फिर बने विक्रमसिंघे श्रीलंका के राष्ट्रपति। रानिल विक्रमसिंघे को नया राष्ट्रपति चुन लिया गया है। बुधवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। रानिल विक्रमसिंघे को 134 सांसदों का समर्थन मिला है। उनके प्रतिद्वंदी दुल्लास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोट ही मिले। राष्ट्रपति चुनाव में तीसरे उम्मीदवार अनुरा कुमारा दिसानायके थे। श्रीलंका के राष्ट्रपति को गोटबाया के इस्तीफे के बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रम सिंह ने कार्यवाहक राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला इसके बाद ही श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की अटकलें तेज होने लगी थी साथ ही साथ श्रीलंका में आर्थिक संकट से ग्रस्त लोगों ने हमले और आगजनी से रोकने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री और मौजूदा राष्ट्रपति विक्रम सिंह ने सख्ती से पेश आने को आदेश किया विक्रम सिंह अपने आदेशों में कहा कि किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लंका अभी अभूतपूर्व आर्थिक व राजनीतिक संकट से जूझ रहा है लंका के सांसदों ने बीते बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विक्रमसिंघे के तथा दो अन्य नेताओं को प्रत्याशी प्रस्तावित किया था। आपको बता दें कि ऐसा 44 वर्ष में पहली बार हो रहा है जब श्रीलंका की संसद सीधे तौर से किसी राष्ट्रपति का चुनाव कर रही है। इससे पहले श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव जनता द्वारा किया जाता था परंतु अभी मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को बाहर निकालने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति चुनाव संसद से ही कराने पर सहमति जताते हुए श्रीलंका को नए राष्ट्रपति देने का बात कही है।
किस किस का था मुकाबला।
आपको बता दें कि श्रीलंका न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक संकट से जूझ रहा है श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति को गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद पूर्व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति का पदभार संभाला था वहीं अब जब राष्ट्रपति का चुनाव हुआ तो विक्रमसिंघे के साथ साथ दो अन्य प्रतिभागी भी इस दौड़ में आगे आए थे। जिनमें से एक ए के दिसानायके और दूसरे दुल्लास अल्हापेरुमा है।
आइए जाने कौन है श्रीलंका के मौजूदा कार्यवाहक और आने वाले राष्ट्रपति रालिन विक्रमसिंघे है।
आपको बता दें कि रानी विक्रम सिंह के पेशेवर तौर पर एक वकील है जो लगभग पिछले 45 वर्षों से श्रीलंका की संसद में बने हुए हैं विक्रमसिंघे 4 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री के तौर पर काम कर चुके है। श्रीलंका के पहले कार्यकारी राष्ट्रपति जूनियस जयवर्धने के भतीजे विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदास की हत्या के बाद पहली बार 1993-1994 तक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। इसके बाद विक्रमसिंघे अब भी प्रधानमन्त्री का पदभार संभाले हुए हैं। पहले वह साल 2001 से 2004 तक भी चलन का के प्रधानमंत्री रहे जब 2001 में यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने आम चुनाव जीता था। लेकिन श्रीलंका में जल चुनाव होने के कारण साल 2004 में विक्रमसिंघे के हाथों से सत्ता चली गई। फिर अपने जीवन में राजनीतिक उठापटक के चलते साल 2018 अक्टूबर माह में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्री पाल सिरिसेना ने उन्हे प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया और साथ ही महिंद्रा राजपक्षे को श्रीलंका का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। सिरिसेना का यह कदम श्रीलंका को राजनीतिक संकट में लेकर आया और श्रीलंका के सर्वोच्च न्यायालय ने सिरिसेना को कहा की वह विक्रमसिंघे को दुबारा प्रधानमंत्री बनाने को कहा।
सजीत प्रेमदास ने बिगाड़ा रहे थे विक्रम का खेल।
सजीत प्रेमदास ने मंगलवार को अपना नाम वापस ले लिया था । बता दें कि सजीत प्रेमदास ने अपने प्रतिद्वंंदी को समर्थन देने के लिए अपना नाम वापस लिया था। प्रेमदास ने ट्वीट कर लिखा – अपने देश के बेहतर हालात के व यहां की जनता की खुशी के लिए, राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारों की लिस्ट से मैं अपना नाम वापस लेता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी डलास अलाहापेरुमा को विजयी बनाने के लिए पूरी मेहनत करेगी।
श्रीलंका के लोगो ने कहा हम आपको देख रहे है।
श्रीलंका में आज नए राष्ट्रपति का चुनाव होना है इसी बीच अंतर को गिरे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम आपको देख रहे हैं पर इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लोगों ने कहा कि हमें श्रीलंका को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना ही होगा।श्रीलंका के नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए संसद की बैठक की पूर्व संध्या पर, इंटर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स फेडरेशन के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर सांसदों को भ्रष्टाचार मुक्त श्रीलंका के लिए वोट करने के लिए प्रभावित करने के लिए मुलाकात की, न कि राजपक्षे के अवशेष युग।”हम सभी सांसदों को देख रहे हैं। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को हटाने के साथ हमारा काम केवल आधा समाप्त हुआ है, वह पहला कदम था। रानिल विक्रमसिंघे को भी उसी माहौल के हिस्से के रूप में देखा जाता है”।