आज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बार्डर-गावस्कर ट्राॅफी के दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन का खेल खेला जा गया. भारत ने आज चौथे पारी में 115 रन का लक्ष्य चेस करके ऑस्ट्रेलिया को लगातार दूसरे टेस्ट में हरा दिया. कल सुबह 61 रन से आगे खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम आज तास के पत्तों के तरह ढह गई. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 113 रन बना सकी भारत के तरह से रविन्द्र जडेजा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 7 सफलताएं प्राप्त की. इस तरह से भारत ने 115 रन क लक्ष्य 4 विकेट खोकर प्राप्त कर लिया.
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को दिया था 115 रन का लक्ष्य
कल 61रन से आगे खेलने उतरी ऑस्ट्रेलियाई की भारतीय गेंदबाजों के आगे नतमस्तक हो गई. सबसे पहले ट्रेविस हेड 43 रन बनाकर रवि अश्विन के शिकार बन गए. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े बल्लेबाज स्टीव स्मिथ भी 9 रन बनाकर अश्विन के जाल मे फंस गए. मार्नस लाबुशेन ने जरूर बीच में क्रीज पर जमकर रन बनाया लेकिन वह भी जडेजा के नीचे रहने वाली गेंद पर बोल्ड होकर पवेलियन लौट गए. इसके बाद तो ऑस्ट्रेलिया का कोई भी बल्लेबाज 10 रन का आंकड़ा भी नही छू सका. कप्तान पैंट कमिंस ने गैरजिम्मेदार शाॅट खेला और जीरो रन पर रविन्द्र जडेजा के हाथों बोल्ड हो गए.
ऐसी रही भारत की पारी
115 रन के लक्ष्य का पिछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत भी कुछ खास अच्छी नही रही. सलामी बल्लेबाज केएल राहुल सिर्फ एक रन बनाकर नाथन लियोन का शिकार बन गए. कप्तान रोहित ने तेजी के साथ बल्लेबाजी करते हुए 20 गेंदो में 31 रनों की पारी खेली. विराट कोहली ने 20 और श्रेयस 10 रनों की पारी खेली. लेकिन इसके बाद केएस भरत और चेतेश्वर पुजारा के बीच एक अच्छी साझेदारी हुई और भारत मैच 6 विकेट से जीत गया. चेतेश्वर पुजारा ने 31 तो श्रीकर भरत ने 23 रनो की पारी खेली.
जीत के बाद क्या बोले रोहित
पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में बोलते हुए रोहित शर्मा ने कहा है कि, ‘हमारे लिए शानदार परिणाम है. यह देखते हुए कि कल चीजें कैसी थीं, जिस तरह से हम वापस आए और अपना काम पूरा किया वह बहुत अच्छा था. भले ही हम सिर्फ एक रन पीछे थे, मुझे लगा कि हम पिछड़ रहे हैं क्योंकि हमें अंत में बल्लेबाजी करनी थी. मुझे लगता है कि गेंदबाज शानदार थे, आज सुबह 9 विकेट लेना काबिले तारीफ है. और फिर हमने बल्ले से काम पूरा किया. इस तरह की पिच पर लोगों को कुछ अलग करने की जरूरत है. हम उनके आने और शॉट खेलने के लिए तैयार थे. हमारा विचार घबराना नहीं था और बस सही क्षेत्रों में हिट करना था, गलती होने का इंतजार करना और ठीक ऐसा ही हुआ. इस तरह के मौसम में आप जो भी खेल खेलते हैं, उसमें कुछ नमी होती है. मैंने देखा कि पहले सत्र में देने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है यह धीमा होता जाता है और पर्याप्त बाइट नहीं मिलती. (गेम चेंजिंग मोमेंट) चार पारियों में बहुत सारे क्षण हैं, लेकिन मुझे लगा कि जडेजा और विराट और फिर अक्षर-अश्विन के बीच साझेदारी शानदार थी. मुझे लगता है कि हमने अपने लिए जो संतुलन बनाया है, उसके कारण यह एक बड़ी मदद है.’
क्या कहा चेतेश्वर पुजारा ने
पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में बोलते हुए चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि, यह एक शानदार टेस्ट मैच रहा, दुर्भाग्य से मुझे पहली पारी में कोई रन नहीं मिला, लेकिन मुझे पता था कि अगर मैं पहले 10 मिनट रुकता हूं तो मैं रन बना सकता हूं. एक खास अहसास, बहुत नर्वस था क्योंकि मेरा पूरा परिवार वहां था. विजयी बाउंड्री मारने पर अच्छा महसूस कर रहा हूं. सभी लोगों को बधाई (सौराष्ट्र की रणजी जीत पर), लंच तक स्कोर का अनुसरण कर रहा था. शानदार उपलब्धि, हम पिछले कुछ वर्षों में लगातार बने रहे हैं और पिछले 4 वर्षों में यह हमारा दूसरा खिताब है. मैंने सोचा था कि हम 200-250 के आसपास कुछ का पीछा करेंगे, इसलिए हम ऐसा करने के लिए तैयार थे. हम कल की गेंदबाजी से थोड़े निराश थे, हमने कुछ ज्यादा रन खर्च किये लेकिन आज वे (स्पिनर) शानदार थे. यह कम बाउंस (स्वीप शॉट के बारे में बात करते हुए) के कारण खेलने के लिए एक आदर्श शॉट नहीं है, लेकिन मैंने इसे खेलने का काफी अभ्यास किया है. मैं अपने पैरों का इस्तेमाल करने की कोशिश करता हूं, ऐसे टर्निंग विकेट पर इस तरह से खेलना हमेशा बेहतर होता है. वास्तव में नहीं (पूछा गया कि क्या यह बल्लेबाजी करने के लिए कठिन विकेटों में से एक था), यह प्रारंभिक चरण है, आपको पिच की गति प्राप्त करने की आवश्यकता है, कुछ गेंदें घूमती हैं, कुछ सीधे जाती हैं – एक बार जब आप अंदर होते हैं, 30 के बाद- 35 गेंदें, एक बार जब गेंद नरम हो जाती है, तो आप ऐसी स्थिति में पहुंच जाते हैं जहां आप आत्मविश्वास के साथ अपने शॉट खेल सकते हैं.’