नई दिल्ली। मशहूर एक्ट्रेस साई पल्लवी के एक बयान पर देशभर में तूफान खड़ा हो गया है। एक्ट्रेस ने हाल ही दिए एक इंटरव्यू में हिंसा और धर्म के मुद्दे पर बॉलीवुड की चर्चित फिल्म कश्मीर फाइल्स का जिक्र करते हुए कहा – इस फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह से उस समय कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई। लेकिन इसके आगे उन्होंने कहा कि अगर हिंसा को आप धर्म से जोड़ कर देखें तो कुछ दिनों पहले गायों से भरा एक ट्रक ले जा रहे मुस्लिम व्यक्ति को भी पीट कर उसे जय श्री राम के नारे लगाने को कहा गया। इन दोनों घटनाओं में फर्क क्या है?
साई पल्लवी इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘विराट पर्वम’ के प्रमोशन में बिजी है। इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसी लकड़ी का रोल प्ले किया है, जो एक नक्सली के प्यार में पड़ जाती है। तेलुगु भाषा की ये फिल्म 17 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। इसी के प्रमोशन के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए साई ने ये विवादित बयान दिया है।
एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में साई से पूछा गया कि फिल्म में वो एक नक्सली को प्यार करती हैं, क्या रियल लाइफ में कभी इस विचारधारा से उनका जुड़ाव रहा है। तो उन्होंने जवाब दिया कि- मैं किसी के पक्ष में नहीं हैं।
मगर इसके बाद उन्होंने कश्मीर फाइल्स के बहाने धर्म और हिंसा पर बात की और कहा कि समाज में जो भी वर्ग दबा-कुचला है, उसकी रक्षा होनी चाहिए, बिना किसी भेदभाव के। चाहे वह लेफ्ट-विंग का हो या राइट-विंग का।
इसी इंटरव्यू में साई ने आगे कहा- द कश्मीर फाइल्स ने दिखाया कि उस समय कैसे कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई थी। यदि आप इस मुद्दे को एक धार्मिक संघर्ष के रूप में ले रहे हैं, तो हाल ही में एक घटना हुई जहां गायों को ले जा रहे एक मुस्लिम चालक को पीटा गया और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया। तो इन दोनों घटनाओं में अंतर कहां है, एक अतीत से , और दूसरा वर्तमान में?”