पैसे का जीवन में काफी महत्व है। जैसे खाने में नमक की जरूरत होती है उसी तरह जीवन में पैसे की भी जरूरत होती है। यदि नमक कम हो या ज्यादा दोनों में ही खाना अच्छा नहीं लगता। ठीक उसी तरह जीवन में पैसा कम हो या अधिक तो भी जीवन अच्छा नहीं लगता। मनुष्य के जीवन में इतना पैसा जरूर होना चाहिए जिससे उसकी आवश्यक आवश्यकता जरूर पूरी हो जाए। परंतु पैसा है पर उसकी बचत नहीं जिससे पैसा होते हुए भी ना के बराबर सा लगता है।
लोगों के बीच यह समस्या बहुत आम है। कुछ लोगों की सैलरी इतनी कम होती कि वे सेविंग्स नहीं कर पाते। परंतु कुछ लोगों की सैलरी बहुत अधिक होती है फिर भी उनकी सेविंग जीरो होती हैं। परंतु आप की समस्या का निवारण मिल गया है आप जल्द से जल्द फटाफट से यह तीन अकाउंट खुलवा ले। आइए जानते हैं कौन से वह तीन अकाउंट।
पैसे हैं पर बचत नहीं, बचत और खर्च दोनों ही एक दूसरे के पूरक है। आज के दौर में बचत कर पाना इतना आसान नहीं होता है अपनी इच्छाओं को काबू करना आसान नहीं हो पाता। जिसके तहत बचत नहीं कर पाते हैं ऐसे बहुत से लोग मिल जाएंगे जिनके सैलरी लाखों में होती है परंतु बचत के नाम पर देखा जाए तो जीरो रहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बचत के लिए कमाई का दायरा तय नहीं है। यह सिर्फ आपके भविष्य के प्रति आपकी जागरूकता को सुनिश्चित करता है। कई बार ऐसा देखने में आया है कम आमदनी करने वाले लोग लोग मोटी रकम जोड़ लेते हैं। और मोटी कमाई करने वाले लोग जीरो बचत कर पाते हैं। इसलिए खर्च और निवेश के बीच तालमेल बैठाना बहुत जरूरी है।
इन तीन प्रकार के अकाउंट के जरिए करें बचत
बजट खर्च और निवेश में तालमेल बैठाना बहुत जरूरी है इसका सीधा संबंध आपके बैंक खातों से हैं यदि आप नौकरी पेशा है या फिर किसी रोजगार से जुड़े हैं तो इस समस्या के हल के लिए आपके पास कम से कम 3 बैंक खाते होने चाहिए।
पहला अकाउंट-यदि आप जॉब करते हैं तो आपको हर महीने सैलरी मिलती होगी जो आपके अकाउंट में सीधा डिपॉजिट होती होगी और यदि आपका कोई बिजनेस है तो फिर आपके पास करंट अकाउंट का होना जरूरी है।
सैलरी अकाउंट को इनकम अकाउंट का नाम भी दे सकते हैं। निवेश के लिए सैलरी के अलावा आपकी जो भी आय है।उसे भी हर महीने इसी खाते में डाले जिससे आपको यह मालूम हो जाएगा कि आप की कुल कितनी आमदनी है।
दूसरा अकाउंट-जब आपको पहले बैंक खाते से यह मालूम हो जाएगा कि आपकी आमदनी कितनी है और उसमें से आपका महीने भर का खर्च कितना है। तो आप उसको दूसरे बैंक के खाते में ट्रांसफर कर दे अर्थात अपने दूसरे बैंक खाते की पहचान खर्च के रूप में होगी। जिसे स्पेंड अकाउंट का नाम दिया जा सकता है। इस अकाउंट में महीने भर की खर्च राशि होगी जिससे आप अपनी जरूरत अनुसार खर्च कर सकते हैं।
तीसरा अकाउंट-जब आप बचत और खर्च के बीच संतुलन बैठाने में सक्षम हो जाएंगे तो आप निवेश कर सकेंगे। पहले अकाउंट से खर्च निकालने के बाद उसमें जो भी रकम बचेगी वह आपकी सेविंग होगी जिसे आप कहीं भी निवेश कर सकते हैं लेकिन उसे निवेश करने के लिए आपको अलग से बैंक खातों की जरूरत होगी निवेश करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आप हर महीने कितना निवेश कर सकते हैं जिसके बाद उस अकाउंट को पहले अकाउंट से सीधे तीसरे अकाउंट यानी कि अपने निवेश खाते में ट्रांसफर कर दे। जिससे आप उस निवेश खाते से हर महीने निवेश कर सकेंगे। शुरुआती तौर पर ज्यादा निवेश करने का ना सोचे जिसके कारण आपका घर का मासिक बजट बिगड़ सकता है। धीरे-धीरे आय बढ़ने पर अपने निवेश को बढ़ाएं।
खर्च बचत और निवेश करने के लिए आपके पास तीन अकाउंट का होना जरूरी है जिसमें आप यह मालूम कर सके कि आपका महीने भर का खर्च कितना है और इसमें आपकी सेविंग कितनी है तथा आपके पास निवेश करने के लिए कितना फंड है। यदि आप यह प्रक्रिया लगातार 6 महीने तक करते हैं तो आपकी जीरो सेविंग्स की समस्या दूर हो जाएगी।