वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 47वी बैठक चंडीगढ़ में हुई थी। जिसके बाद सरकार ने कई समान पर टैक्स को बढ़ा दिया था। जिससे ना केवल अमीर आदमी बल्कि गरीब आदमी की जेब पर भी खासा बोझ बढ़ गया था। इस बैठक में अनाज सहित कई अन्य आइटम जीएसटी के दायरे में लिए गए थे। इस बैठक में निर्मला सीतारमण के साथ-साथ 4 जीओएम ने भी अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थी।
सरकार ने इस बैठक के बाद चोकर बढ़ाए थे उनको 18 जुलाई से लागू होना था। वहीं सरकार मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही बढ़ती महंगाई को लेकर चर्चा में आ गई और विपक्ष ने संसद के बाहर और अंदर सरकार को घेरा और काफी हद तक हम कह सकते हैं विपक्ष अपनी कूटनीति के चलते सरकार को कई मदों पर टैक्स कम करने के लिए बाध्य कर पाया। जैसा कि हम जानते हैं बीते दिनों लोकसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा के चलते सदन की कार्यवाही नहीं हो पाई वहीं राज्यसभा में सोमवार और मंगलवार की कारवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्ष और जनता के दबाव में आकर कह सकते हैं कि सरकार को कई सामानों से जीएसटी को वापस लेना पड़ा इसके लिए खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्विटर अकाउंट से जानकारी देते हुए कई घरेलू खाद्य पदार्थों पर जीएसटी की बड़ी दरों को वापस ले लिया।
आपको बता दें कि जीएसटी की 47 वीं बैठक में किन किन पदों पर टेस्टी को बढ़ाया गया था।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में पैकेट फूड को जीएसटी के दायरे में लाते हुए जीएसटी पर खाद्य पदार्थों पर लगाने की सिफारिश को स्वीकार कर लिया था इससे पहले नहीं होने पर विशेष खुले खाद्य पदार्थ दूध दही आदि पर टैक्स नहीं लगता था। पर जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद इन पर टैक्स लगा दिया गया। जिससे सरकार को विपक्ष के साथ साथ जनता ने भी घेरा।
इसके साथ साथ क्या क्या हुआ था महंगा।
बैंक चेक बुक जारी करना: बैंकों द्वारा चेक (बुक फॉर्म में) जारी करने के लिए शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा| होटल के कमरे: जीएसटी परिषद ने 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है. अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है|
अस्पताल के बिस्तर: अस्पताल द्वारा प्रति रोगी प्रति दिन 5000 रुपये से अधिक के कमरे के किराये (आईसीयू को छोड़कर) पर 5 फीसदी जीएसटी|
एलईडी लाइट्स, लैंप्स: एलईडी लाइट्स, फिक्स्चर, एलईडी लैंप की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. जीएसटी काउंसिल ने इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में 12 फीसदी से 18 फीसदी तक सुधार की सिफारिश की है|
चाकू: काटने वाले ब्लेड के साथ चाकू, पेंसिल शार्पनर और उसके लिए ब्लेड, चम्मच, कांटे, करछुल, स्किमर्स, केक-सर्वर आदि को 12 प्रतिशत स्लैब से ऊपर 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के तहत रखा गया है|
पंप और मशीनें: डीप ट्यूबवेल टर्बाइन पंप, सबमर्सिबल पंप, साइकिल पंप को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी किया गया है. सफाई, छंटाई या ग्रेडिंग, बीज, अनाज दालों के लिए मशीनें भी इसी दायरे में आएंगी. मिलिंग उद्योग में या अनाज आदि के काम करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनरी, पवन चक्की जो कि हवा आधारित आटा चक्की है, गीली चक्की पर भी पहले के 12 प्रतिशत के विपरीत 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लगेगी.
बिना पैकेट (खुले) वाले आटा दाल बेचने पर अब नहीं देनी होगी जीएसटी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्विटर अकाउंट से जानकारी देते हुए बताया कि कुछ खुले खाद्य पदार्थों पर बीते महीने सरकार द्वारा जीएसटी लगाया गया था जिस पर अब जीएसटी की दरों को वापस ले लिया गया है । उन्होंने बताया की खुले राशन और दही आदि जैसे खाद्य पदार्थ शामिल है।
वित्त मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि खाद्य पदार्थों को खुले में बेचने पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना है। वित्तमंत्री ने जो लिस्ट ट्वीट की है में दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मकई, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मूढ़ी और लस्सी जैसी चीजें शामिल
साथ ही आपको बता दे की वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इन चीजों पर किसी भी तरह का जीएसटी नहीं लगेगा यह सब चीजें बिना पैकिंग के लिए बल्कि बेची जा रही हैं तो, यदि अगर इनमे से किसी भी चीज लेवल के साथ बेचा जाता है तो उस पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा।
साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि खाद्य प्रदार्थों पर जीएसटी हटाने का फैसला किसी एक व्यक्ति विशेष का नहीं है बल्कि पूरी डिस्टिक काउंसिल ने एक प्रक्रिया के तहत किया है।