ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसे कोई बुरी आदत न हो हर व्यक्ति में कोई न कोई बुरी आदत आवश्यक होती है. बुरी आदतों की वजह से इसका सेहत पर लाज़मी असर पड़ता है साथ ही दिमाग़ को भी कमज़ोर बना देती है. अगर आप अपने दिमाग़ को कमज़ोर या बूढ़ा नहीं बनाना चाहते हैं तो अभी से उन आदतों को छोड़ दे.
हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी सेहत अच्छी रहे और हर बीमारी से मुक्त रहे. ऐसे में शरीर का सही से काम करना अत्यंत ज़रूरी होता है आज के समय में शरीर से मस्तिष्क रहना काफी ज़रूरी हो गया है परंतु आपको बता दें कि शरीर के साथ–साथ दिमाग़ पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि समय के साथ–साथ दिमाग़ भी बूढ़ा होने लगता है और कुछ बुरी आदतें दिमाग़ को समय से पहले ही बूढ़ा बनाने का काम शुरू कर देती है. उम्र का बढ़ना दिमाग़ के बूढ़े होने से ताल्लुक़ रखता है. शरीर की पूरी होनें से पहले दिमाग़ बूढ़ा होने लगे तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. जैसे की हेल्दी डाइट न लेना, ख़राब लाइफ़स्टाइल, समय पर खाना नहीं खाना, बहुत ज़्यादा ऑनलाइन समय बिताना, नींद पूरी न करना, स्मोकिंग करना, ज़्यादा मीठा खाना और शराब का अत्यधिक सेवन करना. ये कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो आपके दिमाग़ को समय से पहले बूढ़ा बनाने की कोशिश में जुट जाती है. उन्हें इन आदतों को जल्द ही सुधार ले नहीं तो समय से पहले बूढ़े हो जाएंगे.
आइए आपको डीटेल मैं समझाते हैं:
ज़रूरत से ज़्यादा शराब पीना
आज कल शराब पीना ट्रेंड बन चुका है जिससे देखो शराब पीते हुए अपने आप को रॉक स्टार समझता है. सच जान कर भी अनजान है स्टडीज़ के मुताबिक़ लोग रोज़ शराब नहीं पीते हैं परंतु एक समय ऐसा ज़रूर आता है जिस दिन वह ज़रूरत से ज़्यादा शराब का सेवन कर लेते हैं जिससे उनके सेहत और दिमाग़ दोनों में ही बहुत बड़ा असर पड़ता है. ज़रूरत से ज़्यादा शराब पीना दिमाग़ को बूढ़ा बना देता है. सिर्फ़ इतना ही नहीं ज़्यादा शराब का सेवन करने से किडनी और लंग्स को भी ख़राब कर देता है.
स्मोकिंग करना
आज कल जिसे देखो जहाँ देखो जहाँ देखो स्मोकिंग करते नज़र आता है. चाहे लड़का हो या लड़की स्मोकिंग करना एक फ़ैशन बना रखा है. जिसके कारण इसका असर दिमाग़ पर तेज़ी से होता है. इस पर वर्ष 2010 में स्टडी की गई थी की स्टडी के मुताबिक़ जो लोग बहुत ज़्यादा स्मोकिंग करते हैं उनमे अल्ज़ाइमर की बीमारी का ख़तरा ज़्यादा बढ़ जाता है. स्मोकिंग के पैकेट को देखकर भी लोग उसे भारी मात्रा में ख़रीदते हैं इन्हें पता होता है कि ये उनके स्वास्थ्य के लिए बुरा रहा है फिर भी बढ़े स्टाइल से स्मोकिंग करते हैं.
हेल्दी डाइट न खाना
देखा जा सकता है कि लोग घर का खाना कम खाते हैं और बाहर का खाना ज़्यादा खाते हैं जो उनकी सेहत के लिए और दिमाग़ के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है घर का खाना अच्छा और हेल्दी होता है बाहर का खाना न हेल्दी होता है, न अच्छा होता है. फिर भी लोग बड़ेमज़े से बाहर का खाना खाते हैं और अपने खाने में पालक, साग जैसी सब्ज़ियों को शामिल नहीं करते हैं. बल्कि हरी सब्ज़ियाँ खाना दिमाग़ के लिए अच्छा होता है साथ ही सेहत के लिए हेल्दी भी होता है.
नींद का पूरा न होना
जैसा कि हर किसी के घर में ऐसा कोई न कोई ज़रूर होगा जो अपना ज़्यादा से ज़्यादा समय फ़ोन में ही व्यतीत करता है और अपनी नींद को कम महत्व देता है. ऐसे लोगों का दिमाग़ समय से पहले बूढ़ा उन्हें लगता है क्योंकि हर व्यक्ति को रोज़ 7-8 घंटे की नींद लेना ज़रूरी है कम नींद लेने से इसका असर चेहरे पर पड़ता है और स्ट्रेस लेवल कम होने के बदले बढ़ जाता है.
समय से ज़्यादा ऑनलाइन रहना
Covid 19 महामारी के समय से लोग ऑनलाइन ज़्यादा समय बिताते हैं स्टडीज़ के मुताबिक़ एजिंग ऐंड एजिंग एंड मैकेनिज्म ऑफडिजीज में छपा कम्प्यूटर और स्मार्टफोन से निकलने वाली ब्लू लाइट हमारी आंखों और स्किन पर तो बहुत बुरा असर डालती है साथ ही दिमाग पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ता है. ब्लू लाइट मस्तिष्क और आंखों की कोशिकाओं दोनों को नुकसान पहुंचाती है.