पूरे देश में नूपुर शर्मा के समर्थकों को हानि पहुंचाई जा रहीं हैं! मृतक दवा व्यापारी के भाई महेश कोल्हे ने कहा कि हमें अभी उसकी हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। उनके भाई ने कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों में नुपुर शर्मा को लेकर कुछ संदेश फॉरवर्ड किए थे, लेकिन व्यक्तिगत रूप से किसी को नहीं किया था। राजस्थान के उदयपुर में नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले एक टेलर की दिनदहाड़े हुई हत्या से पहले पूर्व भाजपा प्रवक्ता के समर्थन में दवा विक्रेता की हत्या कर दी गई थी। अमरावती पुलिस की जांच में ये सामने आया है। अब मृतक दवा व्यापारी उमेश कोल्हे के भाई महेश कोल्हे ने अपना दर्द बयां किया है। इस दौरान उन्होंने हत्या पर सवाल भी उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 12 दिन हो गए लेकिन पुलिस ने हमें कोई कारण नहीं बताया है। हमने पुलिस से पूछा कि क्या यह लूटपाट का मामला है तो पुलिस ने कहा कि लूटपाट में शरीर पर घाव किए जाते हैं, गले पर नहीं।
मृतक उमेश कोल्हे के भाई महेश कोल्हे ने शनिवार को बताया कि 21 जून की रात जब मेरा भाई दुकान बंद करके अपने घर जा रहा था, तभी कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया और उस पर चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि जानकारी मिनके के बाद जब मैं वहां पहुंचा, तो वह पहले ही मर चुका था। महेश कोल्हे ने कहा कि हमें अभी उसकी हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। उसने हमें कभी धमकी मिलने के बारे में नहीं बताया था। महेश कोल्हे ने बताया कि उनके भाई ने कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों में नुपुर शर्मा को लेकर कुछ संदेश फॉरवर्ड किए थे, लेकिन व्यक्तिगत रूप से किसी को नहीं किया था।
उन्होंने कहा कि मेरे भाई ने कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों में नूपुर शर्मा के बारे में कुछ संदेश भेजे थे, लेकिन हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि 2-4 फॉरवर्ड किए गए संदेशों के कारण उन्हें क्यों मारा गया? उन्होंने कहा कि उसने फारवर्ड किए गए संदेशों को व्यक्तिगत रूप से किसी को नहीं भेजा। महेश कोल्हे ने बताया कि उसे किसी से धमकी नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि हमें बताया गया था कि मामले की प्राथमिक जांच के दौरान 2-4 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ समाचार पत्रों ने बिना उचित जांच के प्रकाशित करना शुरू कर दिया कि वह लूट/डकैती के कारण मारा गया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था।
वहीं, इस घटना के बारे में अमरावती के डीजीपी विक्रम साली ने बताया कि उमेश कोल्हे हत्याकांड में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन पर IPC की धारा 302, 120B, और 109 के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रथम दृष्टया लग रहा है कि उन्होंने(उमेश कोल्हे) नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया था उस कारण यह घटना हुई।
गौरतलब है कि जांचकर्ताओं का मानना है कि अमरावती जिले में 54 साल के केमिस्ट उमेश प्रह्लादराव कोल्हे की साजिश के तहत जो हत्या हुई, वह पैगंबर पर नुपुर शर्मा के विवादित बयानों के समर्थन की वजह से हुई। मामले में पुलिस को जो शिकायत दी गई है, उसमें कहा गया है कि घटना 21 जून को रात 10 से 10.30 बजे के बीच हुई, जब उमेश कोल्हे अपना मेडिकल स्टोर बंद कर के जा रहे थे। बेटा संकेत दूसरे स्कूटर से उनके साथ ही था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, “जब हम प्रभात चौक की तरफ जा रहे थे, तब महिला कॉलेज न्यू हाई स्कूल के गेट के पास अचानक दो मोटरसाइकिल सवारों ने उमेश को रोक दिया। इसके बाद एक हमलावर ने उनके गले के बाईं तरफ चाकू से वार कर दिया। इससे उमेश खून से लथपथ होकर सड़क पर ही गिर गए।” बेटे संकेत का कहना है कि इस घटना के बाद उसने मदद की आवाज लगाई और लेकिन हमलावर फरार हो चुके थे। आसपास के कुछ लोगों की मदद से उमेश को पास के ही एक्सॉन अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि कोल्हे ने कुछ दिन पहले ही व्हाट्सएप से नुपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट वायरल कर दिया था। गलती से उसका ये मैसेज उस ग्रुप में भी चला गया, जिसमें उसके कई मुस्लिम कस्टमर्स भी जुड़े थे। हत्याकांड से जुड़े एक आरोपी ने कहा कि कोल्हे ने पैगंबर के प्रति असम्मान दिखाने वाले का समर्थन किया, इसलिए उसे मरना था।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, 21 जून को हुई उमेश की हत्या के सिलसिले में अब तक कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. गौरतलब है कि नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके खिलाफ देश और दुनिया के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे. अमरावती की पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने शनिवार को कहा, “केमिस्ट की हत्या के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मुख्य आरोपी इरफान खान (32) की तलाश जारी है, जो एक गैर-सरकारी संगठन चलाता है।” यह घटना राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या से एक हफ्ते पहले की है.
अमरावती सिटी कोतवाली थाने के एक अधिकारी ने कहा, “उमेश अमरावती शहर में एक दवा की दुकान चलाता था. उसने कथित तौर पर नुपुर शर्मा के समर्थन में कुछ व्हाट्सएप समूह में एक पोस्ट साझा किया था. उमेश ने गलती से यह पोस्ट एक ऐसे व्हाट्सएप समूह में भेज दिया था, जिसमें दूसरे समुदाय के सदस्य भी थे.” अधिकारी के मुताबिक, इरफान खान नामक एक व्यक्ति ने कथित तौर पर उमेश की हत्या की साजिश रची और इसके लिए पांच लोगों की मदद ली. उन्होंने बताया कि इरफान ने उन पांच लोगों को 10-10 हजार रुपये देने और एक कार में सुरक्षित रूप से फरार होने में मदद करने का वादा किया था!