दांत हमारे शरीर के बहुत महत्वपूर्ण अंग माने जाते हैं, यह हमारे पोषण में अहम भूमिका निभाते हैं! दाँतों को नुकसान क्यों पहुँचता है इस बात को समझने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि दाँत होता क्या है। असल में दाँत, मुँह (या जबड़ों) में स्थित छोटे, सफेद रंग की संरचनाएं हैं जो बहुत से कशेरुक प्राणियों में पाया जाता है। दाँत, भोजन को चीरने, चबाने आदि के काम आते हैं। कुछ पशु (विशेषत मांस खाने वाले) शिकार करने एवं रक्षा करने के लिये भी दाँतों का उपयोग करते हैं। दाँतों की जड़ें मसूड़ों से ढकी होती हैं। दाँत, अस्थियों (हड्डी) के नहीं बने होते बल्कि ये अलग-अलग घनत्व व कोठर ऊतकों या टिशुओं से बने होते हैं।
दांतों को सबसे ज्यादा खाने-पीने के कारण नुकसान पहुँचता है।
मिठाइयों में कई बैक्टीरिया पाये जाते हैं। अधिक मिठाई खाने वाले लोगों के मुँह में अधिक बैक्टीरिया चला जाता है। बैक्टीरिया एसिड का उत्पादन कर दांतों के इनामेल को नुकसान पहुंचाते हैं और नियमित रूप से दांतों की सफाई न होने से स्थिति और भी बदतर हो जाती है।
कोल्ड ड्रिंक ज्यादा पीने से दांतों को काफी नुकसान पहुंचता है और डिब्बाबंद जूस में मिठास ज्यादा होने से इसके सेवन से भी दांत खराब होने लगते हैं। इसकी बजाए ताजा जूस पीने से दांतों को कोई हानि नहीं पहुँचती और सेहत भी बेहतर होती जाती है।
अगर आप एनर्जी बढ़ाने के लिए कॉफी का सेवन करते हैं तो दांत खराब होने की सम्भावना रहती है क्योंकि ज्यादा कॉफी पीने से दांतों पर पीलापन जमा होने लगता है जो ब्रश करने पर भी दूर नहीं होता।
कुछ लोग तनाव और नींद की कमी के चलते अपने दांतों को आपस में रगड़ने लगते हैं जिससे दांत कमजोर होने लगते हैं।
बोतलों के ढक्कन खोलने के लिए अगर आप भी दांतों का इस्तेमाल करते हैं तो संभल जाइये क्योंकि ऐसा करने से दांतों में दरारें आने लगती हैं और दांत कमजोर होकर टूट भी सकते हैं।
कुछ लोग बर्फ खाने के बेहद शौकीन होते हैं लेकिन अगर ज्यादा मात्रा में बर्फ खायी जाये तो दांतों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि ज्यादा बर्फ खाने से दांतों में दरारें आ सकती हैं।
अक्सर माना जाता है कि बच्चे ही पेंसिल को चबाने की आदत रखते हैं लेकिन बहुत से बड़े लोगों को भी काम के दौरान पेन मुँह में रखने और चबाते रहने की आदत पड़ जाती है। इस आदत से जल्द से जल्द छुटकारा न मिले तो दांत खराब हो सकते हैं।
कैंडी की अधिकांश किस्मों में एसिड होता है, लेकिन खट्टी कैंडीज में खट्टापन देने के लिए बहुत अधिक मात्रा में एसिड होता है। इसलिए इन कैंडी को खाने से बचें क्योंकि यह आपके दांतों के इनामेल में बड़ी क्षति का कारण बन सकता है।
दवाएं दो तरीके से दांतों के इनामेल को नुकसान पहुंचा सकती है- लार की मात्रा को कम कर मुँह में सूखापन का कारण बनकर या इसमें मौजूद अम्लीय तत्व की मौजूदगी के कारण। इसके अलावा दवाओं या सप्लीमेंट में विटामिन-सी की मौजूदगी इन्हें अत्यधिक अम्लीय बनाती हैं, जो इनामेल को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके अलावा दाँतों को इनके बीमारियों के कारण भी नुकसान पहुँचता है-
पायरिया- शरीर में कैल्शियम की कमी होने, मसूड़ों की खराबी और दांत-मुँह की साफ सफाई में कमी रखने से होता है। इस रोग में मसूड़े पिलपिले और खराब हो जाते हैं और उनसे खून आता है। सांसों की बदबू की वजह भी पायरिया को हीन माना जाता है।
जब आप दांतों को ब्रश करते हैं तो उस समय मसूड़ों से खून निकलता है।
सांसों से बदबू आती है।
दांत ढीले हो जाते हैं या दांतों की स्थिति में परिवर्तन हो जाता है।
पायरिया मसूड़ों को पीछे हटा देता है।
मसूड़ों का लाल होना, मुलायम होना या मसूड़ों में सूजन आना पायरिया के लक्षण को प्रकट करते हैं।
चबाने पर दर्द महसूस होता है।
दांतों के बीच अंतराल बढ़ जाता है और दांत टूटकर गिरने लगते हैं।
अपने मुंह का स्वाद परिवर्तित हो जाता है।
आपके शरीर में सूजन आने लगती है।दाँतों की समस्या में प्याज एक उत्तम घरेलू उपचार है। प्याज में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो दांतों के दर्द से राहत दिलाता है। इसे नियमित सलाद के तौर पर कच्चा खाने से दांतों में दर्द की शिकायत नहीं रहती है। दांत के दर्द में प्याज के टुकड़े को दर्द वाले स्थान पर रखे या चबाएं। अगर आपके दांतों में दर्द ज्यादा है और आप इसे कच्चा नहीं चबा सकते, तो इसका रस निकालकर या प्याज को कूटकर उसकी लुग्दी को दर्द वाले दांतों में लगाकर रखना हितकर उपचार है। इससे दांत के जीवाणु नष्ट हो जाते हैं और आपको दर्द से भी जल्द राहत मिलती है।