो पूरे विश्व में व्यापार के लिए कानून और नियम बनाता है। विश्व व्यापार संगठन का उद्घाटन 1995 ई. में हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समझौते द्वारा विभिन्न राष्ट्रों के बीच व्यापार को सुलभ तथा सुनियोजित बनाना। यह वैधानिक रूप से वैश्विक प्रणाली के रूप में कार्य करता है जिस कारण इसके समझौते जटिल तथा लंबे माने जाते हैं।

क्या है विश्व व्यापार संगठन की विवाद निपटान प्रणाली (Disputes Settlement System – DSS)

DSS का उपयोग विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों के बीच व्यापार से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए किया जाता है। डबल्यूटीओ (WTO) की विवाद निपटान प्रणाली (Disputes Settlement System – DSS) को 1995 में स्थापित किया गया था।इसकी स्थापना के बाद से इसे 500 से अधिक शिकायतें मिली हैं और विवादों को सुलझाने के लिए राजनीतिक संवाद और निर्णय दोनों का उपयोग करता है।
DSS वर्तमान में अमेरिकी रुकावट के परिणामस्वरूप एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है जो इस तंत्र को प्रभावी रूप से निष्क्रिय कर सकता है।वर्तमान संकट के किसी भी समाधान के लिए निश्चित रूप से विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों के बीच दूरगामी संस्थागत और संरचनात्मक सुधारों की बातचीत की आवश्यकता होगी।इस माहौल में DSS के साथ भारत के अनुभव का आकलन करना महत्वपूर्ण और उपयोगी दोनों है।यह उन सुधार विचारों की जांच करता है जो एक विकासशील देश के रूप में भारत के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होंगे।

 

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