आज दक्षिण नागपुर के रेशीमबाग मैदान में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय वयोश्री और एडिप (असिस्टन्स टू डिसेबल्ड पर्सन्स) योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों को निःशुल्क जीवन सहायक उपकरण एवं सामग्री वितरित की गई। माननीय केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की उपस्थिति में किया। कार्यक्रम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। मौके पर उप-मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र, श्री देवेन्द्र फडणवीस सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
इस वितरण शिविर में आज दक्षिण नागपुर विधानसभा क्षेत्र के 9,018 लाभार्थियों को कुल 66 हजार उपकरण वितरित किए गए, जिनकी संयुक्त लागत 9 करोड़ रुपये से अधिक है। यह पूरी लागत भारत सरकार द्वारा वहन की जा रही है। 43 प्रकार के इन उपकरणों में मुख्य रूप से उपकरण और सामग्री जैसे थ्री व्हीलर साइकिल (हाथ से चलने वाली), व्हील चेयर, वॉकिंग स्टिक, डिजिटल हियरिंग एड, नेत्रहीनों के लिए स्क्रीन रीडिंग के साथ स्मार्ट फोन, ब्रेल कैन (फोल्डिंग कैन), कृत्रिम हाथ और पैर आदि शामिल थे। इन उपकरणों के वितरण के लिए नागपुर शहर के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, आज (25 अगस्त) का कार्यक्रम इसी श्रंखला का पहला कार्यक्रम था।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार जी के भाषण मे कहा की 2011 कì जनगणना के अनुसार भारत में 2.68 करोड़ दिव्यांगजन हैं जो दशे की कुल जनसंख्या का 2.21 प्रतिशत हैं। दिव्यांगजन की अधिकांश आबादी गरीबी में रहती है और बेरोजगार है। एडिप योजना दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण प्रदान करने के लिए लोकिप्रिय योजना है इसी प्रकार, वरिश्ठ नागरिकों के जीवन को बढती उम्र के कारण उत्पन्न शारीरिक दुर्बलता के लिए आवश्यक सहायक उपकरण प्रदान करने और उन्हें गितशीलता स्वावलम्बी बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय वयोश्री योजना की शुरुआत अप्रैल 2017 में की गई थी।आधुनिक सहायक उपकरणों के निर्माण के क्षेत्र में नई तकनीक को अपनाने के लिए एिलिम्को ने जर्मनी की आटोबॉक के साथ हाई-एडं लोअर प्रोस्थेटिक्स (कृत्रिम पैर) के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन और इंग्लैंड की मोटिवेशन ट्रस्ट के साथ आधुनिक व्हीलचेयर के के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन किया और अब आधुनिक सहायक उपकरणों का निर्माण कार्य भी प्रारम्भ किया जा चुका है। इन सहायक उपकरणों के माध्यम से लाभार्थियों को स्वावलम्बी और सशक्त करने के उद्देश्य को पूरा किया जा सकेगा और उन्हें समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़ा जा सकेगा। देश के सभी दिव्यांगजनों को एक केन्द्रीयकृत डाटा बेस बनाने हेतु विशिष्ट दिव्यांगता पहचानपत्र (UDID) लागू किया गया है। UDID परियोजना देश के सभी राज्यों के 713 जिलों में लागू हो चुकी है। 97% जिले इस परियोजना को लागू कर रहे हैं। अब तक 80 लाख से अधिक UDID कार्ड जारी हो चुके हैं।वही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी अपने फेसबुक पोस्ट मे कहा केंद्र सरकार ने देश में दिव्यांग जन अधिकार कानून जारी किया। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत 27 फरवरी से 23 अप्रैल 2022 तक वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांग जनों के लिए जांच शिविरों का आयोजन किया गया था, जिसमें नागपुर शहर में 28,000 और ग्रामीण नागपुर में 8,000 सहित लगभग 36,000 लोगों की जांच की गई। उन सभी को 2 लाख 41 हजार उपकरण और सामग्री वितरित की जाएगी। इन सभी उपकरणों और सामग्रियों की कुल लागत 34.83 करोड़ रुपये है।43 प्रकार के इन उपकरणों में मुख्य रूप से उपकरण और सामग्री जैसे थ्री व्हीलर साइकिल (हाथ से चलने वाली), व्हील चेयर, वॉकिंग स्टिक, डिजिटल हियरिंग एड, नेत्रहीनों के लिए स्क्रीन रीडिंग के साथ स्मार्ट फोन, ब्रेल कैन (फोल्डिंग कैन), कृत्रिम हाथ और पैर आदि भी है।समाज के हर आखिरी व्यक्ति तक पहूँच कर उनकी सेवा करना और उनका विकास करना यही हमारी सरकार का प्रयास है और हम इसके लिए कटिबद्ध ह