नई दिल्ली : केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए। शीतकाल में छह माह बंद रहने के बाद कपाट खुलने के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस अवसर पर मौजूद थे। पुजारियों और वेदपाठियों ने मंदिर के गर्भगृह की सफाई की और बाबा को भोग लगाया। इसके बाद मंदिर के अंदर पूजा-अर्चना हुई। सेना के बैंड की धुन के साथ पूरे केदारनाथ में बाबा का जयकारे गूंजा। इस दौरान सीएम धामी के अलावा बीकेटीसी के सदस्य भी मौजूद रहे। आज सुबह 11 बजे विधि-विधान के साथ पंचकेदार के तृतीय भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। कपाट खुलने के मौके पर मंदिर की आकर्षक सजावट की गई । जानकारी के मुताबिक केदारनाथ मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाभारत काल में यहां भगवान शंकर ने पांडवों को बेल के रूप में दर्शन दिया था। इस मंदिर का निर्माण 8वीं-9वीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य ने कराया था। केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाभारत काल में यहां भगवान शंकर ने पांडवों को बेल के रूप में दर्शन दिया था। इस मंदिर का निर्माण 8वीं-9वीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य ने कराया था।
भक्त अब छह महीने तक बाबा केदारनाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकते हैं। केदारनाथ की पंचमुखी डोली गुरुवार को भक्तों के जयकारे के बीच धाम पहुंची। बाबा की डोली को पूरे विधि-विधान के साथ मंदिर के पास विराजमान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से मंदिर में पहली पूजा की गई। वहीं सीएम धामी ने पूजा-अर्चना करके बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। ऐसी मान्यता है कि बाबा केदारनाथ जगत के कल्याण के लिए छह महीने सामधि में रहते हैं और कपाट खुलने के साथ ही बाबा समाधि से जागते हैं और भक्तों को अपना दर्शन देते हैं।
आपको बता दें कि केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। सर्दियों में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सभी चारों धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल दोबारा अप्रैल-मई में खोले जाते हैं । गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट पहले ही खुल चुके हैं जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खुलेंगे l