Friday, November 22, 2024
HomePolitical Newsआजादी के 75 साल को महोत्सव के साथ बनाने की तैयारी को...

आजादी के 75 साल को महोत्सव के साथ बनाने की तैयारी को धार देगा हर घर तिरंगा अभियान।

भारत सरकार के इस साल जब भारत अपनी आजादी का 75 वां वर्ष बना रहा है वहीं सरकार इस मौके को खास बनाने के लिए इसे आजादी अमृत महोत्सव रूप में बनाने जा रही है। भारत सरकार इस महोत्सव को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रही है मोदी सरकार ने इस अमृत महोत्सव खास बनाने के लिए एक अभियान हर घर तिरंगा अभियान चलाया है। देशभर में चलाया जाएगा इस अभियान का मकसद हर नागरिक को तिरंगे को लेकर सम्मान को और बढ़ाना है।

इस इस अभियान का मुख्य लक्ष्य भारत के सभी नागरिकों के दिलों में तिरंगे के सम्मान की भावना को और गहरा करने का है साथ ही राष्ट्रहित के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। भारत में राष्ट्रीय ध्वज को कैसे नियंत्रित किया जाता है यह भारत के ध्वज संहिता 2002 भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया है। यह राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग, प्रदर्शनी और फहराने पर गाइडलाइन प्रोवाइड करता है। भारत का ध्वज संहिता 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया था। जो कि प्राइवेट पब्लिक और गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा ध्वज के प्रदर्शन को नियंत्रित करता है।

“हर घर तिरंगा” अभियान के तहत नागरिकों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह पहल संस्कृति मंत्रालय के नोडल मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में शुरू की गई थी। हर घर तिरंगा अभियान के बारे में दुनिया भर में भारतीयों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया गया था। यह अभियान स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के आलोक में राष्ट्र-निर्माण के प्रति नागरिकों के समर्पण और ध्वज से व्यक्तिगत जुड़ाव के प्रतीक के रूप में काम करेगा । इसका मुख्य लक्ष्य नागरिकों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करना और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

आईए जानें क्या है भारत का संशोधित ध्वज संहिता।

भारत का संशोधित ध्वज संहिता, 2022-2021 में, 2002 कोड को संशोधित किया गया था। संशोधित नियमों के अनुसार अब भारतीय ध्वज को मशीन और पॉलिएस्टर कपड़े का उपयोग करके बनाया जा सकता है। राष्ट्रीय ध्वज अब कपास, पॉलिएस्टर, रेशम, खादी और ऊन का उपयोग करके बनाया जा सकता है।

राष्ट्रीय ध्वज का आकार और आकार

भारत का राष्ट्रीय ध्वज आयताकार आकार में होना चाहिए। इसे किसी भी आकार में बनाया जा सकता है। लेकिन यह लंबाई से चौड़ाई के अनुपात 3:2 का पालन करेगा।

प्रदर्शन पर प्रतिबंध

भारत का ध्वज संहिता, 2002 निजी संगठनों, आम जनता, या शैक्षणिक संस्थानों के सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं प्रदान करता है, अगर इसे सम्मान और सम्मान के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है। इसी कड़ी को जारी रखते हुए देश के सबसे बड़े जनसंखिकीय प्रदेश उत्तर प्रदेश ने भी अपनी सारी तैयारियां कर ली है और इस बार इसे याद गार बनाने को लेकर खुद सीएम योगी अधिकारियो के साथ मीटिंग कर रहे है साथ ही सीएम ने इसे होली दिवाली जैसे उत्सवों की तरह मानने के लिए भी कहा है।
आइए एक नज़र प्रदेश की तैयारियों पर।

स्वतंत्रता दिवस पर बंद नहीं रहेंगे स्कूल, कॉलेज, बाज़ार सरकारी व ग़ैर सरकारी कार्यालय, होगा उत्सव।

प्रदेश में अब तक हर साल स्वतंत्रता दिवस पर सभी सरकारी और निजी संस्थान बंद रहते थे। पर इस बार ऐसे नही होगा आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर इस बार प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस पर इस बार स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और बाजार खुले रहेंगे। सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालय भी बंद नहीं किए जाएंगे। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अधिकारियों को ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि इस साल का स्वतंत्रता दिवस काफी अलग और खास है।भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। हमें इसे विशेष तरीके से मनाना है। हर एक जिला इसे एक इवेंट के तौर पर मनाएं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से जुड़ी जगहों पर कार्यक्रम हों। आजादी के अमृत पर्व पर हर तरफ उत्सव का माहौल रहे। यह महज एक सरकारी कार्यक्रम बन कर न रहे, हमें इसे जन-जन का उत्सव बनाना है।इस बार इसके लिए समाज के हर एक वर्ग को हर तबके को हर सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, एनसीसी कैडेट, नेहरू युवा केंद्र, गांव के नवयुवक मंगल दल, महिला स्वयंसेवी संगठनों, खेल ज्यूडिशरी, व्यापारी संगठन आदि को जोड़ें।मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों निर्देश दिया कि दिवाली पर्व की तरह स्वतंत्रता दिवस पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। संचारी रोग नियंत्रण अभियान पर विशेष ध्यान दिया जाए। हर घर झंडा अभियान के तहत सभी जिलों में झंडा बांटने की पूरी तैयारी कर ली जाए। इसके लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर के समय-समय पर समीक्षा की जाए।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

Ravindra Kirti Founder Mojo Patrakar
Ravindra Kirti Founder Mojo Patrakarhttp://mojopatrakar.com/
Ravindra Kirti is a well-rounded Marketing professional with an impressive academic and professional portfolio. He is IIM Calcutta alumnus & holds a PhD in Commerce, having written an insightful thesis on consumer behavior and psychology, which informs his deep understanding of market dynamics and client engagement strategies. His academic journey includes an MBA in Marketing, where he specialized in strategic management, international marketing, and luxury retail management, equipping him with a global perspective and a strategic edge in high-end market segments.In addition to his business expertise, Ravindra is also academically trained in law, holding a Master’s in Law with specializations in law of patents, IT & IPR, police law and administration, white-collar crime, and corporate crime. This legal knowledge complements his role as the Chief at Jurislaw Partners, where he applies a blend of legal acumen and strategic marketing.With such a rich educational background, Ravindra excels across a range of fields, from legal marketing to luxury retail, and event design. His ability to interlace disciplines—commerce, marketing, and law—enables him to drive successful outcomes in every venture he undertakes, whether as Chief at Jurislaw Partners, Editor at Mojo Patrakar and Global Growth Forum, Founder of CircusINC, or Chief Designer at Byaah by CircusINC.On a personal note, Ravindra Kirti is not only a devoted pawrent to his pet, Kattappa, but also an enthusiast of Mixed Martial Arts (MMA) and holds a Taekwondo Dan 1. This active lifestyle complements his multifaceted career, reflecting his discipline, resilience, and commitment—qualities he brings into his professional relationships. His bond with Kattappa adds a warm, grounded side to his profile, showcasing his nurturing and compassionate nature, which shines through in his connections with clients and colleagues.Ravindra’s career exemplifies versatility, intellectual depth, and excellence. Whether through his contributions to media, law, events, or design, he remains a dynamic and influential presence, continually innovating and leaving a lasting impact across industries. His ability to balance these diverse roles is a testament to his strategic vision and dedication to making a difference in every field he enters.
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments